8th Pay Commission पर बढ़ा विवाद, कर्मचारियों ने ToR में बदलाव की मांग तेज की, DA को बेसिक में मर्ज करने के लिए देशभर में करेंगे आंदोलन
8th Pay Commission को लेकर कर्मचारियों की नाराजगी बढ़ गई है क्योंकि सरकार की ToR में पेंशन संशोधन और कई मुख्य मुद्दे शामिल नहीं हैं. कर्मचारी DA को बेसिक पे में मर्ज करने, 20 फीसदी अंतरिम राहत देने और OPS बहाल करने की मांग कर रहे हैं. इसके लिए देशभर में प्रदर्शन और आंदोलन का एलान किया गया है.
8th Pay Commission को लेकर कर्मचारियों और सरकार के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है. सरकार ने 3 नवंबर को आयोग की टर्म ऑफ रेफरेंस जारी की थी, लेकिन इनमें कई बड़े मुद्दे शामिल न होने से कर्मचारी नाराज हैं. सबसे बड़ी नाराजगी पेंशन संशोधन को पूरी तरह बाहर रखने को लेकर है. इसके चलते कर्मचारी संगठनों ने देशभर में आंदोलन का ऐलान कर दिया है. कर्मचारी चाहते हैं कि DA को बेसिक पे में मर्ज किया जाए और लंबे समय से लंबित मांगों पर तुरंत कदम उठाया जाए. आने वाले हफ्ते सरकार के लिए चुनौती भरे हो सकते हैं.
ToR में पेंशन संशोधन शामिल न होने से नाराजगी
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि 8th Pay Commission की ToR में पेंशन संशोधन को बाहर रखना बड़े वर्ग के हितों को नजरअंदाज करना है. उनका मानना है कि यह फैसला मौजूदा पेंशनर्स और फैमिली पेंशनर्स को सीधे प्रभावित करता है. संगठन का आरोप है कि ToR में शामिल अनफंडेड कॉस्ट वाला क्लॉज भविष्य में OPS पर असर डाल सकता है. संगठन ने इसे रेड लाइन बताते हुए ToR को बदलने की मांग की है.
DA को बेसिक पे में मर्ज करने की मांग तेज
कर्मचारी संगठनों ने DA को बेसिक पे में मर्ज करने की मांग जोर शोर से उठाई है. उनका कहना है कि DA लगातार बढ़ रहा है और इसे बेसिक में मर्ज करने से सैलरी स्ट्रक्चर मजबूत होगी. साथ ही कर्मचारियों को 20 फीसदी अंतरिम राहत भी दी जानी चाहिए. संगठन का कहना है कि यह कदम 1 जनवरी 2026 से लागू किया जा सकता है. यह मांग लंबे समय से लंबित है, जिस पर जल्द फैसला लेने की जरूरत बताई जा रही है.
सरकार और कर्मचारियों के बीच तनाव बढ़ा
पिछले कुछ सालों में कर्मचारियों की मांगों पर कोई ठोस फैसला नहीं होने से असंतोष बढ़ा है. संगठन का आरोप है कि कई मामलों में सरकार ने कदम पीछे खींचे हैं. कई यूनियनों की मान्यता वापस ली गई है और कई नेताओं पर कार्रवाई भी हुई है. कर्मचारियों का कहना है कि यह दमनकारी कार्यवाही है और इससे हालात और बिगड़ रहे हैं. 8th CPC की ToR इस असंतोष को और तेज कर रही है.
देशभर में विरोध प्रदर्शन का प्लान तैयार
कर्मचारी संगठनों ने आंदोलन का चरणबद्ध प्लान जारी किया है. 15 दिसंबर तक देशभर में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. 16 दिसंबर को सभी सरकारी कार्यालयों में लंच आवर प्रदर्शन होगा. 31 दिसंबर तक सभी राज्यों में बड़े convention आयोजित किए जाएंगे. संगठन ने साफ किया है कि आगे का आंदोलन ToR में बदलाव न होने पर और तेज होगा. साथ ही 26 नवंबर को लेबर कोड के खिलाफ भी राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन किया जाएगा.
कर्मचारियों की मुख्य मांगों की लिस्ट
कर्मचारियों ने कई मांगें रखी हैं जिनमें ToR में बदलाव कर पेंशन संशोधन जोड़ना सबसे प्रमुख है. इसके साथ ही 50 फीसदी DA को बेसिक पे में मर्ज करना, लंबित 18 माह की DA DR किस्त जारी करना और OPS को बहाल करना भी शामिल है. संगठन ने अनुकम्पा नियुक्ति (compassionate appointment) की लिमिट खत्म करने और खाली पद भरने की मांग भी उठाई है. ठेका कर्मचारियों को नियमित करने और यूनियनों को फिर से मान्यता देने की मांग भी शामिल है.
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क्या कदम उठाएगी सरकार
कर्मचारियों की नाराजगी लगातार बढ़ रही है और आंदोलन का दायरा भी बड़ा होता जा रहा है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या सरकार ToR में बदलाव करने पर विचार करेगी. कर्मचारी संगठनों ने साफ कहा है कि जब तक ToR में संशोधन नहीं किया जाता, आंदोलन जारी रहेगा. आने वाले कुछ हफ्ते यह तय करेंगे कि हालात टकराव में बदलते हैं या बातचीत का रास्ता खुलता है.
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