महिलाओं को होम लोन पर मिलती है कई सौगात, मिलते हैं ये 6 फायदे

घर खरीदना हर किसी की चाहत होती है क्योंकि घर न केवल आपको सुरक्षित महसूस कराता है, बल्कि वह एक जीवन भर का इन्वेस्टमेंट होता है. 8 मार्च को जब दुनिया महिला दिवस मना रही है, तो हम इस आर्टिकल में होम लोन के ऐसे टिप्स देंगे जो महिलाओं को फाइनेंशियल स्टेबिलिटी के लिए बड़ा कदम हो सकता है.

होम लोन लेने वाली महिलाओं को मिल सकते हैं 6 फायदे Image Credit: Freepik

अतुल मोंगा, सीईओ एंड को-फाउंडर, बेसिक होम लोन : घर खरीदना बहुत से लोगों के लिए जीवन का बड़ा सपना होता है, भारत में महिलाओं के लिए इस उपलब्धि को हासिल करना अधिक आसान हो गया है. बैंक, फाइनैंशियल इंस्टीट्यूशन्स और सरकारी योजनाएं महिलाओं को होम लोन पर कई फायदे देते हैं. यहां हम ऐसे 6 फायदों के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिनकी वजह से भारत में महिलाओं के लिए होम लोन लेना सरल हो जाता है.

कम ब्याज दर

महिलाएं अकेले लोन के लिए आवेदन करें या किसी साथी के साथ मिलकर, ज़्यादातर बैंक महिलाओं को होम लोन की ब्याज़ दर पर 0.05- 0.10 फीसदी तक की छूट देते हैं. हालांकि आपको देखने में ऐसा लग सकता है कि यह मामूली बचत है, लेकिन लम्बी अवधि में इससे बड़ी बचत हो जाती है. आइए इसे एक उदाहरण से समझते हैं.

मान लीजिए एक व्यक्ति 30 साल के लिए 8.75 फीसदी ब्याज़ दर पर रु 30 लाख का लोन लेता है तो उसकी ईएमआई तकरीबन रु 23,601 होगी, उसे कुल रु 84.9 लाख की राशि चुकानी होगी. वहीं महिला के लिए यह ब्याज़ दर कम होकर 8.65 फीसदी हो जाती है, तो उसकी मासिक ईएमआई कम होकर रु 23,387 हो जाएगी और उसे कुल रु 84 लाख़ की राशि चुकानी होगी. इसी तरह ब्याज दर में 0.10 फीसदी की कमी होने से लोन की अवधि के दौरान लगभग रु 77000 की बचत होगी. अगर एक महिला किसी साथी के साथ मिलकर लोन के लिए आवेदन करती है, तो दोनों की कुल इंकम को ध्यान में रखते हुए उन्हें लोन दिया जाएगा, इस तरह ज़्यादा राशि का फ्लेक्सिबल लोन मिलना आसान हो जाएगा.

टैक्स में ज़्यादा फायदे

टैक्स की बात करें तो इंकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत लोन लेने वाली महिला प्रिंसिपल अमाउंट पर सालाना रु 1.5 लाख तक का फायदा पा सकती है. साथ ही सेक्शन 24-बी के तहत वह अपने घर के लिए चुकाए जाने वाले ब्याज़ पर रु 2 लाख सालाना तक की बचत कर सकती है. अगर महिला ने किसी के साथ मिलकर प्रॉपर्टी खरीदी है तो लोन लेने वाले दोनों व्यक्ति अलग-अलग इस फायदे का लाभ उठा सकते हैं. इस तरह टैक्स के फायदे दोगुना हो जाएंगे.

लोन मिलने की अधिक संभावना

महिलाओं का क्रेडिट स्कोर अधिक होता है. वे लोन चुकाने और फाइनैंशियल प्लानिंग में ज़्यादा अनुशासन रखती हैं, इसलिए उन्हें लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है. महिलाओं में डिफॉल्ट होने की संभावना भी कम रहती है, इसलिए बैंक उन्हें आसानी से लोन दे देते हैं.

अगर एक महिला किसी के साथ मिलकर जॉइन्ट होम लोन के लिए आवेदन करती है, तो दोनों की इंकम को ध्यान में रखते हुए बेहतर ब्याज़ दर पर लोन मिलने की संभावना और अधिक बढ़ जाती है, इस तरह वह बेहतर प्रॉपर्टी खरीद सकती हैं. इसी तरह अगर महिला की इंकम स्थिर हो और क्रेडिट स्कोर अच्छा हो तो वह ब्याज़ दर के लिए बैंक से मोलभाव भी कर सकती है.

कम स्टाम्प ड्यूटी

कई राज्य महिलाओं को स्टाम्प ड्यूटी पर 1-2 फीसदी की छूट देते हैं, अगर प्रॉपर्टी महिला के नाम पर रजिस्टर हो. इस तरह प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन में काफी बचत हो जाती है. इससे महिलाओं पर आर्थिक बोझ कम हो जाता है, उनके लिए घर अधिक अफॉर्डेबल हो जाता है, उनमें फाइनैंशियल सुरक्षा और स्वतन्त्रता का भाव बढ़ता है.

सरकार की हाउसिंग योजनाओं के फायदे

स्टाम्प ड्यूटी के अलावा सरकार महिलाओं के लिए कई हाउसिंग योजनाएं भी लेकर आती है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत महिलाओं को ज़्यादा फायदे मिलते हैं. इसी तरह क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना के तहत महिला होम लोन के ब्याज़ पर पर 6.5 फीसदी तक की सब्सिडी का लाभ उठा सकती हैं.

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बेहतर सुरक्षा और महिलाओं का सशक्तीकरण

बैंक और वित्तीय संस्थान महिलाओं को कई तरह से सहयोग प्रदान करते हैं ताकि उनके लिए घर खरीदना आसान और अफॉर्डेबल बन जाए. प्रॉपर्टी खरीदने से महिला की आर्थिक स्वतन्त्रता बढ़ता है और उसे सुरक्षा का भाव मिलता है.

इस तरह के फायदों के साथ भारत में बड़ी संख्या में महिलाएं अपना घर खरीद रही हैं और सुरक्षा के साथ सशक्त बन रही हैं.