फर्जी राजनीतिक दान दिखाकर इनकम टैक्स क्लेम लेने वालों को खोज रहा आयकर विभाग, कार्रवाई से बचने के लिए झट से कर डालें ये काम
CBDT ने डेटा एनालिटिक्स के जरिए फर्जी टैक्स कटौतियों पर कार्रवाई तेज की है. राजनीतिक दलों और ट्रस्ट्स को दान के नाम पर किए गए गलत दावों की पहचान की गई. ‘NUDGE’ अभियान के तहत टैक्सपेयर्स को रिटर्न संशोधित करने के लिए SMS और ईमेल अलर्ट भेजे जा रहे हैं.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इनकम टैक्स में फर्जी कटौतियों (bogus deductions) के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है. खासतौर पर राजनीतिक दलों और चैरिटेबल ट्रस्ट्स को दिए गए दान (donations) के नाम पर किए जा रहे संदिग्ध दावों पर अब डेटा-आधारित जांच (data-led scrutiny) के जरिए शिकंजा कसा जा रहा है. CBDT ने कहा है कि एडवांस्ड एनालिटिक्स की मदद से बड़े पैमाने पर टैक्स कटौतियों के दुरुपयोग का पता चला है, जिसके बाद कई टैक्सपेयर्स ने स्वेच्छा से अपने रिटर्न संशोधित किए हैं.
CBDT की जांच में क्या सामने आया है
CBDT ने 13 दिसंबर को जारी बयान में बताया है कि इनकम टैक्स कानून के तहत दी जाने वाली कुछ कटौतियों और छूटों का संगठित तरीके से गलत इस्तेमाल किया जा रहा था. जांच में यह सामने आया कि कुछ टैक्स इंटरमीडियरीज कमीशन के बदले फर्जी कटौतियों और छूटों के साथ इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करा रहे थे. इनमें खासतौर पर रजिस्टर्ड अनरिकग्नाइज्ड पॉलिटिकल पार्टी (RUPP) और कुछ चैरिटेबल संस्थानों को दिए गए फर्जी दान के दावे शामिल थे जिनके जरिए टैक्स देनदारी कम की जा रही थी और कहीं-कहीं गलत रिफंड भी लिया जा रहा था.
जांच में यह भी सामने आया कि जिन RUPPs के नाम पर दान दिखाया गया जिनमें से कई या तो निष्क्रिय थीं या उन्होंने आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किए थे या वे अपने पंजीकृत पते पर मौजूद ही नहीं थीं. आयकर विभाग के अनुसार, इन संस्थाओं का इस्तेमाल फंड रूटिंग के लिए किया गया जिसमें हवाला और क्रॉस-बॉर्डर रेमिटेंस जैसे संदिग्ध लेनदेन की आशंका भी पाई गई. बिना किसी वास्तविक राजनीतिक या सामाजिक गतिविधि के दान की रसीदें जारी की जा रही थीं.
फर्जी दान के सबूत मिले
CBDT ने बताया कि कुछ राजनीतिक दलों और ट्रस्ट्स पर फॉलो-अप सर्च भी किए गए, जहां व्यक्तियों द्वारा फर्जी दान और कंपनियों द्वारा गलत CSR (कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) दावों से जुड़े सबूत मिले हैं. एहतियाती कदम के तौर पर CBDT ने एनालिटिक्स-आधारित रिस्क प्रोफाइलिंग को और मजबूत किया है, ताकि हाई-रिस्क व्यवहार को शुरुआती स्तर पर ही पकड़ा जा सके. खास फोकस आयकर अधिनियम की धारा 80GGC और 80G के तहत किए गए दान संबंधी दावों पर है.
‘NUDGE’ कैंपेन शुरू किया
डेटा एनालिसिस में पाया गया कि कई टैक्सपेयर्स ने संदिग्ध संस्थाओं से जुड़े दान पर कटौती ली या जरूरी दस्तावेज नहीं दिए. इसके बाद बड़ी संख्या में टैक्सपेयर्स ने आकलन वर्ष 2025–26 के लिए रिटर्न संशोधित किए और पुराने वर्षों के लिए अपडेटेड रिटर्न दाखिल किए हैं. स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा देने के लिए CBDT ने एक टैक्सपेयर-फ्रेंडली ‘NUDGE’ कैंपेन शुरू किया है. इसके तहत SMS और ईमेल के जरिए टैक्सपेयर्स को अलर्ट भेजे जा रहे हैं, ताकि वे बिना तत्काल दंडात्मक कार्रवाई के गलत दावे वापस ले सकें. विभाग ने टैक्सपेयर्स से अपने संपर्क विवरण अपडेट रखने की अपील की है. यह कदम दर्शाता है कि CBDT तकनीक आधारित अनुपालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ संगठित टैक्स चोरी पर सख्त कार्रवाई के मूड में है.
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