शादी करने पर मिलेगा 2.5 लाख रुपये का तोहफा, जानें क्या है सरकार की ये योजना
डॉ. अंबेडकर योजना अंतरजातीय विवाहों को प्रोत्साहित करते हुए समाज में जातिगत भेदभाव को खत्म करने का प्रयास है. योजना के तहत लाभार्थी को लाखों रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है. जानें कैसे आप उठा सकते हैं इसका लाभ.
भारतीय समाज में छुआछूत, ऊंच नीच, जात-धर्म के आधार पर भेदभाव वर्षों से होता आ रहा है. यह विभाजन समाज में संवैधानिक मूल्यों जैसे स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व को हासिल करने में कठिनाई पैदा करता. किसी भी देश के विकास के लिए सबसे जरूरी है एकमुश्त प्रयास. देश की सरकारों ने वक्त वक्त पर कई प्रयास किए लेकिन भेदभाव की खाई को पूरी तरीके से भरा नहीं जा सका.
रूढ़िवादी मानसिकता को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने प्रयास का एक और कदम उठाया. अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने साल 2023 में ‘डॉ. अंबेडकर स्कीम फॉर सोशल इंटीग्रेशन थ्रू इंटरकास्ट मैरिज’ की शुरुआत की. साल 2013 में इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया गया था. योजना का उद्देश्य ऐसे प्रगतिशील समाज का निर्माण करना है जिसमें अंतरजातीय विवाह को सामान्य रूप से स्वीकार किया जाए.
क्या है योजना?
इस योजना के तहत न केवल अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहन देना है बल्कि नवविवाहित जोड़े को आर्थिक सहायता प्रदान करना भी है. योजना के तहत कपल को 2.5 लाख की राशि मुहैया की जाती है. अगर आप इंटर कास्ट कपल हैं और शादी का विचार कर रहे हैं तो खुद को इस योजना के तहत रजिस्टर कर स्कीम का लाभ उठा सकते हैं.
कौन कर सकता है अप्लाई?
ध्यान दें कि विवाह करने वाले जोड़े में से एक व्यक्ति दलित समुदाय और दूसरा दलित समुदाय के बाहर का होना चाहिए. साथ ही आपका विवाह वैध होना चाहिए और हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत पंजीकृत होना चाहिए. इस संबंध में जोड़े के पास सभी दस्तावेज दुरुस्त होने चाहिए.
साथ ही वक्त का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. नवविवाहित जोड़े को शादी के एक साल के भीतर स्कीम के तहत नामांकन करना होगा.अगर जोड़े को राज्य सरकार या संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन से पहले से कोई प्रोत्साहन मिला है, तो वह राशि इस योजना के तहत मिलने वाली कुल राशि में से समायोजित की जाएगी.
स्कीम से क्या हैं फायदे?
कानूनी रूप से वैध अंतरजातीय विवाह के लिए प्रति विवाह ₹2.50 लाख की राशि दी जाएगी. एक प्री-स्टांप्ड रसीद पर ₹1.50 लाख की राशि जोड़े के संयुक्त खाते में जमा की जाएगी और शेष बची राशि तीन साल के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में रखी जाएगी. तीन साल बाद जोड़े को वह राशि ब्याज सहित दी जाएगी.
इसके अलावा, आपके क्षेत्र के जिला प्रशासन को प्रति विवाह ₹25,000 की राशि दी जाएगी ताकि वे बड़े स्तर पर विवाह समारोह आयोजित कर सकें और प्रसिद्ध हस्तियों को इन कार्यक्रमों में आमंत्रित कर सकें.
कैसे करें आवेदन?
योजना के तहत लाभांवित होने के लिए जोड़े को सबसे पहले अपने क्षेत्र के सांसद से बात कर इस स्कीम के लिए फॉर्म लेना होगा. आवेदन फॉर्म में पूरी जानकारी भरने के बाद अपने सभी डॉक्यूमेंट को अटैच कर डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन भेजना होगा. इसके अलावा आप फॉर्म को जिला मजिस्ट्रेट या राज्य सरकार को भी भेज सकती है. सभी दस्तावेजों को सही पाए जानें पर आपको इस स्कीम के तहत रजिस्टर कर लिया जाएगा. और आखिर में आप स्कीम से लाभांवित होंगे.