ईपीएस के तहत मिलती है 6 तरह की पेंशन, जानिए कौन उठा सकता है इसका लाभ
कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के अंतर्गत लाभ लेने के लिए कुछ मानदंडों को पूरा करना होगा, जैसे वह EPFO का सदस्य होना चाहिए.
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के बुढ़ापे का सहारा होती है. 58 साल की उम्र में रिटायर होने के बाद कर्मचारी ईपीएफ से पेंशन पाने के हकदार हो जाते हैं. ईपीएफओ, ईपीएफ को रेगुलेट करता है. कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत पेंशन पाने के लिए कुछ मानदंडों को पूरा करना जरूरी है. सबसे पहले उसे EPFO का सदस्य होना चाहिए. उसकी लगातार 10 साल की सेवा पूरी होनी चाहिए. ईपीएफ के अंशधारकों को 58 साल की उम्र के बाद पेंशन मिलनी शुरू होती है.
ईपीएस 95 के तहत पेंशन के प्रकार
सेवानिवृत्त पेंशन
अगर आपने लगातार 10 साल काम किया है और आप 58 साल की उम्र पार कर चुके हैं, तो आप इसके पात्र हो सकते हैं.
रिटायरमेंट से पहले की पेंशन
अगर लगातार आपने 10 साल से ज्यादा काम किया है और 58 साल से पहले रिटायर हो जाते हैं या रोजगार नहीं मिलती, तो आपको यह पेंशन दी जाएगी.
विकलांग पेंशन
ईपीएस 95 के अंतर्गत विकलांगता पेंशन उन सदस्यों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जो अपनी सेवा के दौरान विकलांग हो जाते हैं.
विधवा एवं बाल पेंशन
विधवा पेंशन मृतक EPFO सदस्य के जीवनसाथी को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए दी जाती है. वहीं, ईपीएस 95 के तहत बच्चों की पेंशन के अंतर्गत एक समय में ईपीएफओ सदस्य के दो जीवित बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है.
अनाथ पेंशन
अनाथ पेंशन मृतक सदस्यों के बच्चों को ऐसी परिस्थिति में दी जाती है जब उनके माता-पिता दोनों न हों, जिससे उनके जीवनयापन और शिक्षा के खर्चों का प्रबंधन करने में मदद मिलती है.
नामांकित पेंशन
नामांकित पेंशन उस स्थिति में दी जाती है जब ईपीएफओ सदस्य की मृत्यु हो जाए और उसका कोई बच्चा या जीवनसाथी न हो. ऐसी स्थिति में उसने जिसे नामित किया होता है, उसे नामांकित पेंशन दी जाती है.