EPF Partial Withdrawal: रिटायरमेंट का इंतजार क्यों? इन कामों के लिए ईपीएफ से अभी निकालें पैसा; जानें नियम

EPF सिर्फ रिटायरमेंट के बाद ही काम नहीं आता, बल्कि नौकरी के दौरान भी कई बड़े खर्चों जैसे मेडिकल इमरजेंसी, बच्चों की पढ़ाई, शादी और होम लोन चुकाने में मदद करता है. EPFO ने आंशिक निकासी की सुविधा आसान बनाने के लिए डिजिटल सर्विसेज भी शुरू की हैं.

ईपीएफ आंशिक निकासी के नियम Image Credit: @Money9live

EPF Partial Withdrawal Rule: Employees’ Provident Fund (EPF) यानी कर्मचारी भविष्य निधि को भारत में करोड़ों सैलरीड लोगों की रिटायरमेंट प्लानिंग का अहम हिस्सा माना जाता है. लेकिन बहुत से लोग यह नहीं जानते कि यह फंड रिटायरमेंट से पहले भी कई बार आपकी मदद कर सकता है. EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation), जो इस फंड का मैनेजमेंट करता है, कर्मचारियों को आंशिक निकासी (EPF Advance) की सुविधा देता है ताकि जरूरत पड़ने पर बिना रिटायरमेंट का इंतजार किए ही पैसा निकाला जा सके. इसको लेकर कुछ नियम कानून हैं जिनके आधार पर ही आपको ईपीएफ का पैसा मिल सकता है. आइए जानते हैं.

कब निकाल सकते हैं पूरा PF बैलेंस?

आंशिक निकासी की सुविधा

रिटायरमेंट से पहले EPF से आंशिक निकासी यानी Partial Withdrawal कई खास परिस्थितियों में की जा सकती है. अगर आपने पांच साल तक लगातार नौकरी की है, तो EPF से निकाली गई रकम पूरी तरह टैक्स फ्री होगी. लेकिन 5 साल से कम सर्विस पर निकासी टैक्सेबल हो सकती है, सिवाय कुछ मामलों जैसे मेडिकल इमरजेंसी या होम लोन चुकाने के. EPF की आंशिक निकासी सुविधा मेडिकल इमरजेंसी, बच्चों की पढ़ाई, शादी या घर बनाने जैसे बड़े खर्चों में राहत देती है. हालांकि, इसका इस्तेमाल सोच-समझकर करना चाहिए ताकि रिटायरमेंट के समय आपके पास पर्याप्त फंड बचा रहे.

किन जरूरतों पर निकाल सकते हैं पैसा?

EPFO के नए बदलाव

EPFO ने निकासी प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए कई डिजिटल सुविधाएं शुरू की हैं. हाल ही में एडवांस क्लेम के ऑटो-सेटलमेंट की लिमिट 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है. इससे लोगों को जल्दी पैसा मिल सकेगा और ऑफिस जाने की जरूरत नहीं होगी.

कैसे करें EPF एडवांस के लिए आवेदन?

ये भी पढ़ें- ITR फाइल करने से पहले करें यह जरूरी काम, नहीं तो आ सकता है इनकम टैक्स विभाग से नोटिस