FOMO Finance: नई पीढ़ी बचत और लाइफस्टाइल के बीच क्यों फंसी है?
FOMO Finance तेजी से मिलेनियल्स और जेन-जेड की पैसे संभालने की आदतों को बदल रहा है. सोशल मीडिया, लाइफस्टाइल इन्फ्लेशन और ट्रेंड-ड्रिवन खर्चों के बीच युवा भारत लगातार ‘सेविंग बनाम स्पेंडिंग’ की दुविधा में फंसा है. रिपोर्ट्स दिखाती हैं कि 60 फीसदी से ज्यादा मिलेनियल्स हर महीने बजट से ज्यादा खर्च करते हैं और लगभग 40 फीसदी युवा सोशल मीडिया के प्रभाव से इमोशनल स्पेंडिंग करते हैं. बढ़ती महंगाई, नौकरी का दबाव और भविष्य की अनिश्चितता financial anxiety को और बढ़ा रही है. दूसरी ओर, FOMO उन्हें यात्रा, गैजेट्स, आउटिंग और प्रीमियम लाइफस्टाइल का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित करता है, जिससे saving rate लगातार नीचे जा रहा है. यह कहानी बताती है कि कैसे FOMO, लाइफस्टाइल इन्फ्लेशन और peer pressure युवा लोगों की spending habits और निवेश व्यवहार को बदल रहे हैं और क्यों आज की नई पीढ़ी पैसा बचाने के साथ-साथ उसे उड़ाना भी चाहती है.
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