घर में रखा सोना बनेगा बिजनेस की ताकत, बिना बेचे ऐसे जुटाएं पूंजी, जानें एक्सपर्ट की राय
घर में रखा सोना सिर्फ गहना नहीं बल्कि जरूरत के समय मजबूत फाइनेंस का जरिया बन सकता है.गोल्ड लोन के जरिए लोग अपने सोने को बेचे बिना उससे पूंजी जुटा सकते हैं.यह सुरक्षित कर्ज विकल्प कम ब्याज दर पर मिलता है और परिवारों व छोटे कारोबारियों दोनों के लिए उपयोगी है.
Gold Loan: भारत के ज्यादातर घरों में सोना सिर्फ गहना नहीं बल्कि आर्थिक सुरक्षा का भरोसा भी माना जाता है. बदलते समय में लोग सोने को बेचने के बजाय उससे फाइनेंस जुटाने के तरीके तलाश रहे हैं. गोल्ड लोन इसी जरूरत का आसान समाधान बनकर उभरा है. बढ़ती सोने की कीमतों ने इसकी उपयोगिता और बढ़ा दी है. परिवार हो या छोटे कारोबारी सभी के लिए यह एक सुरक्षित विकल्प बन रहा है. बिना मालिकाना हक खोए लोग अपनी जरूरतों को पूरा कर पा रहे हैं.
गोल्ड लोन क्या है और कैसे करता है मदद
गोल्ड लोन एक सुरक्षित कर्ज सुविधा है जिसमें सोने के गहनों को गिरवी रखकर लोन लिया जाता है. इसमें सोने का मालिकाना हक उधारकर्ता के पास ही रहता है. लोन चुकाने के बाद वही सोना वापस मिल जाता है. कर्ज की अवधि में सोना लोन देने वाली संस्था की सुरक्षित तिजोरी में रखा जाता है. इससे उधारकर्ता को सुरक्षा का भरोसा मिलता है. भावनात्मक रूप से कीमती गहनों को बेचे बिना जरूरत की रकम मिल जाती है.
कम ब्याज में आसान फाइनेंस का विकल्प
गोल्ड लोन की सबसे बड़ी खासियत इसकी कम ब्याज दर है. चूंकि यह सुरक्षित लोन होता है इसलिए इसकी दरें पर्सनल लोन से कम रहती हैं. इससे शिक्षा शादी या घर से जुड़ी जरूरतों के लिए फाइनेंस जुटाना आसान हो जाता है. लंबी अवधि की बचत या निवेश को छेड़ने की जरूरत नहीं पड़ती. परिवार अपनी आर्थिक योजना को बिगाड़े बिना खर्च पूरे कर सकते हैं. यही वजह है कि मध्यम वर्ग में इसकी मांग तेजी से बढ़ी है.
बिजनेस और स्वरोजगार वालों के लिए फायदेमंद
छोटे कारोबारी और स्वरोजगार करने वाले लोग अक्सर नकदी की कमी से जूझते हैं. कच्चा माल खरीदने या छोटे विस्तार के लिए तुरंत पूंजी चाहिए होती है. गोल्ड लोन जल्दी वितरण और कम कागजी कार्रवाई के कारण उपयोगी साबित होता है. इसमें लचीले रीपेमेंट विकल्प मिलते हैं जिन्हें आय के हिसाब से चुना जा सकता है. इससे बिजनेस की गति बनी रहती है और अवसर हाथ से नहीं निकलते.
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बढ़ता बाजार और भविष्य की संभावनाएं
गोल्ड लोन का औपचारिक बाजार तेजी से बढ़ रहा है. अनुमान है कि आने वाले वर्षों में इसका आकार और बड़ा होगा. सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से लोन की पात्र राशि भी बढ़ी है. डिजिटल प्रक्रिया और आसान नियमों ने इसे और सुलभ बना दिया है. समय पर भुगतान करने से क्रेडिट हिस्ट्री भी मजबूत होती है. यही कारण है कि गोल्ड लोन आज सुरक्षित और प्रभावी फाइनेंस विकल्प के रूप में अपनी जगह बना चुका है.
(लेखक डीबीएस बैंक इंडिया में एसेट्स एंड स्ट्रैटेजिक अलायंस, कंज्यूमर बैंकिंग ग्रुप के कंट्री हेड हैं. प्रकाशित विचार उनके निजी हैं.)
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