EMI और लोन से हैं परेशान तो अपनाएं ये 5 आसान तरीके, कर्ज से मिल सकती है मुक्ति
महंगाई और आसान कर्ज के दौर में वेतनभोगी लोगों के लिए वित्तीय संतुलन बनाए रखना चुनौती बन गया है. ईएमआई, क्रेडिट कार्ड बिल और रोजमर्रा के खर्च तनख्वाह का बड़ा हिस्सा खा जाते हैं. धीरे-धीरे कर्ज बढ़ता जाता है और बचत खत्म हो जाती है, जिससे व्यक्ति अनजाने में कर्ज के जाल में फंसता चला जाता है.
How to be Debt Free: वेतनभोगी व्यक्तियों की एक आम परेशानी होती है कि उनकी तनख्वाह आने से पहले ही उसका अधिकांश हिस्सा खर्च हो जाता है. गाड़ी की ईएमआई, होम लोन, क्रेडिट कार्ड बिल, बच्चों की स्कूल फीस और अन्य नियमित खर्चों के बाद उनके पास मुश्किल से इतना ही बचता है कि वे महीने का गुजारा कर सकें. बचत या नए निवेश के लिए जगह बहुत कम बचती है. कई बार कोई नई चीज खरीदने या संपत्ति में निवेश करने के लिए उन्हें अतिरिक्त कर्ज लेना पड़ता है.
ये फैसले अलग-अलग देखें तो खतरनाक नहीं लगते, लेकिन समय के साथ ये धीरे-धीरे व्यक्ति को कर्ज के जाल में फंसा सकते हैं. सीआरआईएफ हाईमार्क के आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2025 तक 90 दिन से अधिक बकाया क्रेडिट कार्ड कर्ज की डिफॉल्ट दर बढ़कर 15 फीसदी हो गई है, जो मार्च 2024 में 12.5 फीसदी और मार्च 2023 में 12.6 फीसदी थी.
इस रिपोर्ट में कर्जमुक्त होने के पांच प्रभावी उपाय बताए गए हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत बना सकते हैं और कर्ज के बोझ से मुक्ति पा सकते हैं.
MAD से अधिक करें पेमेंट
कर्ज की समस्या का पहला बड़ा संकेत यह है कि आप क्रेडिट कार्ड या लोन की सिर्फ मिनिमम अमाउंट (Minimum Amount Due – MAD) ही चुका रहे हैं. इससे जुर्माना तो बच जाता है, लेकिन मूल राशि पर ब्याज लगातार बढ़ता रहता है. उदाहरण के लिए, 1 लाख रुपये के क्रेडिट कार्ड बिल पर सिर्फ मिनिमम ट्रांजैक्शन करने से कर्ज कई साल तक चल सकता है और ब्याज मूल खर्च से भी ज्यादा हो जाता है. इससे बचने के लिए हर महीने न्यूनतम से ज्यादा भुगतान करें, इससे ब्याज कम होगा और कर्ज जल्दी उतरेगा.
पुराने कर्ज चुकाने के लिए ना लें नया कर्ज
जब पैसे की तंगी होती है तो पुराने बिल चुकाने के लिए नया लोन लेना आसान लगता है. शुरू में यह सामान्य लगता है, लेकिन जल्द ही यह सिलसिला बढ़ जाता है और कुल कर्ज कम होने की बजाय और अधिक हो जाता है. नए कर्ज से बचें. अगर जरूरत हो तो क्रेडिट काउंसलर की मदद लें या मौजूदा लोन की बेहतर भुगतान योजना बनवाएं.
यह भी पढ़ें: MCX पर रिकॉर्ड उछाल! सोना ₹1,38,994 तो चांदी ₹2,32,741 के ऑल-टाइम हाई पर; जानें बुलियन मार्केट का हाल
EMI के बोझ से बचें
अगर हर महीने भुगतान करने के बावजूद आपका कर्ज कम नहीं हो रहा, तो यह कर्ज के जाल में फंसने का मजबूत संकेत है. ऐसा तब होता है जब ज्यादातर पैसा ब्याज में चला जाता है या ईएमआई बहुत लंबी अवधि की होती है. ऐसे में आप हर महीने भुगतान करते हैं लेकिन कर्ज अपने जगह से हिलता. सबसे ज्यादा ब्याज वाले कर्ज (जैसे क्रेडिट कार्ड) को पहले चुकाने की कोशिश करें, इससे मूल राशि तेजी से कम होगी.
35% से अधिक ना हो EMI
बजट में ईएमआई के बाद बचत और जरूरी खर्चों के लिए पैसा बचना चाहिए, लेकिन कर्ज के जाल में ज्यादातर कमाई ईएमआई में ही चली जाती है. अगर 75,000 रुपये महीना कमाने वाला व्यक्ति 25,000 रुपये सिर्फ ईएमआई में देता है, तो उसके पास बाकी खर्चों और बचत के लिए बहुत कम बचता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि कुल ईएमआई आय का 30-35 फीसदी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
तैयार करें इमरजेंसी फंड
सबसे गंभीर संकेत यह है कि कई साल नौकरी करने के बाद भी आपकी बचत जीरो है. हर महीने कमाई कर्ज चुकाने में खत्म हो जाती है और कोई इमरजेंसी फंड नहीं बन पाता. इससे छोटी-मोटी जरूरत पर भी नया कर्ज लेना पड़ता है. सबसे पहले छोटा इमरजेंसी फंड बनाएं, चाहे 5,000-10,000 रुपये ही क्यों न हो. इससे अचानक खर्च के लिए कर्ज लेने की जरूरत कम होगी.