UPS में मिलते हैं इनकम टैक्स के ये फायदे, स्विच करने से पहले आपको जरुर जानना चाहिए, 30 सितंबर है डेडलाइन
केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लागू कर दी है. इस स्कीम का मकसद सरकारी कर्मचारियों को एक निश्चित और गारंटीड पेंशन मुहैया कराना है. इस स्कीम में रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को तयशुदा पेंशन, एकमुश्त रकम और ग्रेच्युटी जैसे फायदे मिलेंगे. यूपीएस के तहत इनकम टैक्स के भी कुछ लाभ मिलते हैं.
यूनिफाइड पेंशन स्कीम Image Credit: Getty image
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में शामिल होने की डेडलाइन 30 सितंबर नजदीक आ गई है इसलिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम के लाभों को समझने का यह एक बेहतरीन समय है. जो कर्मचारी 1 अप्रैल 2025 या उसके बाद सेंट्रल गवर्नमेंट सर्विस में शामिल हुए हैं उन्हें इस स्कीम से जुड़ने के लिए 30 सितंबर तक फॉर्म भरना होगा. UPS, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) की तरह ही एक मार्केट लिंक पेंशन योजना है जो आपको निवेश के विकल्प और अतिरिक्त राशि निकालने का विकल्प प्रदान करती है. यह न्यूनतम पेंशन की भी गारंटी देती है जो मुद्रास्फीति के साथ बढ़ती रहती है और जीवनभर चलती है, जिससे आपको रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा मिलती है. UPS में इनकम टैक्स के कुछ फायदे भी मिलते हैं. आइये इनके बारे में जानते हैं.
यूपीएस के तहत मिलने वाले इनकम टैक्स के लाभ
- जब कोई कर्मचारी रिटायर होता है, तो उसे एकीकृत पेंशन योजना (UPS) के तहत एकमुश्त राशि मिलती है. इस राशि की गणना प्रत्येक छह महीने की सेवा के लिए मासिक वेतन (जिसमें मूल वेतन और महंगाई भत्ता शामिल है) के 10% के आधार पर की जाती है. यह एकमुश्त राशि आयकर अधिनियम की धारा 10(12AB) के तहत इनकम टैक्स से पूरी तरह मुक्त है. इसलिए, रिटायरमेंट पर आपको इस राशि पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.
- जब कर्मचारी यूपीएस में योगदान करते हैं, तो वे अपने मासिक वेतन (जिसमें मूल वेतन + महंगाई भत्ता शामिल है) के 10% तक के योगदान पर टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं. यह कटौती आयकर अधिनियम की धारा 80सीसीडी(1) के अंतर्गत आती है. इस प्रकार, आपका योगदान आपकी टैक्स योग्य आय को कम करता है, जिससे आपको टैक्स में बचत करने में मदद मिलती है और साथ ही आपकी सेवानिवृत्ति भी सुरक्षित रहती है.
- यूपीएस के तहत सेवानिवृत्त होने पर, ग्राहक अपनी पेंशन बचत का एक हिस्सा, विशेष रूप से, अपने इंडविजुअल कॉर्पस का 60% या बेंचमार्क कॉर्पस, जो भी कम हो, निकाल सकते हैं. यह निकासी राशि आयकर अधिनियम की धारा 10(12AA) के तहत इनकम टैक्स से मुक्त है. इसलिए, सेवानिवृत्ति पर इस राशि को निकालने पर आपको इस हिस्से पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.
- इंडविजुअल कॉर्पस से अपने अंशदान के 25% तक आंशिक रूप से निकाली गई राशि को आयकर अधिनियम की धारा 10(128) के तहत टैक्स से छूट दी गई है.
- यूपीएस ग्राहकों के लिए, रिटायरमेंट के समय इंडविजुअल कॉर्पस से पूल कॉर्पस में स्थानांतरित की गई राशि पर भी टैक्स नहीं लगता है. यूपीएस ढांचे के भीतर ऐसे ट्रांसफर आयकर अधिनियम की धारा 80सीसीडी(6) के तहत आय के रूप में टैक्स योग्य नहीं हैं.
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