शॉपिंग है या फ्रॉड! छठ-दिवाली में खरीदारी करते समय रहें सतर्क, ऐसे सेफ रखें अपनी जेब, सरकार ने जारी की चेतावनी
त्योहारों का मौसम आते ही चारों तरफ रौनक और उत्साह होता है. लोग नए कपड़े, सजावट की चीजें और तोहफे खरीदते हैं. ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स और ऐप्स पर आकर्षक ऑफर्स और डिस्काउंट की भरमार होती है. लेकिन इसी उत्साह और जल्दबाजी का फायदा साइबर ठग उठाते हैं, जो नकली वेबसाइट और झूठे ऑफर्स से लोगों को ठग लेते है.

Online Shopping Scams During Festivals: त्योहारों का मौसम आते ही चारों तरफ रौनक और उत्साह होता है. लोग नए कपड़े, सजावट की चीजें और तोहफे खरीदते हैं. ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स और ऐप्स पर आकर्षक ऑफर्स और डिस्काउंट की भरमार होती है. लेकिन इसी उत्साह और जल्दबाजी का फायदा साइबर ठग उठाते हैं. वे नकली वेबसाइट बनाकर, फर्जी लिंक भेजकर और झूठे ऑफर्स दिखाकर लोगों को जाल में फंसा लेते हैं. नतीजा यह होता है कि लोग अपनी मेहनत की कमाई गंवा बैठते हैं और त्योहार की खुशियां फीकी पड़ जाती हैं. इसलिए जरूरी है कि शॉपिंग करते समय सतर्क रहें और कुछ खास बातों का ध्यान रखें. गृह मंत्रालय ने इसे लेकर चेतावनी जारी की है.
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ठगी होती कैसे है?
ऑनलाइन ठग असली साइट जैसी नकली वेबसाइट बनाकर लोगों को गुमराह करते हैं. वे बहुत सस्ते ऑफर्स और बड़े डिस्काउंट का लालच देकर यूजर को फर्जी लिंक पर क्लिक करवाते हैं. इन लिंक पर जाकर पेमेंट करने पर पैसा सीधे ठगों के अकाउंट में चला जाता है. असुरक्षित पेमेंट गेटवे और UPI लिंक इनके आम हथकंडे हैं. इनमें जो तरीका अपनाया जाता है वे कुछ इस तरह के होते हैं.
- नकली वेबसाइट बनाकर असली साइट जैसी दिखाना.
- “Too good to be true” ऑफर देना.
- नकली लिंक भेजना और क्लिक करवाना.
- असुरक्षित पेमेंट गेटवे से पैसा मंगाना.
कैसे बचा जाए?
खरीदारी करने से पहले वेबसाइट के नाम और URL को ध्यान से देखें. नकली साइट अक्सर स्पेलिंग बदलकर असली जैसी दिखती हैं. हमेशा सुरक्षित और भरोसेमंद पेमेंट गेटवे का ही इस्तेमाल करें. यदि कोई ऑफर हकीकत से बहुत अच्छा लगे तो सतर्क हो जाएं. किसी भी अनजान लिंक या संदिग्ध मैसेज पर बिना जांचे क्लिक ना करें. साइबर दोस्त ने यूजर्स से चेतावनी दी है और अपील किया है कि इन सलाहों का अपनाएं.
ठगी के शिकार होने के बाद क्या करें?
- सबसे पहले तुरंत 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें और पूरी घटना की जानकारी दें ताकि आपका पैसा फ्रीज कराया जा सके.
- cybercrime.gov.in पर जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें और स्क्रीनशॉट, मैसेज, पेमेंट डिटेल्स जैसे सबूत अपलोड करें.
- नजदीकी पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत देकर FIR दर्ज कराएं.
- अपने बैंक को तुरंत सूचित करें और ट्रांजैक्शन को रिपोर्ट करें ताकि आगे और नुकसान न हो
- सभी सबूत जैसे ईमेल, मैसेज, व्हाट्सएप चैट या लिंक सुरक्षित रखें क्योंकि जांच में इनकी जरूरत पड़ेगी.
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