सिलेंडर डिलीवरी में नहीं होगी देरी, सिम कार्ड की तरह बदल सकेंगे गैस कंपनी; आ रहा है LPG पोर्टेबिलिटी फ्रेमवर्क

एलपीजी कंज्यूमर बिना नया कनेक्शन लिए अपनी गैस कंपनी बदल सकेंगे. पीएनजीआरबी ने 'एलपीजी इंटर-ऑपरेबिलिटी' पर सुझाव मांगे हैं. लोगों की इसपर राय जानने के बाद देशभर में इसे लागू करने की तारीख तय की जाएगी.

एलपीजी सिलेंडर Image Credit: tv9 bharatvarsh

देशभर के रसोई गैस उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत की खबर है. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (PNGRB) एक ऐसा LPG इंटरऑपरेबिलिटी फ्रेमवर्क लाने की तैयारी कर रहा है, जिसके बाद कंज्यूमर बिना किसी झंझट के अपने LPG प्रोवाइडर को बदल सकेंगे. यह सिस्टम कुछ हद तक मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी जैसा होगा. इसका मतलब यह है कि अगर किसी घर में इंडेन गैस का कनेक्शन है, तो आने वाले समय में वे बिना नया कनेक्शन लिए भारत गैस या HP गैस पर आसानी से स्विच कर पाएंगे.

क्यों लाया जा रहा है LPG पोर्टेबिलिटी?

PNGRB के मुताबिक, भारत में LPG की पहुंच लगभग हर घर तक हो चुकी है. फिलहाल देश में 32 करोड़ से ज्यादा एक्टिव कनेक्शन हैं. इसके बावजूद हर साल करीब 17 लाख कंज्यूमर शिकायतें दर्ज होती हैं. सबसे ज्यादा शिकायतें सिलेंडर डिलीवरी में देरी और सप्लाई बाधित होने को लेकर आती हैं. कई जगह कंज्यूमर को गैस रिफिल के लिए हफ्तों इंतजार करना पड़ता है. ऐसे में जब लोकल डीलर किसी समस्या से जूझ रहा हो, तो कंज्यूमर के पास कोई विकल्प नहीं बचता है. PNGRB का कहना है कि सभी कंपनियों के सिलेंडर की कीमत एक जैसी होती है, ऐसे में उपभोक्ता को अपने डीलर और कंपनी चुनने की आजादी मिलनी चाहिए.

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क्या होगा बदलाव?

नए इंटर-कंपनी पोर्टेबिलिटी फ्रेमवर्क में यह पाबंदी हटाने की तैयारी है. इसका मकसद कंज्यूमर्स को ज्यादा सुविधा और भरोसा देना है. PNGRB ने कहा कि अब उपभोक्ताओं, डीलरों और नागरिक संगठनों से सुझाव लिए जा रहे हैं ताकि इस व्यवस्था को मजबूत बनाया जा सके. इस बदलाव के बाद अगर आपके क्षेत्र का इंडेन डीलर स्टॉक में नहीं है, तो आप अस्थायी रूप से भारत गैस या HP गैस से सिलेंडर भरवा सकेंगे. अगर सेवा से संतुष्ट नहीं हैं, तो आप स्थायी रूप से किसी दूसरी कंपनी पर भी शिफ्ट हो सकेंगे, वो भी बिना उपकरण बदले.