ITR रिटर्न करने का आखिरी मौका, ध्यान से भरें जानकारी; गलत इनकम दिखाना पड़ेगा भारी, देना पड़ेगा जुर्माना
ITR Filing में Underreporting और Misreporting इनकम टैक्स कानून के तहत गंभीर गलती मानी जाती है. अगर टैक्सपेयर्स रियल इनकम से कम इनकम दिखाता है या गलत जानकारी देता है तो उस पर टैक्स के साथ ब्याज और जुर्माना लगाया जा सकता है. इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 270A के अनुसार Underreporting पर 50 फीसदी और Misreporting पर टैक्स की 200 फीसदी तक पेनल्टी लग सकती है. गंभीर मामलों में टैक्स चोरी साबित होने पर कानूनी कार्रवाई और जेल भी हो सकती है.

ITR Filing: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर नजदीक है. ऐसे में कई टैक्सपेयर्स, जिन्होंने अभी तक रिटर्न नहीं भरा है, वे इसे जल्द से जल्द कर लें. रिटर्न भरते समय यह ध्यान रखें कि कहीं आप गलत जानकारी न दें. क्योंकि अगर आप जानबूझकर या अनजाने में इनकम को कम दिखाते हैं या गलत जानकारी देते हैं, तो इसे इनकम कम दिखाना यानी Underreporting और गलत रिपोर्टिंग यानी Misreporting कहा जाता है. इस तरह की गलती से न केवल टैक्स देना पड़ेगा बल्कि ब्याज, जुर्माना और कई बार कानूनी कार्रवाई भी झेलनी पड़ सकती है.
क्या है Underreporting Income
जब कोई टैक्सपेयर्स अपनी रियल इनकम से कम इनकम दिखाता है तो इसे Underreporting कहा जाता है. इसका मतलब है कि टैक्स के दायरे में आने वाली कुछ इनकम को रिटर्न में शामिल नहीं किया गया. यह गलती कई बार अनजाने में हो सकती है, लेकिन इसका असर टैक्स कैलकुलेशन पर पड़ता है.
क्या है Misreporting Income
Misreporting का मतलब है गलत या भ्रामक जानकारी देना. इसमें गलत इनकम का ब्यौरा देना, गलत छूट या भत्ते का दावा करना, या इनकम के स्रोत छिपाना शामिल है. यह जानबूझकर भी हो सकता है और टैक्स चोरी के मामलों में गंभीर अपराध माना जाता है.
क्यों जरूरी है सही रिपोर्टिंग
सही इनकम रिपोर्ट करना केवल कानून का पालन नहीं, बल्कि वित्तीय सुरक्षा के लिए भी जरूरी है. गलत जानकारी देने पर न केवल आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि कानूनी कार्यवाही भी हो सकती है.
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कितना लग सकता है जुर्माना
इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 270A में Underreporting और Misreporting पर जुर्माने का प्रावधान है. अगर आकलन अधिकारी को लगता है कि इनकम गलत दिखाई गई है, तो बकाया टैक्स पर 50 फीसदी तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. वहीं अगर Misreporting साबित होती है, तो यह जुर्माना टैक्स की 200 फीसदी तक हो सकता है.
ब्याज और नोटिस का खतरा
अगर गलत जानकारी से टैक्स कम जमा हुआ है तो टैक्सपेयर्सओं को ब्याज भी देना पड़ेगा. धारा 234A, 234B और 234C में देर से टैक्स जमा करने या कम भुगतान करने पर ब्याज का प्रावधान है. साथ ही टैक्स विभाग बैंक डेटा, फॉर्म 26AS या अन्य रिपोर्ट से इनकम का मिलान करता है और गड़बड़ी मिलने पर नोटिस भेज सकता है.
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