सैलरीड कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! नई टैक्स रिजीम में भी मिलेगी छूट, जानें क्या हैं वे 5 तरीके

वित्त वर्ष 2025-26 के लिए नई टैक्स रिजीम में टैक्स छूट की सुविधाएं सीमित हैं, लेकिन फिर भी सैलरीड कर्मचारियों के पास टैक्स बचाने के कई स्मार्ट विकल्प मौजूद हैं. NPS, EPF, Arbitrage Funds, रिइंबर्समेंट्स और किराये की प्रॉपर्टी जैसे तरीकों से आप टैक्स में बड़ी राहत पा सकते हैं.

टैक्स सेविंग Image Credit: @Tv9

Tax Saving Tips for salaried people: वित्त वर्ष 2025-26 के लिए लागू नए टैक्स रिजीम में कई पुराने टैक्स डिडक्शन हटा दिए गए हैं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि टैक्स बचाने के रास्ते बंद हो गए हैं. खासकर सैलरीड कर्मचारियों के पास अब भी कुछ स्मार्ट विकल्प मौजूद हैं जिनसे वे टैक्स में अच्छी खासी राहत पा सकते हैं. आइए विस्तार से समझते हैं ऐसे 5 आसान उपाय.

NPS (नेशनल पेंशन सिस्टम) के जरिए टैक्स बचाएं

नई टैक्स रिजीम में कर्मचारी को सीधे NPS में निवेश करने पर टैक्स छूट नहीं मिलती, लेकिन अगर आपका एम्प्लॉयर आपके NPS अकाउंट में योगदान करता है, तो वह टैक्स फ्री होता है.

NPS न केवल रिटायरमेंट के लिए फायदेमंद है, बल्कि नई टैक्स व्यवस्था में भी यह एक मजबूत टैक्स बचत का विकल्प बन गया है.

EPF और VPF में अधिक योगदान कर टैक्स बचाएं

Employees’ Provident Fund (EPF) में एम्प्लॉयर का योगदान भी नई टैक्स व्यवस्था में टैक्स फ्री है.

ध्यान रहे:

यह तरीका उन कर्मचारियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जिनकी सैलरी हाई है.

Fixed Deposit की जगह Arbitrage Funds का इस्तेमाल करें

अगर आप फिक्स्ड डिपॉजिट में पैसा लगाते हैं, तो उस पर मिलने वाला ब्याज आपकी टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्सेबल होता है. इसके मुकाबले Arbitrage Funds में एक साल से ज्यादा निवेश करने पर मिलने वाला मुनाफा सिर्फ 12.5 फीसदी टैक्स के दायरे में आता है. ये फंड्स कम रिस्क वाले होते हैं और FD जैसा रिटर्न देते हैं. साथ ही, 1.25 लाख रुपये तक का लॉन्ग टर्म गेन टैक्स फ्री होता है. आप हर साल ये गेन बुक कर सकते हैं और फिर दोबारा निवेश कर सकते हैं. इस प्रक्रिया को Gain Harvesting कहा जाता है.

सैलरी (CTC) के स्ट्रक्चर को ऑप्टिमाइज करें

आप अपने सैलरी पैकेज (CTC) के कुछ हिस्सों को टैक्स फ्री रीइंबर्समेंट में बदल सकते हैं. उदाहरण:

इन रीइंबर्समेंट्स का फायदा उठाने के लिए आपको बिल्स जमा करने होते हैं. कुछ कंपनियां पहले से ही इन्हें सैलरी से अलग दिखा देती हैं. यह तरीका बिना किसी निवेश के भी टैक्स बचाने का मौका देता है.

रेंट पर दी गई प्रॉपर्टी से भी टैक्स बचाया जा सकता है

नए टैक्स रिजीम में HRA और होम लोन ब्याज पर कटौती की सुविधा नहीं है, लेकिन अगर आपने घर खरीदकर किराए पर दे रखा है, तो स्थिति अलग है. ऐसी स्थिति में आप होम लोन का ब्याज रेंटल इनकम की सीमा तक टैक्स से घटा सकते हैं. उदाहरण के लिए, अगर आपको साल में 2 लाख रुपये का किराया मिलता है, तो आप उतने तक के होम लोन इंटरेस्ट को टैक्स डिडक्शन में दिखा सकते हैं. यह तरीका उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिनके पास एक से ज्यादा संपत्तियां हैं.

ये भी पढ़ें- अपनी हेल्‍थ इंश्‍योरेंस कंपनी से हैं दुखी, 5 आसान स्‍टेप्‍स में पोर्ट करें अपनी पॉलिसी; नहीं होगा कोई नुकसान

Latest Stories

e-Aadhaar ऐप लॉन्च, अब फोटोकॉपी की जरूरत नहीं; जल्द आएगा नया QR कोड सिस्टम

8वां वेतन लागू होते ही क्या तीन गुना बढ़ेगी सरकारी कर्मचारियों की सैलरी? ये कैलकुलेशन दे रहा संकेत, समझ लीजिए

SBI भी फर्जीवाड़े के चपेट में, पर्सनल लोन के नाम पर घोटाला, आप कभी ना करें ये गलती वरना पछताएंगे

CBDT ने दी राहत, पिछले साल फाइल हुए ITR की प्रोसेसिंग चूक पर देगा ब्याज, नए सिरे से होगा रिटर्न का काम

अपनी हेल्‍थ इंश्‍योरेंस कंपनी से हैं दुखी, 5 आसान स्‍टेप्‍स में पोर्ट करें अपनी पॉलिसी; नहीं होगा कोई नुकसान

क्रेडिट कार्ड के पैसे टाइम पर नहीं चुका रहे लोग, बकाया राशि 33 हजार करोड़ पार, कर्ज के जाल में फंस रहे मिडिल क्लास