जुलाई से सैलरी-पेंशन-EMI और SIP सभी ट्रांजेक्शन होंगे फास्ट; NPCI लॉन्च करेगा NACH 3.0
जुलाई 2025 से NPCI अपना अपडेटेड NACH 3.0 सिस्टम लॉन्च कर रहा है, जिससे सैलरी, पेंशन, EMI और SIP जैसे नियमित बैंकिंग ट्रांजैक्शन पहले से तेज और सुरक्षित बनेंगे. इसमें नया ग्राफिकल इंटरफेस, बेहतर बैक‑एंड हैंडलिंग, PGP एन्क्रिप्शन, MFA और रियल‑टाइम मॉनिटरिंग जैसे महत्वपूर्ण सुधार शामिल हैं.

NACH 3.0 Launch: 2025 के जुलाई महीने से सैलरी, पेंशन, EMI, SIP जैसे रेगुलर बैंकिंग ट्रांजैक्शन पहले के मुकाबले ज्यादा तेज और सुरक्षित हो जाएंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि अगले महीने के पहले सप्ताह में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI), NACH 3.0 (National Automated Clearing House) सिस्टम लॉन्च करने जा रहा है. NPCI के अनुसार, नया सिस्टम देशभर में रेकरिंग पेमेंट्स को अधिक बेहतर बनाएगा और तकनीक और साइबर सिक्योरिटी से जुड़े कई अहम अपग्रेड लाएगा.
क्या है NACH सिस्टम?
NACH, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की ओर से विकसित एक ऐसी प्रणाली है, जो किसी भी बैंक अकाउंट होल्डर के खाते में नियमित रूप से पैसा भेजने जैसे पेंशन, सैलरी या उस खाते से डिडक्शन जैसे EMI, SIP की फैसिलिटी देता है.
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NACH 3.0 क्यों है खास?
NPCI ने बताया कि नया वर्जन पूरी तरह री-डिजाइन्ड ग्राफिकल इंटरफेस (Graphical User Interface) है. ये रहे कुछ खास फीचर जो पहले वाले वर्जन में नहीं थे.
- अब बड़े डेटा-सेट (जैसे सैलरी, EMI, SIP) ज्यादा तेजी से प्रोसेस होंगे, जिससे बैंक और ग्राहक दोनों को फायदे होंगे.
- पूरी तरह से नया ग्राफिकल इंटरफेस, बेहतर नेविगेशन के साथ, जो सुरक्षित और यूजर-फ्रेंडली है.
- GUI और H2H चैनल पर दोनों जगह एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन लागू हुआ है. अकाउंट होल्डर सिर्फ PGP एन्क्रिप्शन वाले डेटा ही डाउनलोड कर सकते हैं, नॉर्मल टेक्स्ट डाउनलोड अब नहीं होगा.
- हर लॉगिन के लिए मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन जरूरी होगा. इसके अलावा, उपयोगकर्ता केवल उन्हीं चीजों तक पहुंच पाएंगे जो उनकी भूमिका के अनुरूप होंगी.
- अब हर गतिविधि अपने आप रिकॉर्ड होगी और असामान्य व्यवहार पर तुरंत अलर्ट जाएगा.
- बैंको के लिए रियल टाइम मॉनिटरिंग वाला नया डैशबोर्ड रहेगा.
- यूजर खुद से अकाउंट बना सकेंगे या पासवर्ड रीसेट कर सकेंगे. पहले इसके लिए एडमिन की जरूरत होती थी.
- बैंक अपनी शिकायतों की प्रक्रिया को NPCI के साथ तुरंत अपडेट कर सकते हैं, जिससे विवादों का निपटान तेज होगा.
ट्रांजैक्शन में विलंब होने से लगती है पेनाल्टी
ईसीएस/एनएसीएच, बैंकों और वित्तीय संस्थानों को नियमित भुगतानों जैसे पर्सनल लोन पर EMI, यूटिलिटी बिल, म्यूचुअल फंड SIP के साथ-साथ अन्य लेनदेन के लिए आपके खाते से ऑटोमेटिक पैसे डेबिट की अनुमति देता है. अगर भुगतान की अवधि के दौरान आपके खाते से किसी भी कारण से पैसे डेबिट नहीं हो पाता है, तो इसके लिए आपको पेनाल्टी देना होता है. इसी चार्ज को ईसीएस/एनएसीएच रिटर्न चार्ज भी कहते हैं.
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