ईमेल और सोशल मीडिया अकाउंट के जांच के पीछे क्या है इनकम टैक्स विभाग का प्लान? अधिकारी ने किया खुलासा
New Income Tax Bill: 2025 का नया इनकम टैक्स बिल टैक्स अधिकारियों को तलाशी और सर्वे के दौरान डिजिटल उपकरणों तक पहुंचने की मौजूदा शक्तियां बरकरार रखता है, जिससे आम टैक्सपेयर्स की गोपनीयता प्रभावित नहीं होती. लेकिन सवाल है कि किस स्थिति में इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा.
New Income Tax Bill: नए इनकम टैक्स बिल में टैक्स अधिकारियों को डिजिटल स्पेस या कंप्यूटर डिवाइस तक सर्च और सर्वे ऑपरेशन के दौरान ही एक्सेस की अनुमति होगी. इसका उद्देश्य आम टैक्सपेयर्स की ऑनलाइन गोपनीयता का उल्लंघन करना नहीं है, भले ही उनका मामला जांच के दायरे में आ आ जाए. पीटीआई ने एक इनकम टैक्स विभाग के सीनियर अधिकारी के हवाले से लिखा कि इस तरह की बलपूर्वक कार्रवाई करने की शक्तियां 1961 के अधिनियम में ‘पहले से ही मौजूद थीं’ और इन्हें केवल 2025 के इनकम टैक्स विधेयक में दोहराया गया है.
अतिरिक्त शक्तियां
अधिकारी ने उन कुछ रिपोर्ट्स और ओपिनियन आर्टिकल में किए गए क्लेम को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि टैक्स अधिकारियों को टैक्सपेयर्स के ईमेल, सोशल मीडिया हैंडल और क्लाउड स्टोरेज स्पेस सहित इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड के पासवर्ड के उल्लंघन के लिए ‘अतिरिक्त’ शक्तियां दी गई हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी खबरें कुछ और नहीं बल्कि डर फैलाने वाली हैं. टैक्स विभाग टैक्सपेयर्स के सोशल मीडिया अकाउंट या ऑनलाइन गतिविधियों की जासूसी नहीं करता है.
कब किया जाएगा इस पावर का इस्तेमाल
अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि इन शक्तियों का प्रयोग केवल तलाशी या सर्वे अभियान के दौरान ही किया जाना है. वह भी तब जब सर्च या सर्वे के दौरान टैक्सपेयर डिजिटल स्टोरेज ड्राइव, ईमेल, क्लाउड और कॉम्यूनिकेशन प्लेटफॉर्म जैसे कि व्हाट्सएप और टेलीग्राम आदि के पासवर्ड साझा करने से इनकार करता है.
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टैक्स के कानून में बदलाव के लिए नया बिल
सरकार ने दशकों पुराने इनकम टैक्स अधिनियम 1961 में बदलाव करने के लिए नया विधेयक लाया है, जिसका उद्देश्य भारी भरकम डायरेक्ट टैक्स कानून को करदाताओं के लिए आसान बनाना है. मौजूदा कानून के तहत, धारा 132 किसी अधिकृत अधिकारी को यह अधिकार देती है कि वह किसी भी ऐसे व्यक्ति से जिसके पास इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड के रूप में बुक्स, खाते या अन्य दस्तावेज पाए जाते हैं, ऐसे दस्तावेजों का निरीक्षण करने और ऐसे दस्तावेज (आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 2(22AA) के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड सहित) को जब्त करने की सुविधा प्रदान करे.
सबूत के लिए जरूरी है एक्सेस
एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि तलाशी और सर्वे जैसी बलपूर्वक कार्रवाई के दौरान डिजिटल उपकरणों और स्पेस तक एक्सेस प्राप्त करना सबूत खोजने के लिए महत्वपूर्ण है. जब आप डेटा देखते हैं तो ये छापे सीमित होते हैं. टैक्स विभाग एक वित्तीय वर्ष में लगभग 100-150 फुल ब्लोन तलाशी और सर्वेक्षण करता है और यह एनफोर्समेंट एक्शन आम टैक्सपेयर इंडिविजुअल या संस्था के लिए लक्षित नहीं है. अधिकारी ने बताया कि सालाना दाखिल किए जाने वाले करीब 8.79 करोड़ इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में से केवल 1 फीसदी को ही जांच के लिए चुना जाता है.
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