आपको पर्सनल लोन का प्रीपेमेंट करना चाहिए या पार्ट पेमेंट? जानें मुख्य अंतर

अगर आप किसी काम के लिए पर्सनल लोन लेने का विचार रहे हैं तो आपको इसे चुकाने के लिए कुछ चीजों की जानकारी रखनी चाहिए. लोन को चुकाने के लिए प्रीमेंट और पार्ट पेमेंट का सहारा लिया जा सकता है. तो आइये जानते हैं कि ये दोनों टर्म क्या हैं और इनमें क्या होता है. इससे पर्सनल लोन की प्रक्रिया को बेहतर ढंग से पूरा करने में मदद मिल सकती है.

पर्सनल लोन का प्रीपेमेंट या पार्ट पेमेंट Image Credit: TV9

प्रीपेमेंट और पार्ट पेमेंट ऐसे तरीके हैं जिनका इस्तेमाल उधारकर्ता आमतौर पर अपने लोन की अवधि कम करने या ब्याज को कम करने के लिए करते हैं. इनके अलग-अलग लाभ और अलग-अलग फाइनेंशियल गोल होते हैं.अगर आपका कोई पर्सनल लोन चल रहा है या आप पर्सनल लोन लेना चाहते हैं तो अपने पर्सनल लोन की प्रक्रिया को बेहतर ढंग से पूरा करने के लिए इनके बीच के अंतर को समझना जरूरी है.


क्या है पार्ट पेमेंट और प्रीपेमेंट

पार्ट पेमेंट का मतलब अपने बकाया पर्सनल लोन की मूल राशि को कम करने के लिए, अपनी नियमित ईएमआई के अलावा समय-समय पर एकमुश्त राशि का भुगतान करना होता है. इससे आप लोन की अवधि को प्रभावी ढंग से कम कर सकते हैं और ब्याज का बोझ भी कम कर सकते हैं. जब भी आपके पास अतिरिक्त फंड हो जाए तो आप पार्ट पेमेंट कर सकते हैं.

पर्सनल लोन की अवधि समाप्त होने से पहले पूरी लोन राशि को चुकाने की प्रक्रिया को फोरक्लोजर या प्रीपेमेंट कहा जाता है. इससे ब्याज देनदारी को काफी कम करने में मदद मिल सकती है.

पर्सनल लोन प्रीपेमेंट के फायदे

पर्सनल लोन के पार्ट पेमेंट के लाभ

पार्ट पेमेंट और प्रीपेमेंट की तुलना

फीचरपार्ट-पेमेंटप्री-पेमेंट
भुगतान की गई राशिबकाया राशि का एक हिस्सापूरी बकाया राशि
लोन की स्थितिलोन खुला रहता है, EMI चलता रहता हैलोन पूरी तरह बंद हो जाता है, EMI खत्म हो जाते हैं
ब्याज की बचतबकाया मूलधन पर ब्याज कम होता हैपूरी बची हुई अवधि के लिए ब्याज बचत होती है
चार्ज/शुल्कआमतौर पर कम शुल्क (2-4% राशि का)प्री-क्लोजर शुल्क लग सकता है
क्रेडिट इम्पैक्टधीरे-धीरे क्रेडिट प्रोफाइल बेहतर होता हैकर्ज समाप्त होने से क्रेडिट योग्यता बढ़ती है