Ansal Group Fraud: गरीबों के लिए बनाने थे 848 फ्लैट, बनाए सिर्फ 160; बुनियादी सुविधाएं भी नहीं दीं
Ansal Group की तरफ से किए गए फ्रॉड के मामले की परतें अब खुलने लगी हैं. 400 करोड़ से ज्यादा की घपलेबाजी में ग्रुप के खिलाफ कई मामले दर्ज किए जा चुके हैं. फिलहाल जानकारी सामने आई है कि ग्रुप ने गरीबों के लिए बनाए जाने वाले घरों के मामले में भी बड़ा घोटाला किया है. जानते हैं क्या है पूरा मामला.

Ansal Group को गाजियाबाद के डूंडाहेड़ा में अपने इंटीग्रेटेड टाउनशिप प्रोजेक्ट सुशांत एक्वापोलिस में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए 848 फ्लैट बनाने थे, लेकिन अंसल ग्रुप ने यहां केवल 160 फ्लैट ही बनाए. इसके अलावा गरीबों के लिए बनाए गए इन फ्लैटों के लिए बुनियादी सुविधाएं भी नहीं दी गईं. यहां तक पहुंचने के लिए बनाया गया रोड जर्जर हालत में है. इसके अलावा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के लिए प्रस्तावित जमीन को अंसल ग्रुप ने बेच डाला.
कहां से शुरू हुई घोटोले की कहानी?
उत्तर प्रदेश सरकार ने 2006 में अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रेक्चर लिमिटेड को डूंडाहेडा में 152.89 एकड़ जमीन पर इंटीग्रेटेड टाउनशिप बसाने की मंजूरी दी. इसके बाद पहले चरण में 127 एकड़ जमीन पर प्रोजेक्ट के डीपीआर को मंजूरी मिल गई और 2007 में यहां काम शुरू किया गया. लेकिन अभी तक भी यह प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो पाया.
कहां फंसा पेंज?
सरकार के साथ हुए समझौते के तहत अंसल ग्रुप को यह परियोजना मई 2012 तक पूरी करनी थी. इस दौरान इस परियोजना के लिए जीडीए की तरफ से मुहैया कराई जाने वाली जमीन में से 14.50 हेक्टेयर जमीन का मामला कोर्ट में चला गया. इसके बाद 99.75 एकड़ जमीन के हिसाब से नई डीपीआर पेश की गई. इसके बाद इस प्रोजेक्ट को 2022 तक पूरा करने की डेडलाइन तय की गई. लेकिन अब समूह दिवालिया हो चुका है.
घर के नाम पर असुविधाओं का जाल
एक तरफ प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ. इसके अलावा जितने फ्लैट यहां बने हैं उनमें रहने वालों के लिए घर के नाम पर असुविधाओं का जाल बनाया गया है. इसके अलावा टाउनशिप के मानकों का उल्लंघन करते हुए फर्जीवाड़ा कर जमीन को भी बेचा गया है. परियोजना के जिस ले-आउट को मंजूरी मिली थी, उसके हिसाब तैयार नहीं किया गया. टाउनशिप सड़कें जर्जर हैं. खाली जमीन में कूड़े का ढेर लगा है.
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