प्लॉट देने में देरी पर LDA वीसी से भिड़े आवंटी, हाईकोर्ट जाने की दी चेतावनी
एलडीए की बसंतकुंज योजना में 272 प्लॉटों का आवंटन निरस्त करने पर विरोध बढ़ा, तो प्राधिकरण ने अपना फैसला फिलहाल टाल दिया. अब कमेटी जांच कर तय करेगी कि आवंटियों को प्लॉट दिए जाएंगे या पैसा ब्याज सहित लौटाया जाएगा. आवंटी नाराज हैं और एलडीए को प्राइवेट बिल्डर जैसा बर्ताव करने का आरोप लगा रहे हैं.
LDA Plot Cancellation: हरदोई रोड स्थित बसंतकुंज योजना में LDA द्वारा 272 प्लॉटों का आवंटन निरस्त करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. विरोध बढ़ता देख LDA अब बैकफुट पर आ गया है और उसने फिलहाल निरस्तीकरण के फैसले को स्थगित कर दिया है. साथ ही मामले की जांच और आगे की कार्यवाही के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है. LDA के अपर सचिव सीपी त्रिपाठी ने बताया कि यह कमेटी इस बात की जांच करेगी कि योजना के लिए भूमि किस प्रकार उपलब्ध कराई जा सकती है, ताकि आवंटियों को प्लॉट दिए जा सकें. यह कमेटी 10 मई तक रिपोर्ट देगी. कमेटी में मुख्य नगर नियोजक, योजना के अधिशासी अभियंता, सहायक लेखाकार और तहसीलदार शामिल किए गए हैं.
किसानों के विरोध बना रुकावट
LDA का कहना है कि किसानों के विरोध के चलते विकास कार्य नहीं हो पाए, जिससे योजना पर असर पड़ा. प्लॉटों का आवंटन साल 2022 में हुआ था और रेरा नियमों के तहत दो साल में कब्जा देना जरूरी है. देरी होने पर LDA पर हर्जाना देने की जिम्मेदारी आती है.
LDA का कहना है कि जमीन का मुआवजा 1980 में ही जिला प्रशासन को जमा कर दिया गया था. योजना में 10 सेक्टर हैं, जिनमें केवल सेक्टर-ए में विकास कार्य बाकी है, लेकिन किसान विरोध की वजह से यह संभव नहीं हो पाया.
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2 साल से इंतजार कर रहें लोग
इस योजना के तहत आवंटियों ने करीब 70 करोड़ रुपये LDA में जमा किए हैं. दो साल से यह रकम वहीं पड़ी है और LDA को इस पर ब्याज मिल रहा है. यदि रकम लौटानी पड़ी तो रेरा के नियम अनुसार ब्याज सहित लौटाई जाएगी.
हाल ही में करीब 30 आवंटी LDA वीसी प्रथमेश कुमार से मिले, लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. आवंटियों ने आरोप लगाया कि LDA प्राइवेट बिल्डर की तरह व्यवहार कर रहा है और वीसी ने किसानों के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की सलाह दी. आवंटियों ने कहा कि अगर कोर्ट जाना पड़ा, तो वे LDA के खिलाफ जाएंगे.