गाजियाबाद के लिए UP सरकार ने मंजूर किया GIS आधारित मास्टर प्लान, विकास का होगा नया खाका

यूपी सरकार ने गाजियाबाद, लोनी, मोदीनगर और मुरादनगर के लिए GIS आधारित मास्टर प्लान 2031 को मंजूरी दी. इसमें विकास क्षेत्र 27.56 फीसदी बढ़ाकर 32,017.81 हेक्टेयर किया गया. प्लान में TOD, SDA, औद्योगिक क्लस्टर, टाउनशिप और वर्टिकल डेवलपमेंट को प्राथमिकता दी गई है.

गाजियाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी

Ghaziabad Master Plan 2031: उत्तर प्रदेश सरकार ने गाजियाबाद, लोनी, मोदीनगर और मुरादनगर के लिए GIS (Geographic Information System) आधारित इंटीग्रेटेड मास्टर प्लान 2031 को मंजूरी दे दी है. गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) के अधिकारियों ने यह जानकारी दी. नया मास्टर प्लान शहर में वर्टिकल डेवलपमेंट, औद्योगिक क्लस्टर और टाउनशिप, ट्रांजिट ओरिएंटेड जोन (TOD), स्पेशल डेवलपमेंट एरिया (SDA) और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे व ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के किनारे नए विकास कार्यों का रास्ता खोलेगा.

डेवलपमेंट एरिया में होगी 27.56 फीसदी की बढ़ोतरी

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2021 के मास्टर प्लान के मुकाबले इस बार डेवलपमेंट एरिया को 25,099.46 हेक्टेयर से बढ़ाकर 32,017.81 हेक्टेयर कर दिया गया है. यह 27.56 फीसदी की बढ़ोतरी है. GDA के उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने बताया कि, नया प्लान शहर में योजनाबद्ध विकास को बढ़ावा देगा. इसमें वर्टिकल ग्रोथ, मिक्स्ड लैंड यूज और अधिक सुविधाएं शामिल हैं. इस प्लान के तहत 2031 तक गाजियाबाद की अनुमानित जनसंख्या 64.73 लाख होगी.

इन गतिविधियों के लिए जमीन का हुआ आवंटन

नए मास्टर प्लान के तहत भूमि का उपयोग इस प्रकार तय किया गया है, इसमें,

  • आवासीय गतिविधियों के लिए: 12,869.32 हेक्टेयर.
  • वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए: 744 हेक्टेयर.
  • औद्योगिक क्षेत्र के लिए: 3,531.15 हेक्टेयर.
  • मिक्स्ड लैंड यूज के लिए: 552.74 हेक्टेयर.
  • मनोरंजन गतिविधियों के लिए: 6,032.44 हेक्टेयर.
  • परिवहन से संबंधित कामों के लिए: 4,120.95 हेक्टेयर.

मास्टर प्लान और जोनल प्लान में क्या है अंतर

बता दें मास्टर प्लान शहर के मैक्रो लेवल विकास का खाका तैयार करता है, जबकि जोनल प्लान एक क्षेत्र के माइक्रो लेवल विकास को परिभाषित करता है. इसमें सड़कों, सार्वजनिक सुविधाओं, परिवहन और वाणिज्यिक गतिविधियों का विस्तृत विवरण शामिल होता है. ये दोनों प्लान उत्तर प्रदेश शहरी योजना और विकास अधिनियम, 1973 के तहत अनिवार्य हैं.

8 से बढ़कर 15 जोन, TOD और SDA पर फोकस

GDA ने मौजूदा 8 जोन को बढ़ाकर 15 जोन कर दिया है. फिलहाल सिर्फ राज नगर एक्सटेंशन का जोनल प्लान तैयार है, बाकी क्षेत्रों के लिए RFP (Request for Proposal) जारी की जाएगी.

  • TOD जोन: RRTS परियोजना के 8 स्टेशनों के आसपास 1.5 किमी का क्षेत्र TOD जोन माना गया है. मेट्रो कॉरिडोर के दोनों तरफ 500 मीटर तक का क्षेत्र भी TOD जोन में आएगा.
  • कुल TOD क्षेत्रफल: RRTS के लिए 4,261.43 हेक्टेयर और मेट्रो के लिए 636.61 हेक्टेयर.
  • SDA: गुलधर में 510.56 हेक्टेयर और दुहाई में 549.5 हेक्टेयर का विशेष विकास क्षेत्र प्रस्तावित है. यहां भी हायर FAR और मिक्स्ड लैंड यूज की अनुमति होगी.

RRTS और मेट्रो कनेक्टिविटी

गाजियाबाद जिले में फिलहाल 8 पूरी तरह परिचालित नामो भारत स्टेशन हैं. TOD जोन इन स्टेशनों और मेट्रो के ब्लू लाइन और रेड लाइन कॉरिडोर के किनारे भी लागू होगा. TOD का मकसद इन ट्रांजिट केंद्रित क्षेत्रों को आधुनिक, टिकाऊ और रहने योग्य बनाना है.

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