40% डिस्काउंट पर ट्रेड कर रहा Tata Motors का शेयर, JLR की दिक्कतें बनी वजह; दांव लगाने का सही मौका?

Tata Motors Ltd के शेयर पिछले 52 हफ्तों में 40 फीसदी गिर चुके हैं. Jaguar Land Rover (JLR) की बिक्री में कमी, वैश्विक बाजार चुनौतियां, टैरिफ और इन्वेंट्री दबाव के चलते कंपनी का Q1 FY26 प्रॉफिट 62 फीसदी घट गया. ऐसे में क्या निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए?

टाटा मोटर्स शेयर Image Credit: Getty image

Tata Motors Share: भारत की तीसरी सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी Tata Motors Ltd के शेयर बाजार में हाल ही में निवेशकों की निगाहें केंद्रित हैं. पिछले 52 हफ्तों में इस स्टॉक का भाव लगभग 40 प्रतिशत गिर गया है, जबकि पिछले पांच सालों में यह शेयर निवेशकों को 463 प्रतिशत का रिटर्न दे चुका है. मौजूदा समय में Tata Motors का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 2,50,448 करोड़ रुपये है, और इसका शेयर 680 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा है. यह शेयर 52 हफ्ते के हाई 1,142 रुपये के मुकाबले काफी नीचे आ गया है.

गिरावट के पीछे क्या हैं कारण?

  • Tata Motors ने Q1 FY26 में 1,04,407 करोड़ रुपये की रेवेन्यू रिपोर्ट की, जो Q1 FY25 के 1,07,102 करोड़ रुपये के मुकाबले 2.52 फीसदी कम है. पिछली तिमाही के रेवेन्यू 1,19,503 करोड़ रुपये की तुलना में यह लगभग 13 फीसदी कम रहा.
  • फायदे के मामले में भी बड़ी गिरावट आई है. कंपनी का नेट प्रॉफिट Q1 FY26 में 4,003 करोड़ रुपये रहा, जबकि Q1 FY25 में यह 10,587 करोड़ रुपये था. पिछले क्वार्टर के मुकाबले यह 53 फीसदी की गिरावट दर्शाता है.
  • Tata Motors का सबसे बड़ा हिस्सा, लगभग 70 फीसदी से अधिक, इसके Jaguar Land Rover (JLR) व्यवसाय से आता है. JLR के वॉल्यूम में कमी ने सीधे कंपनी के लाभ को प्रभावित किया.
  • वैश्विक थोक वॉल्यूम Q1 FY26 में 3,00,100 यूनिट्स पर रहा, जो Q1 FY25 के 3,30,300 यूनिट्स से 9.1 फीसदी कम है.
  • JLR वॉल्यूम Q1 FY26 में 87,300 यूनिट्स पर आया, जो Q1 FY25 के 97,800 यूनिट्स और पिछले क्वार्टर के 1,11,400 यूनिट्स से 22 फीसदी नीचे है.
  • इसके अलावा, यूएस और यूरोपीय संघ के बीच 15 फीसदी टैरिफ लागू करने का फैसला और भारत में EV ड्यूटी की हाई लेवल ने भी निवेशकों में नेगेटिव भावना पैदा की. पिछले साल की उच्च ब्याज दरों और इन्वेंट्री समस्याओं के कारण बिक्री पर भी दबाव रहा.

JLR का प्रदर्शन और तैयारी

JLR ने यूके ऑपरेशन को अस्थायी रूप से बंद किया और अमेरिकी निर्यात पर रोक लगाई, जिससे वॉल्यूम और रेवेन्यू में गिरावट आई. FY26 के लिए JLR ने EBIT 5-7 फीसदी और फ्री कैश फ्लो को लगभग शून्य रहने का अनुमान जताया. हालांकि, FY27 और FY28 में सुधार की उम्मीद है. कंपनी की रणनीति है कि £1.4 बिलियन का वार्षिक योगदान करके बचे हुए टैरिफ, विदेशी मुद्रा और चीन से जुड़े जोखिमों को संतुलित किया जाए. इससे दीर्घकाल में 10 प्रतिशत EBIT मार्जिन तक लौटने की संभावना है.

क्या है शेयरों के प्रदर्शन का हाल?

शुक्रवार, 22 अगस्त को शेयर 680.30 रुपये पर कारोबार करते हुए बंद हुआ. इस दौरान कंपनी के शेयर में 0.74 फीसदी की मामूली गिरावट आई. हालांकि 1 सप्ताह के दौरान स्टॉक में 0.58 फीसदी की तेजी दिखी लेकिन 1 महीने में 2.86 फीसदी की गिरावट के साथ चार्ट लाल हो गया. 1 साल में स्टॉक का भाव 37.53 फीसदी तक कम हो चुका है. हालांकि, लॉन्ग टर्म यानी 5 साल के दौरान कंपनी ने अपने शेयरधारकों को 457.62 फीसदी का रिटर्न दिया है.

क्या करें निवेशक?

ट्रेडब्रेन्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, JLR (जगुआर लैंड रोवर) इस समय मुश्किल दौर से गुजर रहा है. कंपनी पर आर्थिक दबाव, ग्लोबल मार्केट की चुनौतियां, इलेक्ट्रिक गाड़ियों (EV) से जुड़ी दिक्कतें और क्वालिटी इश्यूज का असर पड़ा है. इन वजहों से Tata Motors के प्रदर्शन पर भी भारी दबाव बना है और निवेशकों के बीच सावधानी का माहौल है. हालांकि कंपनी लागत घटाने, कामकाज में सुधार करने और मुनाफे को स्थिर रखने पर काम कर रही है, लेकिन अभी भी टैरिफ, बिक्री की मात्रा और मार्केट शेयर को लेकर अनिश्चितताएं बनी हुई हैं. ऐसे में निवेशकों को चाहिए कि वे कोई भी निर्णय लेने से पहले अच्छी तरह रिसर्च करें और जोखिमों का ध्यान रखें.

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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.