इन 5 मिडकैप शेयरों में दिखने लगी दरार, दूर हो रहे हैं FII, कहीं ये संकेत आपके लिए खतरे की घंटी तो नहीं?
बाजार तेजी पर है, लेकिन कुछ मिडकैप शेयरों में हलचल शुरू हो चुकी है. विदेशी निवेशकों की चाल बदल रही है, और उन्होंने कुछ कंपनियों से चुपचाप दूरी बना ली है. क्या इसका मतलब है कि तूफान आने वाला है? जानिए कौन से शेयर रडार पर हैं और क्यों...
भारत का मिडकैप शेयर बाजार बीते कई महीनों से जबरदस्त तेजी में रहा है. घरेलू निवेशकों का उत्साह, मजबूत फंड फ्लो और छोटे-मझोले बिजनेस की ग्रोथ स्टोरी ने इस सेगमेंट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है. लेकिन जून तिमाही में कुछ संकेत ऐसे आए हैं जो इस रैली की चमक को थोड़ा फीका कर सकते हैं. खासकर विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) के बदले रुख ने बाजार की चाल पर सवाल खड़े किए हैं.
दरअसल, जून 2025 तिमाही में कुछ चुनिंदा मिडकैप कंपनियों में FII हिस्सेदारी में गिरावट देखी गई है. यह गिरावट व्यापक स्तर पर नहीं है, लेकिन घरेलू निवेशकों की मजबूत भागीदारी के बीच यह बदलाव अलग से नजर आता है. इन कंपनियों में गिरावट की वजह या तो कमजोर तिमाही नतीजे हैं, या फिर महंगे वैल्यूएशन और कुछ मामलों में बिजनेस रणनीति में बदलाव.
चलिए अब उन 5 मिडकैप कंपनियों पर एक नजर डालते हैं जहां FIIs ने अपनी हिस्सेदारी घटाई है:
Kajaria Ceramics
भारत की सबसे बड़ी टाइल निर्माता कंपनी काजारिया सेरामिक्स में FIIs की हिस्सेदारी मार्च 2025 में 16 फीसदी थी, जो जून 2025 में गिरकर 12.6% रह गई.
हालांकि कंपनी का FY25 का रेवेन्यू 4,600 करोड़ रुपये पर स्थिर रहा, लेकिन EBITDA और नेट प्रॉफिट में गिरावट दर्ज की गई. इसका मुख्य कारण UK बिजनेस में घाटा, प्लाईवुड डिविजन को बंद करने से संबंधित एकमुश्त प्रावधान और बाथवेयर सेगमेंट में मार्जिन प्रेशर रहा.
कंपनी ने टाइल वॉल्यूम के मोर्चे पर बेहतर प्रदर्शन किया, वॉल्यूम 6% बढ़ा जबकि इंडस्ट्री ग्रोथ महज 2-3% रही. हालांकि, रेड सी संकट के वजह से एक्सपोर्ट प्रभावित हुआ, लेकिन प्रबंधन को उम्मीद है कि फ्रेट रेट सामान्य होने के साथ एक्सपोर्ट में सुधार होगा.
काजारिया ने अपने तीन सेल्स वर्टिकल्स (सिरेमिक, पॉलिश्ड और ग्लेज़्ड वित्रिफाइड) को मिलाकर यूनिफाइड टीम बनाई है, जिसका नेतृत्व अब राज्य स्तर पर होगा. इससे लागत में कमी और डीलर नेटवर्क को बेहतर तरीके से संभालने में मदद मिलेगी.
मार्जिन में सुधार Q1FY26 में देखने को मिला Q4FY25 के 10 फीसदी से बढ़कर 16.7% तक पहुंच गया. कंपनी ने प्लाईवुड बिजनेस से बाहर निकलने और UK ऑपरेशन्स को सुसंगत बनाने जैसे अहम कदम उठाए हैं.
एडहेसिव बिजनेस में FY25 के दौरान 64% की ग्रोथ देखी गई और 77 करोड़ रुपये की आमदनी हुई. तमिलनाडु के इरोड में नया प्लांट क्षेत्रीय मांग को पूरा करेगा. बाथवेयर में नई यूनिट के शुरुआती खर्चों के कारण FY25 में मार्जिन 4 फीसदी तक गिरा, लेकिन FY26 में इसके लाभ में आने की उम्मीद है.
काजारिया पूरी तरह नेट-डेट फ्री है और 420 करोड़ रुपये की नकदी इसके पास है. कंपनी के शेयरों ने पांच साल में 214 फीसदी रिटर्न दिया है. बीते गुरुवार कंपनी के शेयर 1264 रुपये पर बंद हुए.
Astral Ltd.
एफआईआई हिस्सेदारी में गिरावट ऐस्ट्रल लिमिटेड में लगातार कई तिमाहियों से हो रही है, सितंबर 2024 में 22.3 फीसदी से घटकर जून 2025 में 20.15 फीसदी तक आ गई.
FY25 में कंपनी की कुल आय 5,830 करोड़ रुपये रही, जो सालाना आधार पर महज 3.4% की बढ़त थी. शुद्ध लाभ में 4.9% की गिरावट आई, इसकी प्रमुख वजह बनी डिप्रिसिएशन और ब्याज खर्च की बढ़त.
पाइपिंग बिजनेस, जो कुल रेवेन्यू का 72 फीसदी है, केवल 1.3% बढ़ा जबकि एडहेसिव और पेंट सेगमेंट ने 9.1% की ग्रोथ दिखाई और अब कंपनी की आमदनी में 28% योगदान देते हैं. कंपनी इस अनुपात को 60:40 तक लाना चाहती है.
कमजोर मांग के बावजूद EBITDA मार्जिन 17% के आसपास बनाए रखने में कंपनी सफल रही. 460 करोड़ रुपये की नेट कैश पोजीशन उसे निवेश के लिए लिक्विडिटी देती है.
नई पेंट फैक्ट्री और सैनिटरीवेयर ब्रांड “TRUFLO” पर भी कंपनी फोकस कर रही है. FY26 में इस यूनिट से ब्रेकईवन की उम्मीद है. बीते पांच साल में कंपनी ने निवेशकों को 140 फीसदी मुनाफा दिया है. बीते कारोबारी सेशन में कंपनी के स्टॉक 1416 रुपये पर बंद हुए.
मार्केटिंग में कंपनी आक्रामक है और रेवेन्यू का 2.5-3% लगातार विज्ञापन पर खर्च कर रही है.
Syrma SGS Technology
सिर्मा एसजीएस, जो कि इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की एक उभरती हुई कंपनी है, इसमें FIIs की हिस्सेदारी सितंबर 2024 में 10.32 फीसदी थी, जो जून 2025 में गिरकर 6.34 फीसदी रह गई.
FY25 में वैश्विक डिमांड गिरावट के चलते रेवेन्यू प्रभावित हुआ, लेकिन FY26 की शुरुआत शानदार रही. Q1FY26 में 960 करोड़ रुपये का रेवेन्यू और 103 करोड़ रुपये का EBITDA दर्ज किया गया, जो सालाना आधार पर 69 फीसदी की ग्रोथ है. ऑपरेटिंग मार्जिन 10.7 फीसदी तक पहुंचा.
इंडस्ट्रियल और ऑटो सेगमेंट अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स में डिमांड वीक रही. एक्सपोर्ट कंपनी के कुल रेवेन्यू का 25 फीसदी हिस्सा बन चुके हैं. 710 रुपये पर ट्रेड करने वाला इस स्टॉक ने बीते पांच साल में कंपनी को 173 फीसदी का मुनाफा दिया है.
कंपनी के पास 314 करोड़ रुपये की नेट उधारी है, लेकिन बढ़ते कैश फ्लो से बैलेंस शीट मजबूत बनी हुई है. FY26 के लिए कंपनी ने 4,500-5,000 करोड़ रुपये रेवेन्यू और 10-11% ऑपरेटिंग मार्जिन का गाइडेंस दिया है. ऑटोमोटिव EMS के लिए नया प्लांट चालू होने वाला है जो H2FY26 से योगदान देगा.
PI Industries
पीआई इंडस्ट्रीज, जो कि लाइफ साइंसेज से जुड़े क्षेत्रों में एक रिसर्च-आधारित कंपनी है, उसमें FIIs की हिस्सेदारी सितंबर 2024 में 19 फीसदी से घटकर जून 2025 में 16.98 फीसदी हो गई.
FY25 में कंपनी की आय में 4 फीसदी की ग्रोथ रही लेकिन ग्रॉस मार्जिन बेहतर प्रोडक्ट मिक्स के कारण 53 फीसदी तक पहुंच गया. बायोलॉजिकल सेगमेंट और नए मॉलीक्यूल्स के निर्यात ने कंपनी का प्रॉफिट मार्जिन बढ़ाया.
रबी सीजन में घरेलू बिक्री में 6% की ग्रोथ दर्ज की गई और बायोलॉजिकल सेगमेंट ने 20% की बढ़त दिखाई. R&D में कंपनी की मजबूत पकड़ है, 700 वैज्ञानिकों की टीम, जिनमें 200+ PhDs हैं, और FY25 में 44 नए पेटेंट फाइल किए गए.
कंपनी के 15 मल्टीपर्पज मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं और फार्मा वर्टिकल में भी 33% तिमाही ग्रोथ देखी गई है. बीते पांच साल में कंपनी ने निवेशकों को 104 फीसदी के लगभग मुनाफा दिया है. गुरुवार को कंपनी के शेयर 4,023 रुपये पर बंद हुए.
4,090 करोड़ रुपये की नकदी और ना के बराबर कर्ज के साथ कंपनी मजबूत वित्तीय स्थिति में है.
Container Corporation of India
भारतीय रेल आधारित कंटेनर लॉजिस्टिक्स की सबसे बड़ी कंपनी CONCOR में भी FIIs का इंटरेस्ट घटा है. जून 2025 में हिस्सेदारी 12.69 फीसदी रही, जो एक साल पहले 16.15 फीसदी थी.
Q1FY26 में कंपनी ने 9 फीसदी वॉल्यूम ग्रोथ और 22.8% नेट प्रॉफिट ग्रोथ दर्ज की. घरेलू सेगमेंट, जो कुल वॉल्यूम का छोटा हिस्सा है, लेकिन लाभ के लिहाज से अहम है.
DFC (Dedicated Freight Corridor) के FY26 में पूरी तरह चालू होने की उम्मीद है, जिससे लॉजिस्टिक्स में बड़ा बदलाव आ सकता है. कंपनी के पास पहले से ही 63 टर्मिनल हैं और गुजरात के वर्नामा में नया मल्टीमॉडल पार्क बन रहा है.
FY25 के लिए 650 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय तय किया गया है. कंपनी कर्ज मुक्त है और 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी रखती है. 553 रुपये का आस-पास ट्रेड करने वाले इस स्टॉक ने निवेशकों को बीते पांच साल में 60 फीसदी के लगभग रिटर्न दिया है.
इन 5 मिडकैप कंपनियों में FIIs की हिस्सेदारी में गिरावट कोई घबराने वाली बात नहीं है, लेकिन यह संकेत जरूर देती है कि विदेशी निवेशक अब मुनाफे की बुकिंग या सतर्कता की नीति अपना रहे हैं. यह गिरावट कहीं-न-कहीं कंपनी की मौजूदा चुनौतियों या वैल्यूएशन पर सवाल उठाती है. निवेशकों के लिए यह वक्त है सतर्क रहने का.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.