सोलर-विंड के बाद अब BESS कंपनियां लिख रही हैं नई ग्रोथ स्टोरी, ये 4 स्टॉक बन सकते हैं निवेशकों के लिए गेमचेंजर

कुछ छोटी कंपनियां भविष्य में इस सेक्टर की बड़ी लीडर बन सकती हैं. निवेशकों के लिए यह एक अच्छा अवसर होता है. हालांकि कुछ रिस्क भी हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. टेक्नोलॉजी में तेज बदलाव हो सकता है और नई बैटरी केमिस्ट्री आ सकती है. चीन दुनिया की 75 फीसदी लिथियम-आयन बैटरी बनाता है, जिससे भू-राजनीतिक और सप्लाई चेन की जोखिम बनी रहती है. सरकारी नीतियां भी बदल सकती हैं.

सोलर और बैटरी स्टॉक Image Credit: FreePik

BESS Stock: भारत ने 34 गीगावाट (GW) नई बिजली क्षमता जोड़ी. इसमें से 87 फीसदी (29.5 GW) सोलर और विंड जैसी Renewable energy से आई. अब कुल Renewable energy क्षमता 220 GW के करीब है. सरकार का लक्ष्य साल 2030 तक 500 GW है. सूरज हमेशा नहीं चमकता, हवा हमेशा नहीं चलती. जब जरूरत हो, तब बिजली न मिले तो क्या? यहां बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) काम आते हैं. ये अतिरिक्त बिजली स्टोर करता है, जब सूरज या हवा ज्यादा या कम हो. तो यह सिस्टम जरूरत पर बिजली रिलीज करता है. इससे बिजली ग्रिड स्थिर रहती है, शाम को भी सोलर इस्तेमाल हो सकता है.

हर नए सोलर प्रोजेक्ट में अब 2 घंटे या 10 फीसदी क्षमता का BESS लगाना जरूरी है. इसी कड़ी में 5 इनसे जुड़ी कंपनियों पर नजर डालेंगे. कुछ बड़े नाम जैसे टाटा पावर, अदानी ग्रीन, जेएसडब्ल्यू एनर्जी, एक्मे सोलर सब BESS फोकस बढ़ा रहे हैं हैं. लेकिन कुछ छोटी कंपनियां भी तेजी से बढ़ रही हैं आइए जानें 5 ऐसी कंपनियों के बारे में विस्तार से

बोंडाडा इंजीनियरिंग (Bondada Engineering)

ये कंपनी टेलीकॉम और सोलर के लिए EPC (डिजाइन-खरीद-निर्माण) और मेंटेनेंस करती है. 70 फीसदी कमाई EPC से होती है. जियो, एयरटेल, बीएसएनएल जैसे बड़े क्लाइंट इनके ऑर्डर बुक में शामिल है. 12500 टेलीकॉम टावर लगाए, 4300 किमी फाइबर केबल बिछाई. 240 MW सोलर प्लांट बनाए. कंपनी तेलंगाना GENCO के लिए 24 करोड़ का प्रोजेक्ट जीता. 100 करोड़ के और प्रोजेक्ट लाइन में है. बात फाइनेंशियल कि करें तो 3 साल में रेवेन्यू 41 फीसदी CAGR, प्रॉफिट 75 फीसदी, RoE 29.6 फीसदी है. FY25 में रेवेन्यू 1,570 करोड़ (दोगुना), प्रॉफिट 120 करोड़ रुपये है.

क्वालिटी पावर इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट्स (Quality Power Electrical Equipments)

यह कंपनी साल 2001 में बनी. बिजली उपकरण बनाती है. BESS बनाने वाली STATCON Energiaa में बहुमत हिस्सा खरीदा. FY25 मेंं रेवेन्यू बढ़ा, प्रॉफिट लगभग दोगुना 100 करोड़ हो गया. FY26 में और ग्रोथ की उम्मीद है. ऑर्डर बुक 520 करोड़, पाइपलाइन 700 करोड़ रुपये है. मेहरू इलेक्ट्रिकल में 51 फीसदी हिस्सा (12 करोड़ में) लिया. नई फैक्ट्री में 10 एकड़, कोची प्लांट बढ़ाएगा.

जुपिटर वैगन्स (Jupiter Wagons)

जुपिटर वैगन्स मुख्य रूप से रेल के फ्रेट वैगन बनाती है. हाल ही में यह कंपनी BESS के क्षेत्र में प्रवेश कर चुकी है. इसका बैटरी बिजनेस हर महीने 200 फीसदी की तेजी से बढ़ रहा है. अगस्त में इसने 10-20 फुट के कंटेनर फॉर्मेट में पहला BESS लॉन्च किया. यह इंडस्ट्री और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बनाया गया है. कंपनी EV सेक्टर में भी सक्रिय है. कंपनी का प्लान है कि FY28 तक अपना रेवेन्यू दोगुना कर दे.

इसके लिए यह प्रोडक्ट पोर्टफोलियो बढ़ा रही है और भारत के तेजी से बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर का फायदा उठा रही है. इसकी सब्सिडियरी जुपिटर टाट्रावागोंका ओडिशा में 2,500 करोड़ रुपये निवेश करके रेल व्हील और एक्सल फोर्जिंग प्लांट बनाएगी. यह प्लांट सालाना 1 लाख फोर्ज्ड व्हीलसेट बनाएगा, जिसमें 50 फीसदी एक्सपोर्ट के लिए होगा, मुख्य रूप से यूरोपियन कंपनियों और घरेलू बाजार के लिए हैच.

अद्वैत इन्फ्राटेक (Advait Infratech)

अद्वैत इन्फ्राटेक टेलीकॉम और पावर ट्रांसमिशन के उपकरण बनाती है. इसके प्रोडक्ट्स में तार, इंसुलेटर, टावर, OPGW वायर, ACS वायर और इमरजेंसी रिस्टोरेशन सिस्टम शामिल हैं. यह टर्नकी प्रोजेक्ट भी करती है, यानी डिजाइन से लेकर इंस्टॉलेशन तक पूरा काम करती है. साल 2023 से कंपनी ने ग्रीन हाइड्रोजन और संबंधित टेक्नोलॉजी में डायवर्सिफाई किया है. अगले 5 साल में यह 1 GW की BESS प्रोजेक्ट्स डेवलप करने की योजना बना रही है. कंपनी की ग्रोथ शानदार रही है. पिछले 5 सालों में रेवेन्यू 50 फीसदी CAGR से बढ़ा है, जबकि नेट प्रॉफिट 54 फीसदी CAGR से बढ़ा है.

वर्तमान में इसका अनएक्जीक्यूटेड ऑर्डर बुक 800 करोड़ रुपये से ज्यादा का है. इसने पावरग्रिड कॉर्पोरेशन और KPI ग्रीन एनर्जी से बड़े ऑर्डर हासिल किए हैं. हाल ही में कंपनी ने GUNVL फेज IV स्टैंडअलोन BESS ऑक्शन में 50 MW/100 MWh क्षमता का प्रोजेक्ट जीता है. इसके अलावा SECI की PLI स्कीम में भी महत्वपूर्ण क्षमता हासिल की है. कंपनी ग्रीन हाइड्रोजन प्रोडक्शन, इलेक्ट्रोलाइजर मैन्युफैक्चरिंग, एनर्जी स्टोरेज और इनोवेटिव R&D प्रोजेक्ट्स पर पार्टनरशिप कर रही है.

डेटा सोर्स: Groww, Equity Master

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