अनिल अंबानी की रिलायंस इंफ्रा की धमाकेदार वापसी, सरकारी कंपनी से मिला बड़ा ऑर्डर, शेयरों ने भरी उड़ान
अनिल अंबानी की कंपनी को सरकार की ओर से बड़ा ऑर्डर मिलते ही रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरों में 19 अगस्त को जबरदस्त तेजी देखने को मिली. इसके शेयर लगभग 5 फीसदी तक उछल गए. तो कितना बड़ा हे ऑर्डर, किस कंपनी से मिला ये प्रोजेक्ट जानें पूरी डिटेल.

Reliance Infrastructure share price: हाल ही में कथित लोन फ्रॉड के आरोप में ED के शिकंजे में घिरे अनिल अंबानी के अच्छे दिन दोबारा लौटते नजर आ रहे हैं. उनकी कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर एक बार फिर सुर्खियों में है. कंपनी को सरकारी कंपनी से एक बड़ा ऑर्डर मिला है. जिससे रिलायंस इंफ्रा के शेयरों में मंगलवार यानी 19 अक्टूबर को अच्छी तेजी देखने को मिली.
कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को सरकारी ऊर्जा कंपनी NHPC से एक ऑर्डर मिला है, जो सोलर प्रोजेक्ट से जुड़ा हुआ है. उसे 390 मेगावाट का अंतरराज्यीय ट्रांसमिशन सिस्टम (ISTS) से जुड़ा सोलर पावर प्रोजेक्ट दिया गया है, जिसमें बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) भी शामिल है. कंपनी को मिले इस ऑर्डर से रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरों में आज जबरदस्त तेजी देखने को मिली. रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयर 4.98 फीसदी के उछाल के साथ 274.90 रुपये पर ट्रेड करते नजर आए.
प्रोजेक्ट की खासियत
इस प्रोजेक्ट में 700 मेगावाट पीक (MWp) की सोलर डीसी क्षमता और 780 मेगावाट-घंटे (MWhr) की बैटरी स्टोरेज क्षमता है. यह रिलायंस ग्रुप को सोलर और स्टोरेज के इंटीग्रेटेड क्षेत्र में देश का सबसे बड़ा खिलाड़ी बनने में मदद करेगा. NHPC के टेंडर में 15 कंपनियों ने हिस्सा लिया, जिसमें 14 ने ई-रिवर्स ऑक्शन के लिए क्वालिफाई किया. टेंडर चार गुना ओवरसब्सक्राइब हुआ था.
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रिलायंस की रणनीति
कंपनी ने नियामकीय फाइलिंग में कहा कि यह ऑर्डर क्लीन एनर्जी की दिशा में उनकी रणनीति का बड़ा मील का पत्थर है. रिलायंस ग्रुप अब 3 गीगावाट पीक (GWp) सोलर और 3.5 गीगावाट-घंटे (GWhr) स्टोरेज क्षमता के साथ रिन्युएबल एनर्जी में प्रमुख खिलाड़ी बनने की राह पर है. रिलायंस ग्रुप की दूसरी लिस्टेड कंपनी, रिलायंस पावर, पहले से ही 2.5 GWp सोलर और 2.5 GWhr स्टोरेज क्षमता संचालित कर रही है. इस नए प्रोजेक्ट के साथ ग्रुप की कुल सोलर क्षमता 3 GWp और स्टोरेज क्षमता 3.5 GWhr से अधिक हो गई है. यह उपलब्धि रिलायंस को भारत के स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में एक मजबूत खिलाड़ी बनाती है, जो सरकार के 2030 तक 500 GW नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य में योगदान देगा.
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