सरकार के EV चार्जिंग स्टेशन मिशन में इस कंपनी को सीधा फायदा, रिकॉर्ड ऑर्डर के साथ 91 देशों में बिजनेस; स्टॉक भी दमदार
देश में एक ऐसा बड़ा कदम उठने जा रहा है जिससे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की राह आसान हो जाएगी. सरकार ने जो नई योजना तैयार की है, उससे न सिर्फ लोगों को सुविधा मिलेगी बल्कि एक सरकारी कंपनी को भी नया बिजनेस बढ़ाने का मौका मिलेगा. जानिए पूरी रिपोर्ट.
देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने करीब 72,300 पब्लिक चार्जिंग स्टेशन लगाने की योजना बनाई है. इसके लिए 10,900 करोड़ रुपये के पीएम ई-ड्राइव (PM E-DRIVE) स्कीम के तहत 2000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इस बड़े प्रोजेक्ट का जिम्मा भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) को सौंपा गया है. सरकार की इस पहल से न सिर्फ ईवी सेक्टर को नई ताकत मिलेगी, बल्कि बीएचईएल के लिए भी यह कारोबार और बाजार में प्रदर्शन सुधारने का सुनहरा अवसर साबित हो सकता है.
कहां मिलेगी कितनी सब्सिडी
जारी ऑपरेशनल गाइडलाइंस के मुताबिक, ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर लगाने के लिए टियर आधारित सब्सिडी दी जाएगी. सरकारी दफ्तरों, रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स, हॉस्पिटल और शैक्षणिक संस्थानों में 100 फीसदी सब्सिडी मिलेगी, बशर्ते चार्जर सार्वजनिक रूप से मुफ्त उपलब्ध हों.
रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, ओएनजीसी और इंडियन ऑयल जैसी पीएसयू कंपनियों के पेट्रोल पंप, बस स्टेशन, मेट्रो स्टेशन, नगरपालिका की पार्किंग, पोर्ट और हाईवे टोल प्लाजा जैसी जगहों पर 80 फीसदी अपस्ट्रीम इंफ्रास्ट्रक्चर और 70 फीसदी ईवी सप्लाई इक्विपमेंट पर सब्सिडी दी जाएगी. शहरों की सड़कों, शॉपिंग मॉल और मार्केट कॉम्प्लेक्स जैसे स्थानों पर भी अपस्ट्रीम इंफ्रास्ट्रक्चर पर 80 फीसदी सब्सिडी उपलब्ध होगी.
BHEL को मिला अहम जिम्मा
बीएचईएल को इस मिशन के लिए प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंटेशन एजेंसी (PIA) नियुक्त किया गया है. पावर सेक्टर की यह दिग्गज कंपनी देश में बड़े पैमाने पर पावर प्लांट और इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट्स को डिजाइन, इंजीनियरिंग, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसिंग से जोड़ने का लंबा अनुभव रखती है. सरकार की ईवी चार्जिंग योजना के साथ बीएचईएल की भूमिका और भी अहम हो जाएगी क्योंकि इतने बड़े पैमाने पर चार्जिंग नेटवर्क तैयार करना कंपनी के ऑर्डर बुक और बिजनेस पर सीधा असर डालेगा.
कंपनी अब तक का प्रदर्शन और उपलब्धियां
बीएचईएल ने वित्त वर्ष 2024-25 में अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर हासिल किया है. कंपनी को इस साल 92,535 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले और कुल ऑर्डर बुक 1,96,328 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. यह कंपनी के लिए भविष्य की मजबूत रेवेन्यू ग्रोथ को दिखाता है. वैश्विक स्तर पर कंपनी की 91 देशों में उपस्थिति है.
- सिर्फ पावर सेक्टर से ही 81,349 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले, जिनमें से 76,930 करोड़ रुपये थर्मल पावर प्रोजेक्ट्स से जुड़े हैं.
- इंडस्ट्री सेक्टर से 11,001 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले, जिनमें खवड़ा-नागपुर लिंक के लिए 6,000 मेगावॉट एचवीडीसी प्रोजेक्ट भी शामिल है.
- कंपनी की आय 19 फीसदी बढ़कर 28,339 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जबकि टैक्स के बाद लाभ (PAT) 513 करोड़ रुपये रहा.
- बीएचईएल ने 8.1 गीगावॉट क्षमता वाली प्रोजेक्ट्स का सफल डिलिवरी किया और कैश कलेक्शन 20 फीसदी बढ़ा, जिससे कंपनी को 1,977 करोड़ रुपये का कैश सरप्लस मिला.
खास तकनीकी और रणनीतिक उपलब्धियां
बीएचईएल ने न सिर्फ पावर सेक्टर में बल्कि रक्षा और हाइड्रो प्रोजेक्ट्स में भी नई उपलब्धियां दर्ज की हैं. गुजरात के GHAVP न्यूक्लियर पावर प्लांट के लिए 45वां स्टीम जेनरेटर डिलीवर किया. अरुणाचल प्रदेश के दिबांग हाइड्रो प्रोजेक्ट के लिए भारत का सबसे बड़ा 240 मेगावॉट फ्रांसिस टरबाइन मॉडल तैयार किया. भूटान के 6×170 मेगावॉट पनातसंगचू-II हाइड्रो प्रोजेक्ट के तीन यूनिट कमिशन किए. HPCL के राजस्थान रिफाइनरी के लिए ट्राई-मैटलिक मेन फ्रैक्शनटर कॉलम की सप्लाई की. नौसेना के लिए अपग्रेडेड सुपर रैपिड गन माउंट को आईएनएस निलगिरी पर इंस्टॉल किया.
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शेयर बाजार में स्थिति
बीएचईएल का मार्केट कैप 81,271 करोड़ रुपये है और मौजूदा शेयर प्राइस करीब 233 रुपये पर चल रहा है. कंपनी का 52 हफ्ते का हाई 286 रुपये और लो 176 रुपये रहा है. हालांकि, कंपनी का प्राइस-टू-अर्निंग (P/E) रेशियो काफी ऊंचा 280 है, जो इसकी कमाई की तुलना में वैल्यूएशन को महंगा दिखाता है. वहीं, रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE) 4.87 फीसदी और रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) 2.12 फीसदी पर सीमित है. बीते पांच साल में इस पीएसयू ने निवेशकों को 627 फीसदी का रिटर्न दिया है.
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