ट्रंप के टैरिफ ऐलान से हिला क्रिप्टो मार्केट, बिटक्वाइन में 1.5% की गिरावट, शेयर बाजारों में भी हलचल
1 अगस्त को बिटक्वाइन की कीमत 1.5 फीसदी गिरकर 1,14,734 डॉलर पर पहुंच गई. इस गिरावट की प्रमुख वजह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कई देशों पर आयात शुल्क बढ़ाने की घोषणा मानी जा रही है. इससे वैश्विक निवेशक घबराए हुए हैं और जोखिम वाले एसेट्स जैसे क्रिप्टोकरेंसी से दूरी बना रहे हैं.

Bitcoin: दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन की कीमत में एक बार फिर गिरावट देखने को मिली है. शुक्रवार 1 अगस्त को बिटक्वाइन करीब 1.5 फीसदी गिरकर 1 लाख 14 हजार 734 डॉलर पर पहुंच गया. यह गिरावट ऐसे समय में आई है जब दुनिया भर के शेयर बाजारों में भी कमजोरी देखने को मिल रही है. दरअसल अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ग्लोबल ट्रेड पर टैरिफ बढ़ाने की घोषणा के बाद बाजार में बेचैनी बढ़ गई है. निवेशक अब जोखिम भरे एसेट्स जैसे क्रिप्टो से दूरी बना रहे हैं और यही वजह है कि बिटक्वाइन दबाव में आ गया है.
ट्रंप के फैसले से बढ़ी टेंशन
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने उन देशों पर 10 से 41 फीसदी तक नया टैरिफ लगाने की बात कही है जिनका ट्रेड सरप्लसअमेरिका के साथ है. इससे वैश्विक निवेश माहौल में अनिश्चितता बढ़ गई है. निवेशकों को डर है कि इन टैरिफ के कारण ग्लोबल ट्रेड धीमा हो सकता है और कंपनियों के मुनाफे पर असर पड़ेगा. इस वजह से वे जोखिम से बचने के लिए क्रिप्टो जैसी एसेट्स बेच रहे हैं.
शेयर बाजारों में भी कमजोरी का असर
क्रिप्टोकरेंसी पर हमेशा से ही वैश्विक आर्थिक घटनाओं का सीधा असर पड़ता है. जब शेयर बाजारों में गिरावट आती है तो निवेशक आम तौर पर सुरक्षित एसेट्स की ओर जाते हैं. मौजूदा समय में अमेरिका और यूरोप के बाजारों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. इससे बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी में भी बिकवाली बढ़ी है.
टैरिफ नीति ने बढ़ाई चिंता
ट्रंप की नई टैरिफ नीति में कई ऐसे फैसले हैं जिनका आर्थिक आधार साफ नहीं है. इससे बाजार में यह धारणा बन रही है कि अमेरिका की ट्रेड पॉलिसी अब अस्थिर हो सकती है. इस तरह की नीति अस्थिरता क्रिप्टो बाजार को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है क्योंकि इसमें निवेश पहले से ही जोखिम भरा माना जाता है.
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बिटक्वाइन का आगे का रास्ता कैसा
अगर वैश्विक टैरिफ तनाव और नीति अनिश्चितता बनी रही तो बिटक्वाइन की कीमतों में और गिरावट हो सकती है. हालांकि कुछ निवेशक इसे एक खरीदारी का मौका भी मान रहे हैं. लेकिन जब तक बाजार स्थिर नहीं होता, तब तक क्रिप्टो बाजार में उतार चढ़ाव जारी रह सकता है.
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