अब दो तरह के होंगे डीमैट अकाउंट, छोटे निवेशकों को होगा सीधा फायदा; बड़ा बदलाव करने जा रही है SEBI

सेबी ने BSDA यानी बेसिक सर्विस डीमैट अकाउंट के नियमों की समीक्षा का प्रस्ताव दिया है ताकि छोटे निवेशकों को कम AMC शुल्क पर डीमैट सुविधा मिल सके. नए बदलाव के बाद निवेशकों को दो प्रकार के अकाउंट विकल्प मिलेंगे जिसमें BSDA केवल छोटे पोर्टफोलियो धारकों को मिलेगा. प्रस्ताव में ZCZP बॉन्ड, डीलिस्टेड और सस्पेंडेड शेयरों को वैल्यू कैलकुलेशन से हटाने का सुझाव है.

सेबी ने BSDA के नियमों में बदलाव का प्रस्ताव दिया है. Image Credit:

Demat Account: सेबी ने बेसिक सर्विस डीमैट अकाउंट (BSDA) की सुविधा में बदलाव का प्रस्ताव पेश किया है. इसका उद्देश्य छोटे पोर्टफोलियो वाले निवेशकों को कम खर्च में ट्रेडिंग का मौका देना है. सेबी चाहती है कि निवेश प्रक्रिया सरल बने और छोटे निवेशक डिमेट चार्ज की वजह से पीछे न हटें. नए प्रावधान लागू होने पर निवेशकों के पास सामान्य और BSDA दो विकल्प उपलब्ध होंगे. कई सिक्योरिटीज को वैल्यू कैलकुलेश से हटाने का सुझाव दिया गया है ताकि पोर्टफोलियो रियल रूप में दिखे. ड्राफ्ट पर पब्लिक ओपिनियन 15 दिसम्बर तक मांगे गए हैं.

दो कैटेगरी में उपलब्ध होगा डिमेट अकाउंट

सेबी के प्रस्ताव के अनुसार निवेशकों को आगे दो कैटेगरी में डीमैट खाता मिलेगा. पहला सामान्य डीमैट खाता जो सभी के लिए उपलब्ध रहता है और दूसरा BSDA जो कम निवेश करने वालों के लिए विशेष रूप से प्रस्तावित किया गया है. इन बदलावों से निवेशकों को एक अतिरिक्त विकल्प मिलेगा और निवेश प्रक्रिया आसान होगी. इससे सेबी का लक्ष्य छोटे निवेशकों को कम शुल्क के साथ निवेश सुविधा देना है जिससे वे बिना वित्तीय दबाव के बाजार से जुड़े रह सकें.

BSDA अकाउंट के लिए कौन योग्य होगा

BSDA वही निवेशक प्राप्त कर सकेगा जिसके नाम पर केवल एक डीमैट अकाउंट हो और उसके पोर्टफोलियो का मूल्य दो लाख रुपये से कम हो. पचास हजार रुपये तक वैल्यू होने पर AMC शून्य रहेगा जबकि पचास हजार से दो लाख के बीच AMC सौ रुपये वार्षिक लागू होगा. इस मॉडल का सबसे बड़ा लाभ यह है कि छोटे निवेशक बहुत कम लागत में बाजार में निवेश जारी रख सकेंगे और शुल्क का भार उनके पोर्टफोलियो पर प्रभाव नहीं डालेगा.

कौन सी सिक्योरिटीज अब गिनती से बाहर होंगी

सेबी ने ZCZP बॉन्ड को पोर्टफोलियो कैलकुलेशन से हटाने का सुझाव दिया है क्योंकि यह न तो ट्रेडेबल है और न ही इनका मॉनेटरी वैल्यू तय होता है. इसी प्रकार डीलिस्टेड और सस्पेंडेड सिक्योरिटीज को भी गिनती से बाहर रखा जाएगा ताकि पोर्टफोलियो का रियल प्राइस ही दर्ज हो. कई बार ऐसे शेयर पोर्टफोलियो को आर्टिफिशियल फॉर्म से बड़ा दिखा देते हैं जिस कारण छोटे निवेशक BSDA के लाभ से वंचित रह जाते हैं. नया नियम इस समस्या को रोकने में मदद करेगा.

इलिक्विड सिक्योरिटीज की वैल्यू कैसे तय होगी

सेबी के अनुसार इलिक्विड सिक्योरिटीज की वाल्यू अंतिम बंद भाव के आधार पर गिना जाएगा जिससे BSDA पात्रता अधिक सटीक तरीके से तय हो सकेगी. इन नियमों में सस्पेंडेड और डीलिस्टेड शेयर शामिल नहीं होंगे इसलिए पोर्टफोलियो का वैल्यू बिना किसी फर्जी बढ़ोतरी के सामने आएगा. इससे कैलकुलेश की ट्रांसपेरेंसी बढ़ेगी और निवेशकों को अपने खाते की स्थिति स्पष्ट रूप से समझ आएगी.

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हर तिमाही में पात्रता की दोबारा जांच

सेबी चाहती है कि डिपॉजिटरी प्रतिभागी हर तिमाही BSDA पात्रता की समीक्षा करें और योग्य पाए जाने पर खाते को स्वतः BSDA में बदल दें. निवेशक चाहे तो वह किसी भी वेरिफाइड चैनल से अपनी सहमति दे सकता है जिससे प्रक्रिया और अधिक सरल होगी. सामान्य डीमैट खाते में यह अनिवार्यता नहीं है जबकि BSDA में रेगुलर जांच छोटे निवेशकों को अधिक लाभ दिलाने में प्रभावी होगी.

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