BSE ने इन 26 शेयरों की बदली सर्किट लिमिट, जानें कौन-कौन से स्टॉक शामिल, सोमवार से लागू होगा बदलाव

BSE ने 26 कंपनियों के शेयरों की सर्किट लिमिट में बदलाव किया है. ये बदलाव सोमवार यानी 15 दिसंबर 2025 से लागू होगा. प्राइस बैंड किसी शेयर की डेली के भाव में उतार-चढ़ाव की अधिकतम सीमा होती है. यानी, किसी स्टॉक की कीमत एक ही ट्रेडिंग सेशन में इस दायरे से ऊपर या नीचे नहीं जा सकती है.

बीएसई Image Credit: Getty image

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने 26 कंपनियों के शेयरों की सर्किट लिमिट या प्राइस बैंड में बदलाव करने का फैसला लिया है. यह बदलाव 15 दिसंबर 2025 (सोमवार) से प्रभावी होगा. इस कदम का उद्देश्य बाजार में असामान्य ट्रेडिंग गतिविधियों को रोकना और निवेशकों को संभावित जोखिम से बचाना है. BSE अपने नियमित सर्विलांस मैकेनिज्म के तहत उन शेयरों की पहचान करता है जिनमें कीमत या वॉल्यूम में अचानक तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है.

इन शेयरों का बदली सर्किट लिमिट

Sr NoScrip CodeScrip NameExisting Price Band (%)Revised Price Band (%)
1523411ADC India Communications Ltd520
2543937Alphalogic Industries Ltd105
3532916Barak Valley Cements Ltd510
4511664BGIL Films & Technologies Ltd25
5532113Brijlaxmi Leasing & Finance Ltd105
6540652Captain Technocast Ltd1020
7539436Coffee Day Enterprises Ltd520
8504351Empower India Ltd52
9531259Esha Media Research Ltd25
10530571Explicit Finance Ltd25
11524564Gayatri BioOrganics Ltd105
12543520Global Longlife Hospital and Research Ltd105
13508918Ironwood Education Ltd510
14531163Kemistar Corporation Ltd520
15513430Maitri Enterprises Ltd25
16544091Qualitek Labs Ltd510
17511626RR Financial Consultants Ltd25
18517273S&S Power Switchgear Ltd105
19516096Sangal Papers Ltd520
20540757Sheetal Cool Products Ltd2010
21532310Shree Rama Multi-Tech Ltd510
22521005Titan Intech Ltd25
23540726Trident Texofab Ltd105
24526113Uniroyal Marine Exports Ltd105
25542803Vaxfab Enterprises Ltd25
26509026VJTF Eduservices Ltd510

क्या होती है सर्किट लिमिट

सर्किट लिमिट को प्राइस बैंड भी कहते हैं. यह किसी भी स्टॉक के उतरने-चढ़ने की सीमा है. यानी किसी भी स्टॉक में एक कारोबारी सत्र में इस सीमा से ज्यादा का उतार-चढ़ाव नहीं होता है. अगर किसी स्टॉक में भारी खरीदारी या बिकवाली होती है और वह तय सर्किट लिमिट में अपस या लोअर साइड में चला जाता है, तो सर्किट लग जाता है. सर्किट लगने का सीध मतलब है कि उस स्टॉक में ट्रेडिंग बंद हो गई है. असर सर्किट तब लगता है, जब किसी स्टॉक में सर्किट लिमिट तक तेजी आ जाती है और उसे बेचने वाला कोई नहीं होता. वहीं लोअर सर्किट में कोई खरीदार नहीं रहता है.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.