Closing Bell: निफ्टी 25200 के ऊपर, सेंसेक्स 640 अंक उछला; रियल्टी-ऑटो और मीडिया के शेयर चमके
Closing Bell: संभावित भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर आशावाद, अमेरिकी फेड द्वारा 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की उम्मीद, तथा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में तेजी से भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार 16 सितंबर को अच्छी बढ़त दर्ज की गई.
Closing Bell: मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार ने व्यापक एशियाई मार्केट के अनुरूप बढ़त दर्ज की, क्योंकि निवेशकों का भरोसा चीन और भारत के साथ अमेरिकी व्यापार वार्ता में प्रगति के संकेतों से बढ़ा. ऑटो शेयरों में बढ़त ने तेजी को सहारा दिया और अब ध्यान फेडरल रिजर्व के आगामी ब्याज दरों के फैसले पर है. 16 सितंबर को भारतीय शेयर बाजार में निफ्टी 25,200 के ऊपर पहुंचकर मजबूती के साथ बंद हुआ.
सेंसेक्स 594.95 अंक या 0.73 फीसदी बढ़कर 82,380.69 पर और निफ्टी 169.90 अंक या 0.68 फीसदी बढ़कर 25,239.10 पर बंद हुआ. लगभग 2294 शेयरों में तेजी, 1470 शेयरों में गिरावट और 131 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ.
सेक्टोरल इंडेक्स
एफएमसीजी को छोड़कर, अन्य सभी सेक्टोरल इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए, जिनमें ऑटो, रियल्टी और टेलीकॉम में 1 फीसदी की वृद्धि हुई.
निफ्टी ऑटो (1.44 फीसदी ऊपर) और रियल्टी (1.07 फीसदी ऊपर) में एक-एक फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई, जबकि निफ्टी ऑयल एंड गैस (0.86 फीसदी ऊपर), मीडिया (0.86 फीसदी ऊपर), आईटी (0.86 फीसदी ऊपर), मेटल (0.83 फीसदी ऊपर), कंज्यूमर ड्यूरेबल्स (0.80 फीसदी ऊपर) और प्राइवेट बैंक (0.78 फीसदी ऊपर) में लगभग एक-एक फीसदी की वृद्धि हुई.
टॉप गेनर्स और लूजर्स
निफ्टी पर कोटक महिंद्रा बैंक, एलएंडटी, मारुति सुजुकी, भारती एयरटेल और टाटा स्टील टॉप गेनर्स की लिस्ट में रहे. जबकि श्रीराम फाइनेंस, बजाज फाइनेंस, टाटा कंज्यूमर, नेस्ले और एशियन पेंट्स में गिरावट दर्ज की गई.
निफ्टी 50 इंडेक्स में 42 शेयर बढ़त के साथ बंद हुए, जिनमें कोटक महिंद्रा बैंक (2.67 फीसदी ऊपर), लार्सन एंड टुब्रो (2.34 फीसदी ऊपर) और महिंद्रा एंड महिंद्रा (2.31 फीसदी ऊपर) टॉप गेनर रहे.
श्रीराम फाइनेंस (0.83 फीसदी नीचे), एशियन पेंट्स (0.82 फीसदी नीचे) और नेस्ले इंडिया (0.70 फीसदी नीचे) के शेयर इंडेक्स में सबसे अधिक गिरावट वाले रहे.
3 लाख करोड़ की कमाई
निवेशकों ने एक दिन में लगभग 3 लाख करोड़ रुपये कमाए क्योंकि बीएसई-लिस्टेड फर्म्स का कुल मार्केट कैप पिछले सत्र के 460 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर लगभग 463 लाख करोड़ रुपये हो गया.