Closing Bell: निफ्टी 25150 से नीचे, सेंसेक्स 690 अंक गिरकर बंद; फार्मा-FMCG टूटे, 3.5 लाख करोड़ डूबे

Closing Bell: ग्लोबल ट्रेड टेंशन के बीच पहले से ही गति प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रहे भारतीय शेयर बाजारों में शुक्रवार 11 जुलाई के सत्र में भारी बिकवाली देखी गई, क्योंकि टीसीएस के उम्मीद से कमजोर जून तिमाही के नतीजों ने निवेशकों के सेंटीमेंट को कमजोर कर दिया, जिससे आईटी शेयरों में भारी गिरावट आई.

शेयर मार्केट में गिरावट. Image Credit: Tv9 Network

Closing Bell: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा पर लगाए गए नए अमेरिकी टैरिफ के बाद बढ़ते वैश्विक व्यापार तनाव के कारण शुक्रवार 11 जुलाई को भारतीय इक्विटी बेंचमार्क में गिरावट आई. सेंसेक्स 689.81 अंक या 0.83 फीसदी की गिरावट के साथ 82,500.47 पर और निफ्टी 205.40 अंक या 0.81 फीसदी की गिरावट के साथ 25,149.85 पर बंद हुआ. लगभग 1510 शेयरों में तेजी, 2341 शेयरों में गिरावट और 150 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ.

टॉप गेनर्स और लूजर्स

निफ्टी पर सबसे ज्यादा गिरावट टीसीएस, बजाज ऑटो, एमएंडएम, हीरो मोटोकॉर्प और विप्रो में देखने को मिली. जबकि बढ़त HUL, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक और इंडसइंड बैंक में रही. बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.

सेक्टोरल इंडेक्स

FMCG (0.5 फीसदी), फार्मा (0.7 फीसदी) को छोड़कर, अन्य सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए. ऑटो, आईटी, मीडिया, ऑयल एंड गैस, ड्यूरेबल कंज्यूमर गुड्स, कैपिटल गुड्स, रियल्टी और टेलीकॉम में 1-1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.

निवेशकों के 3.5 लाख करोड़ डूबे

बीएसई-लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन पिछले सत्र के 460 लाख करोड़ रुपये से घटकर लगभग 456.5 लाख करोड़ रुपये रह गया, जिससे निवेशकों को एक दिन में लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

आज शेयर बाजार में गिरावट क्यों?

  • टीसीएस की पहली तिमाही की कमजोर आय.
  • ट्रंप की नई टैरिफ योजनाओं से निवेशक चिंतित.
  • रूस पर संभावित प्रतिबंधों के कारण तेल की कीमतों में उछाल.
  • पंप-एंड-डंप गतिविधियों पर सेबी की सख्ती.

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि पहली तिमाही के आय सत्र की धीमी शुरुआत और अमेरिका द्वारा कनाडा पर 35% टैरिफ लगाने की धमकी के कारण घरेलू बाजार में गिरावट दर्ज की गई. निवेशक गिरावट पर खरीदारी की रणनीति के तहत तिमाही आय पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं. हालांकि, निकट भविष्य में मौजूदा प्रीमियम वैल्यूएशन और कम खर्च व टैरिफ अनिश्चितता जैसी वैश्विक चुनौतियां नए निवेश को रोक सकती हैं. ऑर्डरों में देरी और नए निवेश के कारण आईटी इंडेक्स का प्रदर्शन कमजोर रहा, जिसका असर वित्त वर्ष 2026 के आय अनुमानों पर पड़ सकता है.