Exclusive: स्मॉल और मिड-कैप की गिरावट से घबराएं नहीं, करें ये काम; बाजार मंदी में राधिका गुप्ता ने निवेशकों को दी राय
म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए यह समय बेहद अहम है! बाजार की अस्थिरता के बीच एडलवाइस म्यूचुअल फंड की सीईओ राधिका गुप्ता ने एक ऐसा बयान दिया है, जिसे हर निवेशक को जरूर जानना चाहिए.

“न सर झुका के जियो, न सर गिरा के जियो, सितमगरों की नजर से नजर मिला के जियो.”
Radhika Gupta Investment Advice: साहिर लुधियानवी के लिखे ये शब्द बाजार के संदर्भ में जब राधिका गुप्ता ने Money9 Live से बातचीत के दौरान सुनाया तो लोगों की तालियों ने माहौल को थाम लिया. दरअसल, इस शेर के साथ उन्होंने गिरते बाजार में निवेशकों को मजबूती से खड़े रहने की अपील की. उन्होंने कहा कि इन वर्षों में जैसे निवेशक बाजार के ब्रांड एंबेसडर बन के रहे हैं उन्हें अपना पद वैसे ही बरकरार रखना चाहिए. एडलवाइस म्यूचुअल फंड्स की सीईओ राधिका गुप्ता ने मौजूदा बाजार की अस्थिरता, स्मॉल-कैप और मिड-कैप फंड्स में निवेश को लेकर बढ़ती चिंताओं और लंबी अवधि के निवेश के महत्व पर भी खुलकर बात की.
मिड और स्मॉल-कैप में घबराने की जरूरत नहीं
राधिका गुप्ता का मानना है कि मिड-कैप और स्मॉल-कैप में निवेश करने वालों को घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने 10 साल की SIP के आंकड़े साझा करते हुए बताया कि मिड-कैप फंड्स ने भी औसतन 10 फीसदी का रिटर्न दिया है, जबकि SIP का न्यूनतम रिटर्न 8 फीसदी रहा है. उनके अनुसार, अगर किसी निवेशक ने 10 साल तक म्यूचुअल फंड्स में निवेश किया है तो उसे लंबे समय तक टिके रहना चाहिए न कि तीन साल बाद घबराकर बाहर निकल जाना चाहिए.
राधिका ने कहा कि बाजार के उतार-चढ़ाव से घबराने की बजाय निवेशकों को लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहिए. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हर तीन महीने पर निवेशकों को मार्केट आउटलुक देने से उनकी शॉर्ट-टर्म सोच बढ़ती है. इसलिए फिनटेक प्लेटफार्म्स को भी केवल एक साल के रिटर्न दिखाने के बजाय लॉन्ग टर्म पर ध्यान देना चाहिए.
ग्रामीण भारत और म्यूचुअल फंड्स
ग्रामीण भारत और टियर-2, टियर-3 शहरों में निवेश की संभावनाओं पर बात करते हुए राधिका गुप्ता ने कहा कि SIP बुक 26,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है, जो भारत में निवेश की बढ़ती समझ को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि छोटे शहरों के निवेशकों के लिए सरल और पारदर्शी प्रोडक्ट को बढ़ावा देना चाहिए ताकि वे ज्यादा आत्मविश्वास के साथ निवेश कर सकें.
डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट और फिनटेक प्लेटफार्म्स के बढ़ते प्रभाव को लेकर उन्होंने कहा कि यह डिस्ट्रीब्यूटर्स के लिए चुनौती तो है, लेकिन इसका फायदा भी है. उन्होंने बताया कि कई बार जब निवेशक का पोर्टफोलियो बड़ा हो जाता है तो वह DIY से हटकर एक सलाहकार की जरूरत महसूस करता है. ऐसे में डिस्ट्रीब्यूटर्स को अपनी भूमिका को लेकर आश्वस्त रहना चाहिए.
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AI को सहयोगी बनाएं, न कि बाधा
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर उन्होंने कहा कि यह एक टूल है, जिसे सही तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए. म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में AI का इस्तेमाल रिसर्च, कस्टमर सर्विस और डेटा एनालिसिस के लिए किया जा सकता है जिससे डिस्ट्रीब्यूटर्स का काम आसान होगा.
राधिका गुप्ता के अनुसार, म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री को 75 करोड़ निवेशकों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखना चाहिए. इसके लिए प्रोडक्ट को सरल बनाने, निवेशकों को शिक्षित करने और डिस्ट्रीब्यूटर्स को प्रोत्साहित करने की जरूरत है. उनका मानना है कि भारत की अर्थव्यवस्था और निवेश का भविष्य उज्ज्वल है, बस जरूरी है कि निवेशक धैर्य बनाए रखें और सही दिशा में आगे बढ़ें. राधिका गुप्ता से हुई पूरी बातचीत को देखने के लिए आप नीचे दिए वीडियो को देख सकते हैं:
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