Dabur-Godrej समेत इन 18 कंपनियों में HDFC Mid-Cap फंड ने 12% तक बढ़ाई हिस्सेदारी, KNR को कहा बाय-बाय, देखें लिस्ट
HDFC मिड-कैप अपॉर्चुनिटीज फंड, भारत का सबसे बड़ा मिड-कैप फंड, अपने निवेशकों के लिए हमेशा चर्चा में रहता है. सितंबर में इसके एसेट्स में 1,750 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई. आइए जानते हैं कि पिछले महीने इस फंड ने किन कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई और कहां से अपना पैसा वापस निकाला.
HDFC Mid-Cap Opportunities Fund Portfolio: HDFC मिड-कैप अपॉर्चुनिटीज फंड (HDFC Mid-Cap Opportunities Fund) भारत का सबसे बड़ा मिड-कैप फंड है. यह 84,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का पैसा मैनेज करता है. इसका मतलब है कि लाखों लोग इसमें अपना पैसा लगाते हैं. सितंबर में इस फंड का पैसा 83,104 करोड़ रुपये से बढ़कर 84,854 करोड़ रुपये हो गया, यानी इसमें 1,750 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई. इसकी वजह से यह मिड-कैप फंड्स में सबसे आगे है. इस फंड के हर कदम पर बाजार की नजर रहती है क्योंकि यह इतना बड़ा और प्रभावशाली है.
आइए जानते हैं कि पिछले महीने इस फंड ने कौन-कौन से शेयर खरीदे और कहां अपनी हिस्सेदारी कम की. वैल्यू रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार, HDFC मिड-कैप अपॉर्चुनिटीज फंड ने पिछले महीने Alkem Laboratories, Dabur India, Escorts Kubota, Godrej Consumer Products समेत कुछ कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है, तो कुछ में कम भी की है.
Alkem Laboratories
HDFC मिड-कैप अपॉर्चुनिटीज फंड ने अल्केम लैबोरेटरीज में 9.7 लाख से ज्यादा शेयर खरीदे. इस फार्मा कंपनी ने पिछले तिमाही में अच्छा प्रदर्शन किया. इसकी आय 11% बढ़ी, नेट प्रॉफिट 22% बढ़ा और EBITDA मार्जिन में 21% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई. कंपनी का अमेरिकी कारोबार 8% बढ़ा और इसे पांच नए ANDA (Abbreviated New Drug Application) मंजूरी मिली, जो इसके प्रोडक्ट्स की मजबूती दिखाता है. HDFC मिड-कैप अपॉर्चुनिटीज फंड की हिस्सेदारी रिटेल निवेशकों को भी आकर्षित कर सकता है. शुक्रवार को बाजार बंद होने तक इसके शेयर 5,581.50 रुपये पर कारोबार कर रहा है.
Dabur India
फंड ने डाबर इंडिया के शेयरों में 11.8% की बढ़ोतरी की और पिछले महीने की तुलना में ज्यादा शेयर खरीदे. डाबर इंडिया भारत की सबसे पुरानी और भरोसेमंद FMCG और आयुर्वेदिक कंपनियों में से एक है. यह हेल्थ केयर, पर्सनल केयर और खाने-पीने के प्रोडक्ट्स में मजबूत मौजूदगी रखती है. इसके फंडामेंटल्स शानदार हैं. इसका ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन 18% से ज्यादा है, PAT (प्रॉफिट आफ्टर टैक्स) मार्जिन 14% है और रिटर्न ऑन इनवेस्टेड कैपिटल (ROIC) 35% है. इसके अलावा, 80% डिविडेंड पेआउट रेशियो के साथ यह अपने शेयरहोल्डर्स को भी फायदा देती है. अगर अभी किसी निवेशक को डाबर इंडिया के एक शेयर खरीदना हो तो उसे 508.35 रुपये देने होंगे.
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Escorts Kubota
फंड ने एस्कॉर्ट्स कुबोटा में अपनी हिस्सेदारी 10.5% बढ़ाई और पिछले महीने की तुलना में ज्यादा शेयर खरीदे. एस्कॉर्ट्स कृषि मशीनरी, उपकरण और रेलवे कंपोनेंट्स के क्षेत्र में अग्रणी है. ग्रामीण सुधार और इंफ्रास्ट्रक्चर के बढ़ते दबाव से इस कंपनी को फायदा हो रहा है. पिछले पांच साल में इसने 21.5% CAGR प्रॉफिट ग्रोथ दी है. हाल की तिमाही में इसका प्रॉफिट आफ्टर टैक्स 360% बढ़ा, जिसकी वजह ट्रैक्टर की ज्यादा बिक्री थी. एस्कॉर्ट्स के एक शेयर की कीमत 3697.40 रुपये है.
Godrej Consumer Products
फंड ने सितंबर में गोडरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के शेयरों में 10.4% की बढ़ोतरी की. यह FMCG कंपनी पर्सनल और होम केयर में बड़ा नाम है. हालांकि इसकी पहली तिमाही का प्रदर्शन थोड़ा कमजोर रहा और कच्चे माल की लागत की वजह से मार्जिन पर दबाव है, फिर भी यह एक मजबूत ब्रांड है. पिछले कारोबारी दिवस खत्म होने तक इसके शेयर 1132.20 रुपये पर कारोबार कर रहा था.
इन कंपनियों में भी बढ़ाई हिस्सेदारी
HDFC मिड-कैप अपॉर्चुनिटीज फंड ने कई अन्य शेयरों में भी अपनी हिस्सेदारी थोड़ी-थोड़ी बढ़ाई.
- यूनाइटेड स्पिरिट्स: पिछले महीने कंपनी के शेयरों में 8.2% की बढ़ोतरी.
- AU स्मॉल फाइनेंस बैंक: 4.2% की बढ़ोतरी.
- टिमकेन इंडिया: 3.6% की बढ़ोतरी.
- कोरमंडल इंटरनेशनल: 3.3% की बढ़ोतरी.
- मारिको: 3.25% की बढ़ोतरी.
- फोर्टिस हेल्थकेयर: 3% की बढ़ोतरी.
इसके अलावा, फंड ने बालकृष्ण इंडस्ट्रीज, कोफोर्ज, कमिंस इंडिया, डेल्हीवरी, ग्लैंड फार्मा, ग्लेनमार्क फार्मा, हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज और इप्का लैबोरेटरीज में भी हिस्सेदारी बढ़ाई है.
इस कंपनी के शेयर बेचे
पिछले महीने फंड ने KNR कंस्ट्रक्शन्स से पूरी तरह बाहर निकल गया. यह एक स्मॉल-कैप इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी है. इसका शेयर इस साल 43.8% गिर चुका है और कमजोर आय और नेट सेल्स में कमी की वजह से यह दबाव में है.
फंड के कदम क्यों महत्वपूर्ण हैं?
जब HDFC जैसे बड़े फंड अपने पोर्टफोलियो में बदलाव करते हैं, तो यह छोटे-मोटे ट्रेडिंग के लिए नहीं होता. निवेशकों के लिए इन कदमों को समझना जरूरी है क्योंकि यह बताता है कि अनुभवी फंड मैनेजर मौजूदा बाजार में कहां अवसर और जोखिम देख रहे हैं.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.