इस डिफेंस स्टॉक ने सिर्फ इतने दिनों में ₹1 लाख को बनाया ₹25 लाख, DRDO और BrahMos के लिए काम करती है कंपनी

अपोलो माइक्रो सिस्टम्स लिमिटेड ने बीते 5 सालों में निवेशकों को 2,475.88% का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है. किसी ने इसमें 1 लाख का निवेश किया होता तो वो अब तक 25.75 लाख रुपये बन चुके होते। कंपनी रक्षा और एयरोस्पेस सेक्टर में सक्रिय है और इसके शेयरों में हाल ही में जबरदस्त तेजी देखी गई है.

अपोलो माइक्रो सिस्टम्स लिमिटेड Image Credit: canva

देश की प्रमुख डिफेंस और एयरोस्पेस इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी अपोलो माइक्रो सिस्टम्स लिमिटेड (Apollo Micro Systems Ltd) एक बार फिर निवेशकों के रडार पर है. इसके शेयर शुक्रवार को 5% के अपर सर्किट तक पहुंच गए और 307.95 रुपये के उच्चतम स्तर को छूने के बाद 293.75 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए. कंपनी का मार्केट कैप 9,797.52 करोड़ रुपये का है. इस शेयर ने पिछले 5 साल में 2,475.88% का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है. आइये जानते हैं कि कंपनी का प्रमुख कारोबार क्या है और कंपनी की आगे की क्या रणनीति है.

5 साल में 1 लाख बने ₹25.75 लाख

अपोलो माइक्रो सिस्टम्स लिमिटेड के शेयर 17 अक्टूबर 2025 को BSE पर 293.75 के भाव पर बंद हुए. Groww के डेटा के मुताबिक, इसके शेयरों ने पिछले 5 साल में 2,475.88% की जबरदस्त रिटर्न दिया है. उदाहरण के लिए, यदि किसी निवेशक ने 5 साल पहले कंपनी के शेयरों में 1 लाख रुपये निवेश किए होते तो आज उसकी वैल्यू लगभग 25.75 लाख रुपये हो गई होती.

सोर्स- Groww

कंपनी का परिचय

अपोलो माइक्रो सिस्टम्स लिमिटेड शुरुआत 1985 में हुई थी और इसका मुख्यालय हैदराबाद में है. कंपनी रक्षा, एयरोस्पेस और होमलैंड सिक्योरिटी सेक्टर के लिए हाई-परफॉर्मेंस इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रो-मेकैनिकल सॉल्यूशन्स का डिजाइन, विकास और निर्माण करती है. अपोलो माइक्रो सिस्टम्स की सेवाएं R&D, डिजाइन, असेम्बली, टेस्टिंग और बड़े पैमाने पर निर्माण तक फैली हुई हैं. कंपनी अब तक 700 से अधिक ऑन-बोर्ड टेक्नोलॉजीज विकसित कर चुकी है, जो मिसाइल, ग्राउंड और नेवल डिफेंस सिस्टम्स में अहम भूमिका निभाती हैं. कंपनी रक्षा प्रणालियों के लिए आधुनिक हथियारों का “ब्रेन”, “आंखें” और “नर्वस सिस्टम” तैयार करती है, जिससे सामान्य हार्डवेयर को स्मार्ट, मिशन-रेडी सिस्टम में बदला जाता है.

कंपनी का क्लाइंट बेस

अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के क्लाइंट भारत सरकार केये प्रमुख संस्थान हैं.

कंपनी DRDO की मिसाइल परियोजनाओं के लिए 63% इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रो-मेकैनिकल सिस्टम्स की सप्लाई करती है.

कंपनी का फाइनेंस

अपोलो माइक्रो सिस्टम्स का Q1 FY25-26 में रेवेन्यू 91 करोड़ रुपये से बढ़कर 134 करोड़ रुपये हो गया. इस दौरान कंपनी का नेट प्रॉफिट ₹9 करोड़ से बढ़कर ₹19 करोड़ हो गया. पिछले 5 वर्षों में कंपनी का प्रॉफिट CAGR 32.7% और मीडियन सेल्स ग्रोथ 19.8% रहा है. ROCE 14.5% और डेब्ट-टू-इक्विटी रेश्यो 0.49 रहा.

ऑर्डर बुक और भविष्य की योजनाएं

कंपनी को अगले 6 महीनों में 2 लाख करोड़ रुपये के संभावित रक्षा ऑर्डर्स मिलने की उम्मीद है. मैनेजमेंट ने FY26 और FY27 के लिए 45-50% की रेवेन्‍यू CAGR का अनुमान लगाया है.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.

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