अमेरिकी कंपनी Jane Street ने ऐसे की हजारों करोड़ की हेराफेरी, 2 उदाहरण खोल देंगे सारा कच्चा-चिट्ठा
भारत के शेयर बाजार में एक विदेशी कंपनी चुपचाप करोड़ों का मुनाफा कमा रही थी. मगर अब SEBI ने उस पर बड़ी कार्रवाई की है. आखिर क्या था इसका ट्रेडिंग फॉर्मूला? क्या इससे रिटेल इन्वेस्टर्स को नुकसान हुआ? पढ़ें पूरी रिपोर्ट और जानें पूरा मामला इस खबर में.

Why did Sebi ban Jane Street?: भारत में शेयर बाजार जितना तेजी से बढ़ा है, उतनी ही तेजी से विदेशी हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग कंपनियों की दिलचस्पी भी इसमें बढ़ी है. बढ़ते बाजार के साथ सेबी अपनी निगरानी भी बनाए हुए था ऐसे में मार्केट रेगुलेटर को कुछ गड़बड़ी का अंदेशा हुआ. जांच आगे बढ़ी तो एक विदेशी कंपनी का नाम सामने आया. अब सेबी ने इसी कड़ी में बड़ी कार्रवाई की है. अमेरिका की Jane Street कंपनी पर भारतीय बाजार में अनुचित तरीके से मुनाफा कमाने के आरोप लगे हैं. SEBI ने इस पर अंतरिम आदेश जारी करते हुए 4,843 करोड़ रुपये की अवैध कमाई जब्त करने का आदेश दिया है और कंपनी को बाजार से बैन कर दिया गया है. जेन स्ट्रीट के अलावा उसके चार संबंधित संस्थाओं को भी बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है.
Jane Street का करोड़ों का खेल कैसे चलता था?
Jane Street एक हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग कंपनी है जो बड़ी मात्रा में फ्यूचर्स और ऑप्शन डेरिवेटिव्स में ट्रेड करती है. सेबी के मुताबिक, कंपनी ने भारत में 21 ट्रेडिंग सेशंस में एक खास पैटर्न अपनाकर कुल 36,671 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया. ये मुनाफा मुख्य रूप से ऑप्शन ट्रेडिंग से हुआ, जिसमें 44,358 करोड़ रुपये की कमाई हुई, हालांकि स्टॉक फ्यूचर्स और कैश मार्केट में उसे नुकसान भी हुआ.
अब सवाल यह है कि यह सब कैसे हुआ?
Strategy 1: फ्यूचर्स-ऑप्शन और कैश मार्केट का तालमेल
मान लीजिए Dr. Reddy’s का शेयर 1,200 रुपये पर ट्रेड कर रहा है. Jane Street पहले 1,202 रुपये पर फ्यूचर्स में 10,000 लॉट खरीदती है और 3 रुपये में 10,000 लॉट का 1220 कॉल ऑप्शन भी खरीद लेती है. इसके बाद कंपनी कैश मार्केट में 50 करोड़ रुपये के DRREDDY के शेयर खरीदती है जिससे शेयर का भाव बढ़ जाता है.
अगर शेयर 1,320 रुपये पहुंच जाए, तो फ्यूचर्स से 73.75 करोड़ और ऑप्शन से 60.62 करोड़ रुपये का मुनाफा होता है. यानी 50 करोड़ रुपये के निवेश पर 134 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई.
Strategy 2: Expiry Day पर इंडेक्स का मैनिपुलेशन
रिपोर्ट के अनुसार, Jane Street ने Bank Nifty और Nifty में expiry के दिन बड़ी पोजिशन लीं. जैसे सुबह भारी मात्रा में स्टॉक्स और फ्यूचर्स खरीदना, फिर ऑप्शन में शॉर्ट पोजिशन बनाकर दोपहर में स्टॉक्स को बेचना. इससे इंडेक्स नीचे जाता और ऑप्शन ट्रेड से भारी मुनाफा होता.
कई बार कंपनी आखिरी दो घंटे में Nifty से जुड़े स्टॉक्स खरीदती थी और ऑप्शन के जरिए लॉन्ग पोजिशन लेती थी ताकि इंडेक्स ऊपर दिखे और ऑप्शन मुनाफे में बिके.
जहां रिटेलर्स को हुआ तगड़ा घाटा वहीं FII ने कमाया मुनाफा
पिछले कुछ वर्षों में ऑप्शन ट्रेडिंग भारत में तेजी से बढ़ी है. पर SEBI के रिपोर्ट के मुताबिक 2021 से 2024 तक जहां रिटेल निवेशकों को 1.79 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है वहीं विदेशी और एल्गो ट्रेडिंग कंपनियों ने 59,850 करोड़ रुपये का भारी मुनाफा कमाया . SEBI ने इस तरह की गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए नवंबर 2023 से कई नियम कड़े किए हैं- जैसे ऑप्शन में न्यूनतम निवेश सीमा बढ़ाना और लॉट साइज में इजाफा करना.
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क्या होगा इस बैन का असर?
Jane Street पर बैन से विदेशी HFT फर्मों को बड़ा झटका लगा है. यह एक अहम संकेत है कि SEBI अब केवल घरेलू नहीं बल्कि विदेशी संस्थानों की भी बारीकी से निगरानी कर रहा है. यह कार्रवाई ना केवल निवेशकों की सुरक्षा के लिए अहम है बल्कि बाजार की पारदर्शिता और निष्पक्षता को भी मजबूत करेगी.
Jane Street भारत के डेरिवेटिव्स मार्केट में सबसे एक्टिव विदेशी कंपनियों में शामिल है. यह हाई-फ्रिक्वेंसी ट्रेडिंग और एल्गो बेस्ड ट्रेडिंग में माहिर है.कंपनी ने Nuvama Wealth Management Ltd के जरिए भारत में ट्रेडिंग की. SEBI के बैन के बाद Nuvama के शेयरों में लगभग 6.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
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