TRAIL ने एक लाख को कैसे बना दिया 1.6 करोड़, 2020 तक जूझ रही थी कंपनी; फिर ऐसे बदल गई किस्मत
Transformers & Rectifiers India: 2021 तक, शेयर एक लिमिट के भीतर कारोबार कर रहा था, क्योंकि कंपनी अस्थिर रेवेन्यू, कम मार्जिन और अस्थिर मुनाफे के सायकिल में फंसी हुई थी. पिछले पांच साल में कंपनी के शेयर ने 16,000 फीसदी से अधिक का रिटर्न दिया है.
Transformers & Rectifiers India: ट्रांसफॉर्मर्स एंड रेक्टिफायर्स इंडिया लिमिटेड (TRAIL) ने पिछले पांच साल में 16,000 फीसदी से ज्यादा का चौंका देने वाला रिटर्न दिया है, जिससे 2020 में 1 लाख रुपये का निवेश आज 1.6 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है. पिछले एक साल में ही शेयर में लगभग 60 फीसदी की उछाल आई है, जो निफ्टी 500 के 7 फीसदी की बढ़त से कहीं ज्यादा है. एक छोटी-सी जानी-मानी ट्रांसफॉर्मर कंपनी ने इतना बड़ा मुनाफा कैसे कमाया? किस व्यवसाय और उद्योग की अनुकूल परिस्थितियों ने इतने बड़े मुनाफे को जन्म दिया? क्या तेजी खत्म हो गई है या अभी और आना बाकी है? हम इसकी यात्रा पर नजर डलते हैं.
कई मोर्चों पर जूझ रही थी TRAIL
भारत में क्षमता के हिसाब से TRAIL दूसरी सबसे बड़ी ट्रांसफॉर्मर निर्माता कंपनी है. इसके ग्राहकों में पावर ग्रिड, एनटीपीसी और टाटा पावर जैसी देश की कुछ सबसे बड़ी बिजली और एनर्जी कंपनियां शामिल हैं. 2021 तक, शेयर एक लिमिट के भीतर कारोबार कर रहा था, क्योंकि कंपनी अस्थिर रेवेन्यू, कम मार्जिन और अस्थिर मुनाफे के सायकिल में फंसी हुई थी. वित्त वर्ष 15 और वित्त वर्ष 16 में बिक्री में मुश्किल से ही वृद्धि हुई और मुनाफा भी कम हो गया.
डिमांड ने बदल दिया खेल
2021 में पावर और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर से ट्रांसफॉर्मर की मांग बढ़ने के कारण स्थिति बदल गई. बिक्री आखिरकार बढ़ गई, जो वित्त वर्ष 21 में 742 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 22 में 1,158 करोड़ रुपये हो गई. नेट प्रॉफिट भी 8 करोड़ रुपये से लगभग दोगुना होकर 14 करोड़ रुपये हो गया.
टॉप परफॉर्मर कंपनियों में से एक
तब से, कंपनी ने ऑपरेशन को रिस्ट्रक्चर किया और क्षमता उपयोग में सुधार किया है, जिससे ग्रोथ के लिए एक ठोस आधार तैयार हुआ है. पिछले पांच वर्षों में TRAIL की बिक्री 24 फीसदी की CAGR से बढ़ी है, जबकि शुद्ध लाभ 251 फीसदी की प्रभावशाली दर से बढ़ा है. यह जोरदार ग्रोथ किसी की नजर नहीं बची और शेयर ने पांच साल में 16,000 फीसदी से अधिक का रिटर्न दिया है, जिससे यह निफ्टी 500 में टॉप परफॉर्म करने वाले शेयरों में से एक बन गया है.
इंस्टीट्यूशनल निवेशकों की बढ़ी दिलचस्पी
कंपनी में इंस्टीट्यूशनल रुचि भी बढ़ी है. FII, जिनके पास दिसंबर 2022 तक TRAIL में कोई हिस्सेदारी नहीं थी, अब मार्च 2025 तक 11.3 फीसदी के मालिक हैं. घरेलू इंस्टीट्यूशनल निवेशकों (DII) ने भी मार्च 2024 में अपनी हिस्सेदारी 1.89 फीसदी से बढ़ाकर एक साल बाद 7.22 कर ली है.
1 अरब डॉलर रेवेन्यू का लक्ष्य
कंपनी वित्त वर्ष 28 तक 1 अरब डॉलर (लगभग ₹8,553 करोड़) का रेवेन्यू प्राप्त करने का लक्ष्य बना रही है. इसका अर्थ है कि अगले तीन वर्षों में 60 फीसदी से अधिक की CAGR की दर से ग्रोथ. प्रबंधन इस लक्ष्य को अच्छी तरह से प्राप्त करने पर विचार कर रहा है, जो मजबूत ऑर्डरबुक, क्षमता विस्तार और भारत के पावर इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में लॉन्ग टर्म अनुकूल परिस्थितियों के कारण है.
मुनाफे पर फोकस कर रही कंपनी
कंपनी को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 26 के अंत तक इसकी ऑर्डर बुक 8,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी. वित्त वर्ष 26 के अंत में इसकी अन-एग्जीक्यूटेड ऑर्डरबुक 5,132 करोड़ रुपये थी.
कंपनी ने अपने मुनाफे पर फोकस किया है. इसका लक्ष्य लगभग 10 फीसदी का नेट प्रॉफिट मार्जिन और 16-17 फीसदी का एबिटा मार्जिन बनाए रखना है.
तेजी से बढ़ेगा बिजली ट्रांसफार्मर मार्केट
अगले दो वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था 6.5-6.7 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है और सरकार द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर, कैपिटल एक्सपेंडिचर, पावर सेक्टर के आधुनिकीकरण और रिन्यूएबल एनर्जी पर जोर दिए जाने से ट्रांसफार्मर की मजबूत मांग पैदा होने की उम्मीद है. बिजली ट्रांसफार्मर बाजार भी पावर, मेट्रो विस्तार और रिन्यूएबल एनर्जी के इंटीग्रेशन में बढ़ते निवेश से प्रेरित होकर तेजी से ग्रोथ के लिए तैयार है, जिससे बिक्री में और वृद्धि होनी चाहिए.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.