Closing Bell: सेंसेक्स और निफ्टी भारी गिरावट के साथ बंद, निवेशकों के डूबे 2 लाख करोड़, ONGC और M&M टूटे

Closing Bell: भारतीय शेयर बाजार गुरुवार, 22 मई को भारी गिरावट के साथ बंद हुआ. बढ़ते जियो-पॉलिटिकल तनाव, अमेरिकी डेट को लेकर बढ़ती चिंताएं और घरेलू इक्विटी के हाई वैल्यूएशन ने निवेशकों को जोखिम भरे इक्विटी से दूर कर दिया.

शेयर मार्केट में गिरावट. Image Credit: Getty image

Closing Bell: बीते दिन आधे फीसदी की ठीक-ठाक बढ़त दर्ज करने के बाद आज यानी गुरुवार 22 मई को शेयर मार्केट में गिरावट का सिलसिला फिर शुरू हो गया. गुरुवार को कारोबार के दौरान बेंचमार्क सेंसेक्स 1,100 अंक से अधिक टूट गया और निफ्टी 24,500 से नीचे चला गया. ग्लोबल मार्केट में तेज बिकवाली के चलते अमेरिकी बांड पर प्राप्ति में वृद्धि और अमेरिका की राजकोषीय सेहत को लेकर नई चिंता ने निवेशकों को डरा दिया है.

सेक्टोरल इंडेक्स

सेक्टोरल फ्रंट पर निफ्टी बैंक, ऑटो, FMCG, आईटी, फार्मा, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और ऑयल एंड गैस जैसे इंडेक्स में 0.5 फीसदी से 1.5 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई. ब्रॉडर मार्केट में निफ्टी मिडकैप में 0.35 फीसदी की गिरावट आई, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप में 0.1 फीसदी की मामूली बढ़त दर्ज की गई.

सेंसेक्स और निफ्टी

सेंसेक्स 81,596.63 के पिछले बंद स्तर के मुकाबले 81,323.05 पर ओपन हुआ और 1,107 अंक या 1.4 फीसदी गिरकर 80,489.92 के इंट्राडे लो पर आ गया. निफ्टी 50 24,813.45 के पिछले बंद स्तर के मुकाबले 24,733.95 पर खुला और 1.4 फीसदी गिरकर 24,462.40 के इंट्राडे लो पर आ गया.

अंत में सेंसेक्स 645 अंक या 0.79 फीसदी की गिरावट के साथ 80,951.99 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 204 अंक या 0.82 फीसदी की गिरावट के साथ 24,609.70 पर बंद हुआ. बीएसई मिडकैप इंडेक्स 0.33 फीसदी गिरा, जबकि बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स 0.17 प्रतिशत चढ़ा.

निवेशकों के डूबे 2 लाख करोड़

बीएसई-लिस्टेड फर्मों का कुल मार्केट कैप पिछले सत्र के 441 लाख करोड़ रुपये से घटकर लगभग 439 लाख करोड़ रुपये रह गया, जिससे निवेशकों को एक ही सत्र में लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

रुपये में गिरावट

  • चौथी तिमाही में मुनाफे में 62% की वार्षिक वृद्धि के बावजूद इंडिगो के शेयरों में लगभग 2 फीसदी की गिरावट आई.
  • चौथी तिमाही में मुनाफे में गिरावट के बाद ओएनजीसी के शेयरों में गिरावट आई.
  • शेयरों से बिकवाली और बैंकों की डॉलर मांग ने मुद्रा पर दबाव डाला.
  • रुपया एक महीने के निचले स्तर 86.0025/USD पर पहुंच गया.

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