Belrise Industries का IPO कितना दमदार? जगुआर लैंड रोवर तक खरीदती है सामान… जानें- कौन है मालिक
Belrise Industries IPO: 1988 में शुरू हुई बेलराइज इंडस्ट्रीज एक ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है. इसके पोर्टफोलियो में 1,000 से अधिक प्रोडक्ट शामिल हैं. भारत वित्त वर्ष 24 में 18.4 मिलियन यूनिट की घरेलू बिक्री के साथ दुनिया का सबसे बड़ा दोपहिया वाहन बाजार है.

Belrise Industries IPO: बेलराइज इंडस्ट्रीज का इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) निवेशकों लिए ओपन हो चुका है. यह इश्यू 21 से 23 मई के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला रहेगा. साल 1988 में शुरू हुई बेलराइज इंडस्ट्रीज लिमिटेड विशेष रूप से आटो सेक्टर में कारोबार करती है. कंपनी टू व्हीलर्स, थ्री व्हीलर्स, फोर व्हीलर्स पैसेंजर और कमर्शियल वाहनों के लिए ऑटोमोटिव शीट मेटल और कास्टिंग पार्ट्स, पॉलिमर कॉम्पोनेंट, सस्पेंशन और मिरर सिस्टम बनाती है. यह भारत में ऑटोमोटिव कॉम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है, जो सेफ्टी संबंधी महत्वपूर्ण सिस्टम की एक बड़ी रेंज ऑफर करती है.
क्या-क्या बनाती है बेलराइज इंडस्ट्रीज
बेलराइज इंडस्ट्रीज के प्रोडक्ट्स पोर्टफोलियो में मेटल चेसिस सिस्टम, पॉलिमर कॉम्पोनेंट, सस्पेंशन सिस्टम, बॉडी-इन-व्हाइट कॉम्पोनेंट और एग्जॉस्ट सिस्टम शामिल हैं. बेलराइज इंडस्ट्रीज आईपीओ का प्राइस बैंड 85 रुपये से 90 रुपये प्रति शेयर निर्धारित किया गया है.
बेलराइज इंडस्ट्रीज IPO क्वालिटी
वैल्यू रिसर्च के अनुसार, वित्त वर्ष 22 और वित्त वर्ष 24 के बीच बेलराइज इंडस्ट्रीज ने इक्विटी पर तीन साल का औसत रिटर्न (ROI) और नियोजित कैपिटल पर रिटर्न (ROI) क्रमश लगभग 15 और 13 फीसदी दर्ज किया. वित्त वर्ष 22 और वित्त वर्ष 24 के बीच इसका रेवेन्यू और नेट प्रॉफिट क्रमश 18 और 9 फीसदी सालाना बढ़ा.
ओवरव्यू
भारत वित्त वर्ष 24 में 18.4 मिलियन यूनिट की घरेलू बिक्री के साथ दुनिया का सबसे बड़ा दोपहिया वाहन बाजार है. बेलराइज इंडस्ट्रीज को दोपहिया वाहनों की बढ़ती मांग से लाभ मिलने की उम्मीद है, क्योंकि उनकी खरीद लागत कम है, माइलेज अधिक है और मेंटनेंस लागत भी कम है. हालांकि, अन्य स्थापित और पारंपरिक कॉम्पोनेंट कंपनियों से प्रतिस्पर्धी कंपनी के लिए एक प्रमुख रिस्क है.
बेलराइज इंडस्ट्रीज के बारे में अहम बातें
1988 में शुरू हुई बेलराइज इंडस्ट्रीज एक ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है. इसके पोर्टफोलियो में 1,000 से अधिक प्रोडक्ट शामिल हैं. इसके प्रोडक्ट्स का उपयोग इंटरनल कंबशन इंजन (ICE) और इलेक्ट्रिक वाहनों दोनों में किया जाता है. वित्त वर्ष 24 तक कंपनी के निर्यात ने कुल बिक्री में लगभग 4 फीसदी का योगदान दिया.
टू व्हीलर्स सेगमेंट का इसके रेवेन्यू में 63 फीसदी का योगदान रहा है. यह वर्तमान में भारत के 10 शहरों में 17 मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी ऑपरेट करती है.
बेलराइज इंडस्ट्रीज की ताकत और कमजोरी
मजबूत बाजार हिस्सेदारी: बेलराइज इंडस्ट्रीज वित्त वर्ष 24 तक कुल दोपहिया मेटल कॉम्पोनेंट बाजार में 24 फीसदी रेवेन्यू हिस्सेदारी के साथ टॉप तीन कंपनियों में से एक है, जो मार्केट में मजबूत प्रेजेंस का संकेत है.
कस्टमर कंसंट्रेशन: अपने 29 ग्राहकों (OEM) में से कंपनी को सिर्फ टॉप 10 से लगभग 64 फीसदी रेवेन्यू हासिल होता है.
प्राइसिंग पावर तय करने की शक्ति में कमी: ऑटोमोटिव कंपोनेंट उद्योग मूल्य निर्धारण शक्ति की कमी के लिए कुख्यात है. क्योंकि ओईएम ग्राहक हर साल अपने सप्लायर के साथ आक्रामक प्राइस कटौती की पहल करते हैं. अगर ऐसे ट्रेंड तेज होते हैं, तो कंपनी के मार्जिन में गिरावट आ सकती है.
कंपनी की वित्तीय सेहत
वैल्यू रिसर्च के अनुसार, कंपनी ने दिसंबर 2024 को समाप्त होने वाले 12 महीनों के लिए 328 करोड़ रुपये का प्री टैक्स मुनाफा दर्ज किया था. भारत में दोपहिया मेटल प्रोडक्ट्स के बाजार में 2030 तक प्रति वर्ष 11 से 13 फीसदी की ग्रोथ होने की उम्मीद है, जो एक अनुकूल बाजार वातावरण का संकेत देता है. यह कंपनी के ग्रोथ का समर्थन कर सकता है.
कौन-कौन है ग्राहक
कंपनी के कस्टमर बेस में बजाज ऑटो, रॉयल एनफील्ड, हीरो मोटोकॉर्प, जगुआर लैंड रोवर सहित कई प्रमुख ओईएम शामिल हैं. इन ग्राहकों के साथ कंपनी का जुड़ाव छह से 15 साल तक का है.
बेलराइज इंडस्ट्रीज का कारोबार फ्रॉफिटेबल है. इसके ऑपरेशन से पॉजिटव कैश फ्लो है. इसके अलावा आईपीओ के जरिए जुटाई जाने वाली रकम का इस्तेमाल भी कंपनी कर्ज को चुकाने के लिए करने वाली है.
कौन है बेलराइज इंडस्ट्रीज का मालिक
बेलराइज इंडस्ट्रीज का स्वामित्व बडवे परिवार के पास है, जिसके मैनेजिंग डायरेक्टर और प्रमुख प्रमोटर श्रीकांत शंकर बडवे हैं. कंपनी में सुप्रिया श्रीकांत बडवे और सुमेध श्रीकांत बडवे भी प्रमोटर की भूमिका में हैं. बडवे परिवार सामूहिक रूप से कंपनी में मेजॉरिटी हिस्सेदारी रखता है, जिसमें प्रमोटरों के पास इक्विटी शेयर पूंजी का 99.81 फीसदी हिस्सा है. रिपोर्ट के अनुसार, आईपीओ के बाद प्रमोटरों की कंपनी में 73 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी. 31 दिसंबर 2024 तक कंपनी का नेट डेट से इक्विटी रेश्यो एक था.
डिसक्लेमर: किसी भी कंपनी के आईपीओ में निवेश से पहले उसका फंडामेंटल जरूर देखें और एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.
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