मॉर्गन स्टेनली ने बढ़ाया भारत की विकास दर का अनुमान, 2026 में 6.2 फीसदी रहेगी ग्रोथ रेट

मॉर्गन स्टेनली ने भारत की विकास दर के अनुमान में बढ़ोतरी की है. फाइनेंशियल सर्विस फर्म का कहना है कि अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार कम होने से ग्लोबल इकोनॉमी की ग्रोथ सुधरने का अनुमान है, इसका असर भारत पर भी देखने को मिलेगा.

मॉर्गन स्टेनली ने FY 24-25 के लिए भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को घटाकर 6.3% किया Image Credit: Mario Tama/Getty Images

भारत सरकार के नीतिगत समर्थन और निवेश में वृद्धि के साथ ही अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर की आशंकाएं कम होने से भारत सहित दुनियाभर के आर्थिक विकास अनुमान सुधरे हैं. फाइनेंशियल सर्विस फर्म मॉर्गन स्टेनली ने वित्त वर्ष 2026 के लिए भारत की विकास दर 6.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. इसके साथ ही कहा है कि वित्त वर्ष 2027 में भारत 6.5 फीसदी की दर से विकास कर सकता है. मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिका-चीन व्यापार तनाव में कमी के मद्देनजर वित्त वर्ष 2026 के लिए भारत के विकास पूर्वानुमान को 6.1 फीसदी से बढ़ाकर 6.2 फीसदी और वित्त वर्ष 2027 के लिए 6.3 फीसदी से बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर रहे हैं.

इन कारणों से सुधार की उम्मीद

मॉर्गन स्टेनली ने भारत के आर्थिक विकास में सुधार के लिए आंतरिक आर्थिक ताकतों का हवाला देते हुए कहा कि घरेलू मांग भारत की ग्रोथ का इंजन बनी रहेगी, खासकर ऐसे समय में जब वैश्विक अनिश्चितताएं बनी हुई हैं. इसके साथ ही कहा, सरकार की ओर से नीतिगत समर्थन जारी रहने से भी विकास को बढ़ावा मिलेगा. रिपोर्ट में कहा गया है, आसान मौद्रिक नीति के जरिये सरकार की तरफ से आर्थिक विकास को नीतिगत समर्थन जारी रहने की संभावना है, जबकि राजकोषीय नीति पूंजीगत व्यय को बढ़ाने पर जोर देने वाली बनी रहेगी. इससे मजबूत बफर के साथ भारतीय अर्थव्यस्था एक व्यापक आरामदायक क्षेत्र में बनी रहेगी.

निवेश और खपत भी बढ़ रहे

रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू मांग पहले से ही मजबूत है. इसके साथ ही निवेश के मोर्चे पर भी स्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं. सार्वजनिक और घरेलू पूंजीगत व्यय विकास को गति दे रहे हैं, जबकि अनुमान है कि निजी कॉर्पोरेट पूंजीगत व्यय धीरे-धीरे ठीक हो जाएगा. इसके साथ ही रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति के स्तर को नियंत्रित करने के लिए अपने प्रयास जारी रखेगा. वहीं, राजकोषीय नीति के मोर्चे पर बजट में पूंजीगत व्यय को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए विकास को केंद्र में रखा जाएगा.