2300% का रिटर्न, मजबूत आर्डरबुक, लगातार बढ़ता मुनाफा; ये 4 कंपनियां दिखा रहीं कैपेक्स बूम का दम
भारत में पावर सेक्टर का कैपेक्स बूम अब जमीन पर उतर रहा है. Polycab, Apar, Havells और CG Power जैसी कंपनियों की ऑर्डरबुक, कैपेसिटी विस्तार और मुनाफा दिखाता है कि पॉलिसी घोषणा अब एक्जिक्यूशन में बदल चुकी है.
Power Sector Capex Boom: देश में पावर सेक्टर को लेकर बीते कुछ सालों से बड़े-बड़े ऐलान होते रहे हैं. रिन्यूएबल एनर्जी टारगेट, ग्रिड विस्तार, ट्रांसमिशन अपग्रेड और मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी बढ़ाने की योजनाएं. लेकिन अब यह कैपेक्स साइकिल सिर्फ पॉलिसी पेपर तक सीमित नहीं रह गई है. इसका असर कंपनियों की ऑर्डरबुक, कैपेसिटी एक्सपैंशन और मुनाफे में साफ दिखाई देने लगा है.
देश की चार प्रमुख इलेक्ट्रिकल और पावर इक्विपमेंट कंपनियां Polycab India, Apar Industries, Havells India और CG Power & Industrial Solutions. इस बात का ठोस सबूत पेश कर रही हैं कि भारत का पावर कैपेक्स बूम अब एक्जिक्यूशन मोड में आ चुका है.
सरकारी टारगेट से ग्राउंड रियलिटी तक
सरकार ने 2030 तक 500 गीगावॉट नॉन-फॉसिल फ्यूल कैपेसिटी का लक्ष्य रखा है. 2025 में ही करीब 50 गीगावॉट रिन्यूएबल कैपेसिटी जोड़ी गई और लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ. इसके साथ-साथ ट्रांसमिशन लाइनों, सबस्टेशन, ग्रिड कनेक्टिविटी और पावर एवैकुएशन इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च तेज हुआ है. यही वह जगह है जहां केबल, कंडक्टर, ट्रांसफॉर्मर और स्विचगियर बनाने वाली कंपनियों को सीधा फायदा मिल रहा है.
Polycab India
Polycab India के आंकड़े दिखाते हैं कि पावर और इंफ्रास्ट्रक्चर कैपेक्स का असर कैसे जमीन पर उतर रहा है. FY26 की सितंबर तिमाही में कंपनी की कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू 18% बढ़कर 6,477 करोड़ रुपये पहुंच गई, जबकि मुनाफा 56% उछलकर 693 करोड़ रुपये रहा.
वायर और केबल सेगमेंट में 21% की ग्रोथ दर्ज की गई, जो सोलर, विंड और ग्रिड प्रोजेक्ट्स से जुड़ी मांग का संकेत है. कंपनी EHV केबल प्लांट पर बड़ा निवेश कर रही है, जो 2026 के अंत तक तैयार होने की उम्मीद है. कंपनी के शेयर शुक्रवार को ०० फीसदी की गिरावट के साथ 0.68 फीसदी रुपये पर ट्रेड कर रहा था. इसने अपने निवेशकों को पिछले 5 साल में 614 फीसदी की रिटर्न दिया है.
Apar Industries
Apar Industries सीधे तौर पर रिन्यूएबल पावर प्रोड्यूसर नहीं है, लेकिन इसकी कंडक्टर और केबल ग्रिड एक्सपैंशन की रीढ़ हैं. FY26 की सितंबर तिमाही में कंपनी की रेवेन्यू 23% बढ़कर 5,715 करोड़ रुपये और मुनाफा 30% बढ़कर 252 करोड़ रुपये रहा.
खास बात यह है कि एक्सपोर्ट 43% बढ़े और अब कुल रेवेन्यू का करीब 35% हिस्सा बन चुके हैं.कंपनी की नई कैपेसिटी FY26 के अंत और 2026 के मध्य तक चालू होने की योजना है.कंपनी के शेयर शुक्रवार को 0.83 फीसदी की गिरावट के साथ 8554 रुपये पर ट्रेड कर रहा था. इसने अपने निवेशकों को पिछले 5 साल में 2316 फीसदी की रिटर्न दिया है.
Havells India
Havells के लिए FY26 की सितंबर तिमाही मिली-जुली रही, लेकिन पावर से जुड़े सेगमेंट ने मजबूती दिखाई. कंपनी की रेवेन्यू 5.3% बढ़कर 4,779 करोड़ रुपये और नेट प्रॉफिट 18.7% बढ़कर 318 करोड़ रुपये रहा.
केबल, वायर और स्विचगियर सेगमेंट ने इंफ्रास्ट्रक्चर और पावर प्रोजेक्ट्स की वजह से स्थिर प्रदर्शन किया. Havells सोलर और ग्रिड-कनेक्टिविटी से जुड़े प्रोडक्ट्स पर भी फोकस बढ़ा रही है और FY26 में करीब 1,450 करोड़ रुपये का कैपेक्स प्लान किया गया है.कंपनी के शेयर शुक्रवार को 0.27 फीसदी की गिरावट के साथ 1414 रुपये पर ट्रेड कर रहा था. इसने अपने निवेशकों को पिछले 5 साल में 55 फीसदी की रिटर्न दिया है.
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CG Power
अगर एक आंकड़ा पावर कैपेक्स बूम की पुष्टि करता है, तो वह CG Power की ऑर्डरबुक है. FY26 की सितंबर तिमाही में कंपनी के ऑर्डर इनफ्लो 32% बढ़कर 4,210 करोड़ रुपये पहुंचे, जिससे कुल ऑर्डरबुक 13,568 करोड़ रुपये पर पहुंच गई.
पावर सिस्टम्स बिजनेस की रेवेन्यू 48% की तेज बढ़त के साथ सामने आई. ट्रांसफॉर्मर कैपेसिटी को 15,000 MVA से बढ़ाकर 40,000 MVA किया गया है और स्विचगियर के लिए 748 करोड़ रुपये का नया ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट मंजूर किया गया है. कंपनी के शेयर शुक्रवार को 1.06 फीसदी की गिरावट के साथ 648 रुपये पर ट्रेड कर रहा था. इसने अपने निवेशकों को पिछले 5 साल में 1287 फीसदी की रिटर्न दिया है.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.