पांच दिन की बंपर रैली के बाद, क्यों टूटने लगे रेलवे स्टॉक्स, RVNL, IRCTC, IRFC समेत कई शेयर 4% तक गिरे

तेज उछाल के बाद एक प्रमुख सेक्टर में अचानक सुस्ती देखने को मिली है. हालिया नीतिगत फैसलों और आगे की संभावनाओं को लेकर निवेशकों का रुख बदला है. यह हलचल संकेत देती है कि बाजार में उत्साह के साथ सतर्कता भी लौट रही है.

रेलवे शेयर Image Credit: Money9 Live

Railway stocks today: रेलवे सेक्टर के शेयरों में तेज रफ्तार के बाद सोमवार को अचानक ब्रेक लग गया. पिछले पांच कारोबारी सत्रों में जोरदार तेजी के बाद निवेशकों ने मुनाफा निकालना शुरू किया, जिससे रेलवे से जुड़ी कई प्रमुख कंपनियों के शेयर 3 से 4 फीसदी तक फिसल गए. हालांकि, जानकार मानते हैं कि यह गिरावट किसी नकारात्मक बदलाव का संकेत नहीं है, बल्कि हालिया तेजी के बाद सामान्य प्रॉफिट बुकिंग का नतीजा है. यात्री किराए में हालिया बढ़ोतरी और आने वाले बजट से उम्मीदें अब भी इस सेक्टर को चर्चा में बनाए हुए हैं.

रेलवे शेयरों में मुनाफावसूली का असर

सोमवार को Indian Railway Finance Corporation यानी IRFC के शेयर एनएसई पर करीब 4 फीसदी टूटकर 128.30 रुपये तक आ गए. Rail Vikas Nigam Ltd (RVNL) में भी करीब 3.4 फीसदी की गिरावट देखी गई और शेयर 374.70 रुपये तक फिसल गया.

इसके अलावा Ircon International के शेयर करीब 2.1 फीसदी टूटकर 175.10 रुपये पर आ गए. Jupiter Wagons में भी लगभग 2.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जबकि Indian Railway Catering and Tourism Corporation यानी IRCTC करीब 0.6 फीसदी कमजोर होकर 701.25 रुपये पर बंद हुआ.

पांच दिन की तेजी के बाद स्वाभाविक गिरावट

यह गिरावट ऐसे समय आई है, जब रेलवे शेयरों ने पिछले पांच सत्रों में जबरदस्त रैली दिखाई थी. RVNL के शेयर करीब 306 रुपये से चढ़कर 387 रुपये के आसपास पहुंच गए थे, यानी 26 फीसदी से ज्यादा की तेजी. IRFC ने भी इस दौरान 110.81 रुपये से 133.60 रुपये तक का सफर तय किया, जो 20 फीसदी से अधिक का रिटर्न है.

Ircon International में भी करीब 19 फीसदी की बढ़त देखी गई थी. इसके अलावा RailTel Corporation of India और IRCTC में भी अच्छी खरीदारी देखने को मिली थी. ऐसे में मौजूदा गिरावट को निवेशक मुनाफावसूली के तौर पर देख रहे हैं, न कि सेक्टर से भरोसा उठने के संकेत के रूप में.

किराया बढ़ोतरी से मिला सेक्टर को सहारा

रेलवे शेयरों में हालिया तेजी की बड़ी वजह यात्री ट्रेनों के किराए में संशोधन रहा है. यह 2025 में दूसरी बार किराया बढ़ाया गया है. सरकार का कहना है कि इसका मकसद यात्रियों की जेब पर ज्यादा बोझ डाले बिना रेलवे की वित्तीय स्थिति को मजबूत करना है.

रेल मंत्रालय के अनुसार, यह बढ़ोतरी सामान्य और मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों पर लागू होती है, जबकि उपनगरीय सेवाओं और सीजन टिकटों के किराए में कोई बदलाव नहीं किया गया है. साधारण सेकेंड क्लास में 215 किलोमीटर तक कोई बढ़ोतरी नहीं है, जबकि इससे लंबी दूरी पर 5 से 20 रुपये तक का इजाफा किया गया है. मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में नॉन-एसी और एसी दोनों कैटेगरी में प्रति किलोमीटर 2 पैसे की बढ़ोतरी हुई है.

बजट से उम्मीदें अभी बाकी

रेल मंत्रालय ने बताया है कि जुलाई 2025 में हुई पिछली किराया बढ़ोतरी से अब तक करीब 700 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी हो चुकी है. इससे रेलवे की आय बढ़ाने की रणनीति को मजबूती मिली है.

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इसके साथ ही निवेशकों की नजरें अब यूनियन बजट 2026-27 पर टिकी हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगले वित्त वर्ष में रेल सुरक्षा के लिए रिकॉर्ड 1.3 लाख करोड़ रुपये का आवंटन हो सकता है, जो कुल पूंजीगत खर्च का बड़ा हिस्सा होगा. यही वजह है कि भले ही फिलहाल रेलवे शेयरों में उतार-चढ़ाव दिखे, लेकिन आने वाले दिनों में यह सेक्टर निवेशकों की नजर में बना रह सकता है.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.