पावर सेक्टर में बड़े रिफॉर्म्स की तैयारी, इन कंपनियों को मिल सकता है बूस्ट; निवेशक रखें नजर
भारत के पावर सेक्टर में बड़े रिफॉर्म्स की तैयारी है, क्योंकि सरकार ने Electricity Amendment Bill 2025 का ड्राफ्ट आगे बढ़ाया है. नए नियम डिस्कॉम्स की जवाबदेही, सब्सिडी डिसिप्लिन, कॉस्ट-रिफ्लेक्टिव टैरिफ्स और प्राइवेट पार्टिसिपेशन को बढ़ावा देंगे. इस बदलाव से कई मजबूत कंपनियों को फायदा मिलने की उम्मीद है. निवेशकों के लिए यह कंपनियां फोकस में रहेंगी.
Power stock: भारत के पावर सेक्टर में अगले कुछ महीनों में बड़े बदलाव दिख सकते हैं, क्योंकि सरकार ने इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2025 का ड्राफ्ट आगे बढ़ा दिया है. यह फ्रेमवर्क डिस्कॉम्स की जवाबदेही बढ़ाने, वर्षों से जमा वित्तीय दबाव कम करने और पूरे वैल्यू चेन में एक प्रतिस्पर्धी माहौल तैयार करने पर फोकस करता है. लागत आधारित टैरिफ, समय पर सब्सिडी भुगतान, क्लीनर प्रोक्योरमेंट और डिस्ट्रीब्यूशन में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी जैसे कदम आने वाले वर्षों में सेक्टर के बिजनेस मॉडल को पूरी तरह बदल सकते हैं. बिजली की तेजी से बढ़ती मांग, रिन्यूएबल एडिशंस और कंपनियों की बढ़ती कैपिटल प्लानिंग को देखते हुए ये रिफॉर्म्स इंडस्ट्री में लंबी अवधि की ग्रोथ के बड़े अवसर खोलते हैं. इसी माहौल में कई कंपनियां ऐसी हैं जो स्केल, बैलेंस शीट स्ट्रेंथ और पॉलिसी डायरेक्शन के साथ सबसे बेहतर तालमेल रखती हैं.
टाटा पावर
टाटा पावर ने जेनरेशन, ट्रान्समिशन और डिस्ट्रीब्यूशन तीनों में मजबूत उपस्थिति बनाई है. कंपनी का बड़ा रिन्यूएबल पोर्टफोलियो और सोलर मैन्युफैक्चरिंग–रूफटॉप बिजनेस इसे रिफॉर्म्स के केंद्र में लाता है. ड्राफ्ट बिल में क्लीनर टैरिफ स्ट्रक्चर और समय पर सब्सिडी भुगतान डिस्ट्रीब्यूशन बिजनेस के कैशफ्लो को मजबूत बनाएगा. प्राइवेट ऑपरेटर्स के लिए बढ़ते अवसर कंपनी के डिस्कॉम मॉडल को भी आगे बढ़ाएंगे.
कंपनी का Q2 FY26 रेविन्यू और EBITDA मार्जिन लगभग फ्लैट रहे, लेकिन ओडिशा डिस्कॉम्स और सोलर सेल–मॉड्यूल बिजनेस ने सपोर्ट दिया. H2 में करीब 1.3 GW रिन्यूएबल एडिशन का लक्ष्य है. कंपनी ने H1 में लगभग 73 अरब रुपये खर्च किए और पूरे साल का प्लान 250 अरब रुपये का है. स्टॉक करीब 30 टाइम्स अर्निंग पर ट्रेड हो रहा है. शुक्रवार को कंपनी का शेयर 0.28 फीसदी गिरकर 387 रुपये पर पहुंच गया है.
टोरेंट पावर
टोरेंट पावर प्राइवेट डिस्ट्रीब्यूशन में बेहतरीन एफिशिएंसी, बिलिंग डिसिप्लिन और कम AT&C लॉसेस की वजह से अलग पहचान रखता है. ड्राफ्ट बिल में प्राइवेट पार्टिसिपेशन बढ़ने से कंपनी को बड़ा फायदा होगा. Q2 FY26 में कंपनी का रेवेन्यू लगभग 10 फीसदी बढ़ा और EBITDA मार्जिन 19.1 फीसदी के करीब रहा.
H1 कैपेक्स 37 अरब रुपये के आसपास रहा और पूरे साल के लिए 70–80 अरब रुपये का प्लान है. कंपनी के पास 3.6 GW रिन्यूएबल, 3 GW पम्प्ड स्टोरेज और 1.6 GW थर्मल पाइपलाइन है. स्टॉक लगभग 22 टाइम्स अर्निंग पर चल रहा है. शुक्रवार को इसका शेयर 1.71 फीसदी गिरकर 1291.40 रुपये पर पहुंच गया है.
NTPC
एनटीपीसी का कोयला, गैस, हाइड्रो और रिन्यूएबल का बड़ा पोर्टफोलियो उसे देश का सबसे विश्वसनीय जेनरेटर बनाता है. कास्ट–रिफ्लेक्टिव टैरिफ और सब्सिडी डिसिप्लिन कंपनी के कैशफ्लो को और स्थिर बनाते हैं. कंपनी का Q2 FY26 EBITDA मार्जिन लगभग 29 फीसदी रहा और H1 में 231 अरब रुपये का कैपेक्स हुआ. अभी 33 GW कैपेसिटी निर्माणाधीन है और अगले दो वर्षों में हर साल 8 GW कमीशन करने का लक्ष्य है. स्टॉक लगभग 13 टाइम्स अर्निंग पर ट्रेड हो रहा है. शुक्रवार को इसका शेयर 0.02 फीसदी बढ़कर 326.65 रुपये पर पहुंच गया है.
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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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