J.P. Morgan ब्रोकरेज ने Vedanta को कहा- ‘स्ट्रॉन्ग’, विदेशी रिपोर्ट के आरोपों की उड़ाई धज्जियां, भरोसे का क्या है आधार?

वेदांता को लेकर विदेशी धरातल पर कुछ बड़ी हलचलें हो रही हैं. जहां एक ओर विदेशी रिपोर्ट ने वेदांता पर गंभीर वित्तीय आरोप लगाए हैं, वहीं वैश्विक वित्तीय दिग्गज J.P. Morgan ने अपनी रिपोर्ट में वेदांता को न केवल फाइनेंशियली मजबूत बताया है, बल्कि निवेश के लिहाज से 'सस्ता' और 'आकर्षक' बताया है. जानिए, आखिर J.P. Morgan का भरोसा किस आधार पर है.

J.P. Morgan ब्रोकरेज ने Vedanta को बताया 'स्ट्रॉन्ग' Image Credit: Money9 Live

J.P. Morgan on Vedanta Ltd: दो साल पहले हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने गौतम अडानी के बिजनेस साम्राज्य को झटका दिया था. अब कुछ वैसी ही हलचल अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता ग्रुप को लेकर भी दिख रही है. अमेरिका की शॉर्ट सेलर फर्म Viceroy Research ने वेदांता ग्रुप पर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और ग्रुप को दिवालिया होने की कगार पर बताने वाले आरोप लगाए हैं. इस रिपोर्ट का सीधा असर शेयर बाजार में भी दिखा, जहां वेदांता के शेयर बुधवार यानी 9 जुलाई को 7.7 फीसदी तक टूटे और हिंदुस्तान जिंक में 5 फीसदी की गिरावट आई. लेकिन इन आरोपों के बीच, एक बड़ी ग्लोबल फाइनेंशियल फर्म J.P. Morgan वेदांता के समर्थन में सामने आई है. आइए समझते हैं पूरा मामला.

Viceroy Research का आरोप: ‘पोंजी स्कीम’, ‘परजीवी मॉडल’

87 पेज की अपनी रिपोर्ट में Viceroy Research ने दावा किया है कि वेदांता लिमिटेड की पैरेंट कंपनी वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड (VRL) एक “परजीवी” कंपनी है, जो “पोंजी स्कीम” की तरह चल रही है. रिपोर्ट में कहा गया कि पूरी ग्रुप स्ट्रक्चर न केवल फाइनेंशियली अस्थिर है बल्कि ऑपरेशनल लेवल पर भी कई खामियां हैं, जिससे इसके कर्जदाता भारी जोखिम में हैं.

रिपोर्ट जारी करने के बाद Viceroy ने साफ किया कि उसने VRL के डेब्ट स्टैक पर शॉर्ट पोजिशन ली है यानी गिरावट से मुनाफा कमाने की रणनीति अपनाई है.

वेदांता ने क्या कहा?

वेदांता ने Viceroy की रिपोर्ट को झूठा और भ्रामक बताया. कंपनी ने कहा कि यह रिपोर्ट मार्केट में घबराहट फैलाकर मुनाफा कमाने की साजिश है. कंपनी ने निवेशकों से अपील की है कि वे इन आरोपों पर बिना सच्चाई परखे कोई निर्णय न लें.

क्या कहती है J.P. Morgan ब्रोकरेज की रिपोर्ट

Viceroy के तीखे आरोपों के ठीक बाद, वैश्विक ब्रोकरेज फर्म J.P. Morgan ने वेदांता पर विस्तृत रिपोर्ट जारी कर कंपनी के फाइनेंशियल की पड़ताल की है और उसे सकारात्मक नजरिए से देखा है. आइये जेपी मॉर्गन की रिपोर्ट में दिए अहम बिंदु को समझें

  1. VDL की लीवरेज स्थिति मजबूत: J.P. Morgan का कहना है कि वेदांता लिमिटेड (VDL) ने FY25 में Hindustan Zinc (HZL) को छोड़कर लगभग 3.1 बिलियन डॉलर का EBITDA दर्ज किया और उसकी नेट लीवरेज 2.2x रही, जो किसी भी बड़ी वित्तीय परेशानी का संकेत नहीं देती. वहीं HZL की नेट लीवरेज सिर्फ 0.1x रही.
  2. HZL पर सरकार की पकड़: रिपोर्ट में बताया गया कि भारत सरकार ने Hindustan Zinc में अब भी तीन बोर्ड सीटें अपने पास रखी हैं, जिससे वह कंपनी के बड़े फैसलों पर नियंत्रण बनाए हुए है. बीते समय में सरकार ने कुछ फैसलों पर वीटो भी किया है जिससे यह जाहिर होता है कि सरकार कंपनी की निगरानी करती रही है.
  3. टैक्स विवाद कोई असामान्य बात नहीं: HZL पर 15,150 करोड़ रुपये के टैक्स क्लेम्स हैं, जो अभी कोर्ट में लंबित हैं. लेकिन J.P. Morgan का कहना है कि इस तरह के विवाद भारत जैसे रेगुलेटेड सेक्टर में सामान्य हैं. JSW Steel जैसे बड़े समूहों पर भी इतने ही क्लेम हैं और उसे बैलेंस शीट में नहीं जोड़ा गया है.
  4. HZL में पुराना ‘पुट/कॉल ऑप्शन’: रिपोर्ट में इस पर भी सफाई दी गई कि सरकार और वेदांता के बीच एक पुराना पुट/कॉल ऑप्शन था, जो अब अप्रासंगिक हो चुका है क्योंकि प्रोजेक्ट लोकेशन बदलने की जानकारी सरकार को दी गई थी. बीते 20 साल में अगर कोई चूक हुई होती, तो सरकार जरूर कार्रवाई करती.

कंपनी के पोजिशन पर जेपी मॉर्गन फर्म की राय

J.P. Morgan ब्रोकरेज फर्म ने वेदांता लिमिटेड के बॉन्ड्स को “ओवरवेट” रेटिंग दी है, यानी निवेश के लिए अनुकूल माना है. उसका मानना है कि वेदांता में सालाना 5 बिलियन डॉलर का EBITDA जनरेशन हो रहा है, कंपनी ने FY26 में 1 बिलियन डॉलर की बैंक फंडिंग भी जुटाई है और बॉन्ड यील्ड्स 8–10 फीसदी के बीच आकर्षक स्तर पर हैं.

हालांकि रिपोर्ट में यह भी माना गया कि अगर मेटल्स की कीमतों में 10 फीसदी से ज्यादा गिरावट आई, कोई बड़ा M&A डील हुआ, या बैंकिंग सपोर्ट कमजोर पड़ा तो कंपनी के सामने चुनौती आ सकती है.

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वेदांता को लेकर इस वक्त बाजार में दो विरोधी सुर हैं, एक तरफ Viceroy Research का बड़ा हमला और दूसरी ओर J.P. Morgan जैसे वित्तीय विशेषज्ञों का समर्थन. निवेशकों के लिए यह समय भावनाओं में बहने का नहीं, बल्कि तथ्यों की ठोस पड़ताल का है. कौन सही है और कौन गलत इसका फैसला समय करेगा, लेकिन J.P. Morgan की रिपोर्ट वेदांता के पक्ष में एक मजबूत तर्क जरूर पेश करती है.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.