10,775% का धमाकेदार रिटर्न, अब सिंगापुर की कंपनी से मिलाया हाथ; सेमीकंडक्टर बिजनेस में उतरेगा ये छुटकू स्टॉक
हैदराबाद की इस कंपनी ने सिंगापुर की TOP2 Pte Ltd के साथ सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के लिए समझौता किया है. इस साझेदारी के तहत भारत में 25,000 से 30,000 वेफर्स हर महीने की क्षमता वाला प्लांट स्थापित करने की योजना है. समझौते का उद्देश्य आयात पर निर्भरता कम करना और भारत को ग्लोबल सेमीकंडक्टर हब बनाना है.
MIC MoU with TOP2 Pte Ltd: हैदराबाद की कंपनी MIC Electronics, जो LED वीडियो डिस्प्ले और LED लाइटिंग सॉल्यूशंस बनाने के लिए जानी जाती है, ने बुधवार, 10 सितंबर को एक बड़ा ऐलान किया. कंपनी ने सिंगापुर की TOP2 Pte Ltd के साथ एक MoU साइन किया है. इसका मकसद भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को मजबूत करना है. आइए विस्तार में जानते हैं कि यह समझौता क्या है और शेयरों का प्रदर्शन कैसा है.
क्या है समझौते का उद्देश्य?
इस साझेदारी के तहत TOP2, MIC Electronics को ताइवान से एक फैब्रिकेशन पार्टनर (Semiconductor Fab Partner) चुनने में मदद करेगा. योजना यह है कि भारत में 25,000 से 30,000 वेफर्स प्रति माह प्रोडक्शन की क्षमता वाला प्लांट लगाया जाए. सेमीकंडक्टर वेफर ही वो आधार हैं जिनसे चिप्स बनते हैं, और यही चिप्स मोबाइल, कंप्यूटर, इलेक्ट्रिक व्हीकल, 5G, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का “दिमाग” होते हैं. भारत अभी तक ज्यादातर सेमीकंडक्टर का आयात करता है, ऐसे में यह पहल देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम है.
कंपनी ने क्या कहा?
इस समझौते को लेकर कंपनी के CEO रक्षित माथुर ने कहा, “भारत के भविष्य के लिए बड़े पैमाने पर वेफर बनाना बेहद जरूरी है. TOP2 के साथ साझेदारी करके हमें वैश्विक अनुभव का लाभ मिलेगा और हम तेजी से आगे बढ़ पाएंगे. इससे हम आयात पर निर्भरता कम करेंगे और भारत की स्थिति वैश्विक सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में और मजबूत होगी.” यह समझौता भारत सरकार की 10 अरब डॉलर (लगभग 83,000 करोड़ रुपये) की सेमीकंडक्टर मिशन योजना के अनुरूप है. इस मिशन का लक्ष्य है कि-
- देश में चिप निर्माण की क्षमता बढ़ाना,
- आयात पर निर्भरता घटाना,
- और भारत को ग्लोबल हब बनाना.
क्या है शेयरों का हाल?
शुक्रवार, 12 सितंबर को MIC के शेयर लाल निशान में कारोबार करते हुए बंद हुए. इस दौरान शेयर 3.14 फीसदी तक टूट कर 69.74 रुपये पर बंद हुआ. हालांकि, पिछले 1 सप्ताह में इसके शेयरों में 26 फीसदी की तेजी दर्ज की गई. वहीं, 1 महीने में इसमें 50 फीसदी की उछाल आई है. हालांकि, सालभर में इसके शेयरों में 22 फीसदी की गिरावट दिखी है. लेकिन लॉन्ग टर्म में कंपनी ने अच्छा रिटर्न दिया है. 5 साल के दौरान इसके शेयर ने 10,775 फीसदी का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है. कंपनी का मार्केट कैप 1,735 करोड़ रुपये दर्ज किया गया.
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