डीमैट अकाउंट खोलने की रफ्तार हुई धीमी, जानें- क्यों कम हुआ रिटेल निवेशकों का उत्साह

Demat Account: डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी और सितंबर 2025 के बीच कुल नए डीमैट खाते 2.18 करोड़ खुले, जो 2024 की इसी अवधि के 3.62 करोड़ से 39.8 फीसदी की भारी गिरावट है. भारतीय शेयर बाजार ने 2025 में अब तक वैश्विक प्रतिस्पर्धियों की तुलना में कमजोर प्रदर्शन किया है.

नए डीमैट खाते खोलने की संख्या में गिरावट. Image Credit: Getty image

Demat Account: 2025 के पहले 9 महीनों में नए डीमैट खाते खोलने की गति धीमी बनी रही, जो अस्थिर मार्केट और इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) से कमजोर रिटर्न के बीच निवेशकों की सुस्त सेंटीमेंट को दर्शाता है. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी और सितंबर 2025 के बीच कुल नए डीमैट खाते 2.18 करोड़ खुले, जो 2024 की इसी अवधि के 3.62 करोड़ से 39.8 फीसदी की भारी गिरावट है. सितंबर 2025 में लगभग 24.6 लाख नए खाते खोले गए, मई के बाद से सबसे कम मंथली संख्या, जबकि अगस्त में 24.9 लाख और जुलाई में 29.8 लाख खाते खोले गए थे. यह नए अकाउंट रजिस्ट्रेशन में गिरावट का लगातार दूसरा महीना था.

20.71 करोड़ डीमैट अकाउंट

मनीकंट्रोल में छपी रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर तक, एनएसडीएल के पास कुल 4.19 करोड़ डीमैट अकाउंट थे. जबकि सीडीएसएल के पास 16.52 करोड़ डीमैट खाते थे, जिससे देश भर में कुल मिलाकर 20.71 करोड़ डीमैट अकाउंट हो गए.

क्यों कम खुल रहे डीमैट अकाउंट?

एनालिस्ट इस गिरावट का कारण बाजार में बढ़ती अस्थिरता, जियो-पॉलिटिकल टेंशन, विदेशी निवेशकों की निरंतर निकासी और इक्विटी बाजार में बढ़े हुए वैल्यूएशन को मान रहे हैं. हालांकि, आईपीओ के जरिए फंड रेजिंग का सिलसिला जारी रहा है, लेकिन कई लिस्टिंग ने कम या नेगिटव रिटर्न दिया है, जिससे नए खाते खोलने के लिए रिटेल निवेशकों का उत्साह कम हुआ है.

भारतीय बाजार का कमजोर प्रदर्शन

भारतीय शेयर बाजार ने 2025 में अब तक वैश्विक प्रतिस्पर्धियों की तुलना में कमजोर प्रदर्शन किया है. अमेरिकी डॉलर के संदर्भ में, सेंसेक्स और निफ्टी में क्रमशः केवल 1.8 फीसदी और 2.5 फीसदी की वृद्धि हुई है.

इसके विपरीत, प्रमुख ग्लोबल इंडेक्स में तेजी आई है- एसएंडपी 500 में 14 फीसदी, डॉव जोन्स में 10 फीसदी, नैस्डैक में 19 फीसदी, एफटीएसई 100 में 24 फीसदी, सीएसी 40 में 22 फीसदी, डीएएक्स में 38 फीसदी, निक्केई में 25 फीसदी, हैंग सेंग में 34 फीसदी, सीएसआई 300 में 21 फीसदी, कोस्पी में 55 फीसदी और जकार्ता कंपोजिट में 13 फीसदी की वृद्धि हुई है.

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