NSE CEO आशीष चौहान ने बताया ट्रंप के टैरिफ से कितना डरा बाजार, FII-FPI का क्या है रुख?

ट्रंप के टैरिफ का शेयर बाजार पर किस तरह से असर हुआ. आगे क्या असर हो सकता है ये दो ऐसे सवाल हैं, जो हर निवेशक के मन में है. इन सवालों का जवाब देश के सबसे बड़े एक्सचेंज NSE के CEO आशीष चौहान ने दिया है. एक टीवी इंटरव्यू में उन्होंने क्या कुछ कहा उसका सारांश यहां पढें.

Ashish Chauhan, Chief Executive Officer, Bombay Stock Exchange, India at the World Economic Forum on India 2012. Copyright World Economic Forum / Photo by Benedikt von Loebell Image Credit: Wikipedia commons

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ प्लान ने दुनियाभर के शेयर बाजारों में खलबली मचा रखी है. भारत का बाजार भी इससे अछूता नहीं है. खासतौर पर ट्रंप ने इसी सप्ताह भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लादने का एलान किया है. ट्रंप के इस एलान के ठीक एक दिन बाद भारतीय बाजार गिरने की जगह ऊपर चढ़ा. वहीं, आज बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स निफ्टी करीब 1 फीसदी गिरावट के साथ बंद हुए. इस तरह देखा जाए, तो ट्रंप की तरफ से भारत पर टैरिफ लगाने की घोषणा पर बजार ने बहुत संयमित प्रतिक्रिया दी है. यह क्यों हुआ इसका जवाब NSE CEO आशीष कुमार चौहान ने दिया है.

एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में चौहान ने कहा कि ट्रंप टैरिफ के बावजूद विदेशी निवेशक भारतीय बाजार को लेकर सकारात्मक हैं. मार्च-अप्रैल में टैरिफ घोषणा के बाद विदेशी निकासी सीमित रही, जबकि अमेरिकी डॉलर 10% कमजोर हुआ. 8 अगस्त को बाजार 1% गिरे, लेकिन असर सीमित है.

बाजार ने पचा लिया असर

चौहान ने बताया कि मार्च-अप्रैल में टैरिफ वाली घोषणा के बाद भारतीय बाजार से विदेशी निवेशकों की निकासी आशंकाओं के लिहाज से बहुत सीमित स्तर पर हुई. इसके अलावा भारतीय निवेशकों ने भी इस बदलाव को पचा लिया है. इस तरह फिलहाल बाजार मोटे तौर पर टैरिफ के असर को लेकर समायोजित हो चुका है.

डॉलर गिरने से संभले बाजार

उन्होंने कहा बताया ट्रंप के टैरिफ का असर सिर्फ उन देशों पर नहीं है, जिन पर टैरिफ लाया जा रहा है. बल्कि अमेरिका पर भी इसका असर हो रहा है. क्योंकि, जब से ट्रंप ने टैरिफ का एलान किया है अमेरिकी डॉलर की कीमत में करीब 10% की गिरावट आ चुकी है. इससे भारत जैसे उभरते बाजारों को सहारा मिला है.

क्यों सीमित रहा टैरिफ का असर?

चौहान ने बाजार की प्रतिक्रिया के मैकेनिज्म को समझाते हुए बताया कि जब कोविड की शुरुआत हुई, तो बाजार में करीब 40% तक गिरावट आई. लेकिन जैसे-जैसे समय गुजरा बाजार संभल गया और बाद में कोविड से जुड़ी तमाम नेगेटिव खबरों का असर कम हो गया. इसी तरह ट्रंप की बयानबाजी और टैरिफ का सबसे ज्यादा असर शुरुआती दौर में हुआ. अब बाजार ने इस फैक्टर को प्राइस इन कर लिया है. यानी बाजार इसके हिसाब से संभल चुका है. अब, जब कोई बदलाव आता है, तो उसके हिसाब से मामूली रिएक्शन मिलता रहेगा.

आज क्यों गिरा बाजार?

उन्होंने कहा कि शुक्रवार को भारतीय बाजार में हुई गिरावट के पीछे बहुत स्पष्ट रूप से ट्रंप का टैरिफ ही एक वजह है. लेकिन, ट्रंप के रवैये से सिर्फ भारत और भारत का बाजार ही प्रभावित नहीं है. बल्कि, यूरोपीय संघ, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देश भी परेशान हैं.