OLA के मालिक ने बेचे 2.62 करोड़ शेयर, 8% टूटकर 35 के नीचे आया भाव, ₹260 करोड़ का लोन चुकाएगी कंपनी
ओला इलेक्ट्रिक के संस्थापक और सीईओ भाविश अग्रवाल ने 16 दिसंबर 2025 को बल्क डील के जरिए कंपनी के 2.62 करोड़ से अधिक शेयर बेचे. यह बिक्री प्रमोटर स्तर पर 260 करोड़ रुपये के लोन की पूरी चुकौती के लिए की गई. कंपनी ने स्पष्ट किया कि यह एक बार की कार्रवाई है, जिससे प्रमोटर ग्रुप की हिस्सेदारी करीब 34 फीसदी रह जाएगी.
Ola Electric Bulk Deal: ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के संस्थापक और CEO भाविश अग्रवाल ने 16 दिसंबर 2025 को बल्क डील (Bulk Deal) के जरिए कंपनी के 2.62 करोड़ से अधिक इक्विटी शेयर बेचे. यह बिक्री प्रमोटर स्तर पर 260 करोड़ रुपये के लोन की पूरी अदायगी के लिए की गई है. कंपनी ने स्पष्ट किया कि यह एक बार की कार्रवाई है और इससे प्रमोटर कंट्रोल में कोई बदलाव नहीं आएगा. इस डील के कंपनी के शेयर मंगलवार को 7.5 फीसदी से अधिक टूटे हैं.
शेयर बिक्री का विवरण
एनएसई डेटा के अनुसार, भाविश अग्रवाल ने कुल 2,62,56,748 इक्विटी शेयर औसतन 34.99 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर बेचे. इस सौदे की कुल वैल्यू करीब 92 करोड़ रुपये रही. सितंबर 2025 तिमाही के अंत तक अग्रवाल के पास कंपनी में 30.02 फीसदी हिस्सेदारी यानी 1,32,39,60,029 शेयरों के बराबर थी. इस बिक्री से उनकी हिस्सेदारी में मामूली कमी आई है.
कंपनी का बयान और प्रमोटर हिस्सेदारी
ओला इलेक्ट्रिक ने आधिकारिक बयान में कहा कि यह कार्रवाई प्रमोटर स्तर पर 260 करोड़ रुपये के लोन की पूरी चुकौती के लिए की गई है. इससे पहले गिरवी रखे गए 3.93 फीसदी शेयर पूरी तरह रिलीज हो जाएंगे. ट्रांजैक्शन के बाद प्रमोटर ग्रुप की हिस्सेदारी करीब 34 फीसदी रह जाएगी. कंपनी ने जोर दिया कि इससे कंपनी के ऑपरेशंस, गवर्नेंस या स्ट्रैटेजिक दिशा पर कोई असर नहीं पड़ेगा. यह कदम प्रमोटर प्लेज को पूरी तरह खत्म करने और अनावश्यक जोखिम से बचने के लिए उठाया गया है.
शेयर कीमत पर असर
इस खबर के बीच ओला इलेक्ट्रिक के शेयर 7.76 फीसदी गिरकर 34.48 रुपये पर बंद हुए. कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 16,492 करोड़ रुपये रहा. शेयर ने 2024 में 100.40 रुपये का 52-सप्ताह हाई और 2025 में 33.20 रुपये का लो छुआ है. कंपनी लंबे समय में ग्लोबल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और क्लीन एनर्जी कंपनी बनने की दिशा में काम जारी रखेगी.
क्या होता है बल्क डील?
शेयर मार्केट में एक बड़ी मात्रा में शेयरों की खरीद-बिक्री को बल्क डील कहते हैं. यह तब होती है जब किसी एक क्लाइंट (जैसे संस्थागत निवेशक, म्यूचुअल फंड या बड़ा ट्रेडर) अपनी हिस्सेदारी के के कुल इक्विटी शेयरों का 0.5 फीसदी से अधिक हिस्सा एक ही ट्रेडिंग दिन में खरीदता है या बेच देता है.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.