रॉकेट बने फार्मा कंपनियों के शेयर, वॉकहार्ट का स्टॉक 10 फीसदी उछला; ल्यूपिन-सिप्ला से लेकर बायोकॉन तक में तेजी
Pharmaceutical stocks Jump Today: पिछले हफ्ते की भारी गिरावट से उबरते हुए सोमवार 29 सितंबर को दवा कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली. एनालिस्ट्स का मानना है कि भारतीय दवा कंपनियों पर इसका कम से कम असर पड़ने की उम्मीद है, क्योंकि उनका मुख्य ध्यान जेनेरिक दवा बाजार पर है.
Pharmaceutical stocks Jump Today: इंपोर्टेड दवाइयों पर नए अमेरिकी टैरिफ के दायरे पर स्पष्टता आने के बाद, पिछले हफ्ते की भारी गिरावट से उबरते हुए सोमवार 29 सितंबर को दवा कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली. वॉकहार्ट के शेयरों में 10 फीसदी से अधिक की तेजी आई. इस जोरदार तेजी के साथ वॉकहार्ट ने फार्मा सेक्टर में रिकवरी का नेतृत्व किया. बजाज हेल्थकेयर, सुप्रिया लाइफसाइंस, एलेम्बिक फार्मास्युटिकल्स, एस्टर डीएम हेल्थकेयर, सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज, ल्यूपिन, सिप्ला, आरती ड्रग्स, जाइडस लाइफसाइंसेज, बायोकॉन और अन्य कंपनियों के शेयरों में 1-3 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई.
गिरावट के बाद आई रिकवरी
निफ्टी फार्मा इंडेक्स में 1 फीसदी से अधिक की बढ़त दर्ज की गई, जिसमें सन फार्मा, ल्यूपिन, सिप्ला, जाइडस लाइफसाइंसेज, जेबी केमिकल्स एंड फार्मास्युटिकल्स और बायोकॉन जैसे प्रमुख शेयरों का योगदान रहा. फार्मा शेयरों में सोमवार को आई यह तेजी शुक्रवार को आई भारी गिरावट के बाद आई है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 अक्टूबर से ब्रांडेड और पेटेंटेड दवा उत्पादों पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की थी. इसके बाद से फार्मा सेक्टर में भारी गिरावट देखने को मिली थी.
फार्मा सेक्टर के इन शेयरों में तेजी
शेयर | उछाल (%) |
वॉकहार्ट | 7.67 |
बजाज हेल्थकेयर | 5.19 |
सुप्रिया लाइफसाइंस | 2.81 |
एलेम्बिक फार्मास्युटिकल्स | 2.42 |
एस्टर डीएम हेल्थकेयर | 2.72 |
सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज | 3.19 |
ल्यूपिन | 1.07 |
सिप्ला | 1.87 |
आरती ड्रग्स | 2.35 |
जाइडस लाइफसाइंसेज | 1.45 |
बायोकॉन | 1.48 |
भारतीय दवा कंपनियों पर कम असर
हालांकि, सोमवार को यह स्पष्ट होने के बाद सेंटीमेंट में काफी सुधार हुआ कि प्रस्तावित टैरिफ केवल ब्रांडेड और पेटेंट दवाओं पर लागू होंगे, जेनेरिक दवाओं पर नहीं, जो अमेरिका को भारतीय निर्यात का बड़ा हिस्सा हैं. एनालिस्ट्स का मानना है कि भारतीय दवा कंपनियों पर इसका कम से कम असर पड़ने की उम्मीद है, क्योंकि उनका मुख्य ध्यान जेनेरिक दवा बाजार पर है.
रिपोर्ट के अनुसार, भारत अमेरिका को लगभग 8.7 अरब डॉलर मूल्य की दवाइयां निर्यात करता है, जो उसके कुल दवा निर्यात का लगभग एक तिहाई है. कई भारतीय कंपनियों के लिए, अमेरिकी बाजार उनके रेवेन्यू का 30-50 फीसदी हिस्सा है.
डिस्क्लेमर: मनी9लाइव किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.