CBI केस के बाद इस कंपनी के शेयर धराशायी, निवेशकों में मची है हाय-तौबा
एक प्रमुख कंस्ट्रक्शन कंपनी को तब बड़ा झटका लगा है जब सरकार ने उसे और उसकी सहायक कंपनियों को टेंडर से एक साल के लिए बाहर कर दिया. जानिए क्या है पूरा मामला
पीएनसी इंफ्राटेक (PNC Infratech) के शेयर 21 अक्टूबर को 20% की गिरावट के साथ 366 रुपये पर आ गए. यह गिरावट तब आई जब सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने कंपनी और उसकी दो सहायक कंपनियों को अपने किसी भी टेंडर में भाग लेने से अयोग्य घोषित कर दिया. कंपनी के लिए ये फैसला बेहद बुरी खबर है लेकिन इसने निवेशकों के मन में भी कंपनी के लिए विश्वसनीयता को डगमगा दिया.
एक साल के लिए टेंडर से बैन
पीएनसी इंफ्राटेक ने एक्सचेंज फाइलिंग में जानकारी दी कि कंपनी और उसकी दो सहायक कंपनियों, पीएनसी खजुराहो हाईवेज और पीएनसी बुंदेलखंड हाईवेज को 18 अक्टूबर 2024 से एक साल के लिए टेंडर प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया है. सरकार ने यह फैसला केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा जून और अगस्त 2024 FIR और चार्जशीट दायर करने के बाद लिया है.
कंपनी को 18 अक्टूबर को व्यक्तिगत सुनवाई के लिए मंत्रालय द्वारा बुलाया गया था जिसके बाद यह निर्णय लिया गया. हालांकि, कंपनी ने स्पष्ट किया है कि मौजूदा विकास, निर्माण, और संचालन और रखरखाव (O&M) गतिविधियों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
दो बड़े प्रोजेक्ट्स मिले
इस झटके के बावजूद, हाल ही में पीएनसी इंफ्राटेक को महाराष्ट्र स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन से दो बड़े प्रोजेक्ट्स मिले हैं.पहला प्रोजेक्ट 2,268 करोड़ रुपये का है जिसमें पुणे रिंग रोड के निर्माण का काम शामिल है. दूसरा प्रोजेक्ट 2,362 करोड़ रुपये का है जिसमें जलना से नांदेड़ तक का कनेक्टर एक्सप्रेसवे बनाना शामिल है. ये दोनों प्रोजेक्ट 30 महीने में पूरे होने हैं और इन्हें इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) मॉडल के तहत पूरा किया जाएगा.
शेयर बाजार में प्रदर्शन
पिछले तीन महीनों में पीएनसी इंफ्राटेक के शेयरों में 27% से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है, जबकि इस अवधि में निफ्टी 50 इंडेक्स में 1% की बढ़ोतरी हुई है. 16 ब्रोकरेज में से 12 ने कंपनी के शेयरों पर ‘खरीदें’ की रेटिंग दी है, 3 ने ‘होल्ड’ की रेटिंग दी है और 1 ने ‘बिक्री’ की सलाह दी है.