Nasdaq में होगी 24 घंटे की ट्रेडिंग! भारतीय निवेशक ऐसे उठाएंगे फायदा, सेंसेक्स-निफ्टी रियल टाइम में करेंगे रिएक्ट

पिछले कुछ वर्षों में अमेरिकी इक्विटी बाजार में विदेशी निवेश तेजी से बढ़ा है. फिलहाल ग्लोबल लिस्टेड मार्केट वैल्यू का करीब दो तिहाई हिस्सा अमेरिका के पास है. साल 2024 में विदेशी निवेशकों के पास करीब 17 ट्रिलियन डॉलर के अमेरिकी शेयर थे. इसी वजह से एक्सचेंज अब ट्रेडिंग समय को ग्लोबल इंवेस्टर के हिसाब से ढालना चाहता है.

Wall Street. Image Credit: TV9 Bharatvarsh

अमेरिकी शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. Wall Street का टेक बेस्ड बेंचमार्क Nasdaq लगभग पूरे दिन ट्रेडिंग शुरू करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. बढ़ती वैश्विक दिलचस्पी को देखते हुए एक्सचेंज ने ट्रेडिंग घंटों को लेकर रेगुलेटर से मंजूरी लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. Reuters की रिपोर्ट के अनुसार Nasdaq ने अमेरिकी बाजार रेगुलेटर SEC के पास प्रस्ताव दाखिल किया है, जिसमें हफ्ते में पांच दिन रोज 23 घंटे ट्रेडिंग की अनुमति मांगी गई है. अगर यह मंजूरी मिल जाती है तो दुनियाभर के निवेशकों को अमेरिकी शेयरों में लगभग लगातार कारोबार का मौका मिलेगा. Nasdaq में Nvidia Apple और Amazon जैसी बड़ी टेक कंपनियां लिस्टेड हैं.

क्यों बढ़ रही है 24 घंटे ट्रेडिंग की मांग

पिछले कुछ वर्षों में अमेरिकी इक्विटी बाजार में विदेशी निवेश तेजी से बढ़ा है. फिलहाल ग्लोबल लिस्टेड मार्केट वैल्यू का करीब दो तिहाई हिस्सा अमेरिका के पास है. साल 2024 में विदेशी निवेशकों के पास करीब 17 ट्रिलियन डॉलर के अमेरिकी शेयर थे. इसी वजह से एक्सचेंज अब ट्रेडिंग समय को ग्लोबल इंवेस्टर के हिसाब से ढालना चाहता है.

Nasdaq का नया प्रस्तावित ट्रेडिंग शेड्यूल

अभी Nasdaq में प्री मार्केट सुबह 4 बजे से 9 बजकर 30 मिनट तक रेगुलर ट्रेडिंग 9 बजकर 30 मिनट से शाम 4 बजे तक और पोस्ट मार्केट शाम 4 बजे से रात 8 बजे तक चलता है. नए प्रस्ताव के तहत डे सेशन सुबह 4 बजे से रात 8 बजे तक लगातार चलेगा. इसके बाद एक घंटे का ब्रेक होगा और फिर नाइट सेशन रात 9 बजे से अगले दिन सुबह 4 बजे तक रहेगा. रात 9 बजे से 12 बजे तक हुए सौदे अगले ट्रेडिंग दिन के माने जाएंगे. ओपनिंग और क्लोजिंग बेल पहले की तरह ही रहेंगी.

दूसरे एक्सचेंज भी रेस में

Nasdaq के अलावा New York Stock Exchange और Cboe Global Markets भी ट्रेडिंग घंटे बढ़ाने की योजना पर काम कर रहे हैं.

फायदे और चुनौतियां दोनों

लंबे ट्रेडिंग घंटों के सपोर्टर्स का मानना है कि इससे अमेरिका के बाहर बैठे निवेशक वैश्विक घटनाओं पर तुरंत प्रतिक्रिया दे सकेंगे. वहीं कुछ बड़े बैंक कम लिक्विडिटी ज्यादा उतार चढ़ाव और नॉन स्टॉप ट्रेडिंग की व्यवहारिकता को लेकर चिंता जता रहे हैं.

टेक्नोलॉजी और इंफ्रास्ट्रक्चर भी होगा अपग्रेड

लगातार ट्रेडिंग के लिए मार्केट सिस्टम को भी मजबूत किया जाएगा. अमेरिकी क्लियरिंग संस्था DTCC साल 2026 के अंत तक नॉन स्टॉप स्टॉक क्लियरिंग शुरू करने की तैयारी कर रही है.

100 साल पुराने सिस्टम में बड़ा बदलाव

अमेरिकी शेयर बाजार के ट्रेडिंग घंटे सौ साल से भी ज्यादा पुराने हैं जब ट्रेडिंग फिजिकल फ्लोर पर होती थी. अब जबकि कारोबार पूरी तरह डिजिटल हो चुका है तो Nasdaq का यह कदम अमेरिकी बाजार के इतिहास में एक बड़े बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है.

भारतीय बाजारों पर क्या होगा असर?

फिलहाल अमेरिकी बाजारों में होने वाली हलचल का असर भारतीय शेयरों में अगले कारोबारी दिन की ओपनिंग पर देखने को मिलता है. लेकिन 24 घंटे ट्रेडिंग शुरू होने पर भारतीय निवेशक घरेलू बाजार खुलने से पहले ही अमेरिकी बाजारों में हो रहे बड़े बदलावों पर प्रतिक्रिया दे सकेंगे. इससे भारतीय बाजार में ओपनिंग के समय उतार-चढ़ाव बढ़ सकता है और सेंटिमेंट ज्यादा तेज़ी से बदलता नजर आएगा.

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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.