NSE ट्रेडिंग टर्नओवर 2 साल के निचले स्तर पर, डेली वॉल्यूम 1 लाख करोड़ से नीचे, गिरावट से निवेशक अलर्ट
जानकारों का कहना है कि रिटेल निवेशकों और ट्रेडर्स के साथ साथ HNI भी अब दूसरे विकल्प तलाश रहे हैं. कई निवेशक प्राइमरी मार्केट की ओर रुख कर रहे हैं जहां IPO के जरिए लिस्टिंग गेन की उम्मीद बनी हुई है. इसके अलावा कुछ पैसा दूसरे एसेट क्लास में भी शिफ्ट हो सकता है.
शेयर बाजार में निवेशकों की दिलचस्पी बीते करीब दो साल में सबसे कमजोर नजर आ रही है. स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों से रिटर्न को लेकर बनी अनिश्चितता के चलते निवेशक और ट्रेडर दोनों ही अब अलर्ट हो गए हैं. इसका सीधा असर NSE के इक्विटी ट्रेडिंग टर्नओवर पर देखने को मिल रहा है. दिसंबर में अब तक NSE पर इक्विटी सेगमेंट का एवरेज डेली टर्नओवर घटकर 90076 करोड़ रुपये रह गया है. यह स्तर नवंबर 2023 के बाद सबसे कम है. तुलना करें तो नवंबर में एवरेज टर्नओवर 104576 करोड़ रुपये और अक्टूबर में 98740 करोड़ रुपये था. नवंबर 2023 में यह आंकड़ा 70615 करोड़ रुपये के आसपास था.
रिकॉर्ड हाई के बावजूद बाजार में सुस्ती
दिलचस्प बात यह है कि कारोबार में गिरावट ऐसे समय आई है जब एक दिसंबर को सेंसेक्स और निफ्टी ने ऑल टाइम हाई छुआ था. हालांकि उस शिखर से अब तक निफ्टी और सेंसेक्स दोनों ही करीब 2 प्रतिशत नीचे आ चुके हैं.
DII खरीद रहे हैं FPI की बिकवाली
खुराना का कहना है कि घरेलू संस्थागत निवेशक FPI की बिकवाली को सोख रहे हैं. इससे बाजार में नई खरीद की गुंजाइश कम हो रही है और ट्रेडिंग वॉल्यूम दबाव में है.
मिडकैप और स्मॉलकैप ने बढ़ाई चिंता
इस साल अब तक निफ्टी मिडकैप 150 इंडेक्स करीब 3.9 प्रतिशत ऊपर है लेकिन पिछले एक महीने में यह 1.6 प्रतिशत फिसल चुका है. वहीं निफ्टी स्मॉलकैप 250 इंडेक्स 2025 में अब तक 8 प्रतिशत नीचे है और पिछले एक महीने में इसमें 4.4 प्रतिशत की गिरावट आई है.
| महीना | डेली एवरेज टर्नओवर ( करोड़ में ) |
|---|---|
| जनवरी | 96167 |
| फरवरी | 91661 |
| मार्च | 98693 |
| अप्रैल | 100329 |
| मई | 111075 |
| जून | 113440 |
| जुलाई | 94995 |
| अगस्त | 93545 |
| सितंबर | 98312 |
| अक्टूबर | 98740 |
| नवंबर | 104576 |
| दिसंबर | 90076 |
रिटेल और HNI दोनों पीछे हटे
जानकारों का कहना है कि रिटेल निवेशकों और ट्रेडर्स के साथ साथ HNI भी अब दूसरे विकल्प तलाश रहे हैं. कई निवेशक प्राइमरी मार्केट की ओर रुख कर रहे हैं जहां IPO के जरिए लिस्टिंग गेन की उम्मीद बनी हुई है. इसके अलावा कुछ पैसा दूसरे एसेट क्लास में भी शिफ्ट हो सकता है.
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आगे बाजार का रुख किस पर निर्भर करेगा
बाजार के जानकारों की मानें तो छुट्टियों के सीजन में FPI की एक्टिव कम रहने की संभावना है. ऐसे में निकट भविष्य में बाजार की दिशा घरेलू निवेशकों के दम पर तय होगी. अगले साल की शुरुआत में ट्रेडिंग वॉल्यूम इस बात पर निर्भर करेगा कि विदेशी निवेशक भारत में कैसे वापसी करते हैं
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